दलित वर्ग की सबसे बड़ी दुश्मन साबित हुई सत्ताधारी कांग्रेस: हरपाल सिंह चीमा

HARPAL CHEEMA.
ਅਕਾਲੀ ਆਗੂ ਮਜੀਠੀਆ ਨੂੰ ਨਸ਼ਿਆਂ ਦੇ ਮਾਮਲੇ ਵਿੱਚ ਅਦਾਲਤ ਵੱਲੋਂ ਜੇਲ ਭੇਜਣ ਦੇ ਫ਼ੈਸਲੇ ਦਾ ਸਵਾਗਤ: ਹਰਪਾਲ ਸਿੰਘ ਚੀਮਾ

बड़े स्तर पर राशन की सुविधा छीनी तथा लाखों छात्रों की भविष्य तबाह किया: प्रिंसिपल बुद्धराम
आप ने कैप्टन सरकार पर दलित वर्ग के साथ वादाखिलाफी के लगाए आरोप
चंडीगढ़, 20 अगस्त 2021
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को दलित-गरीबों की सबसे बड़ी दुश्मन सरकार करार दिया है। शुक्रवार को पार्टी कार्यालय से जारी एक संयुक्त बयान में पार्टी के सीनियर लीडर और विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा और विधायक बुद्धराम ने पूछा कि चुनाव के दौरान दलितों के कल्याण के झूठे सपने दिखाने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार को पिछले साढ़े चार साल में दलितों की याद क्यों नहीं आई?
हरपाल सिंह चीमा ने आरोप लगाते हुए कहा कि सत्ताधारी कांग्रेस ने दलित वर्ग के साथ किए वादे तो क्या पूरे करने थे, बल्कि दलित वर्ग की गरीबी का मजाक उड़ाया है। जिसका सबसे बड़ा उदाहरण 2ण्5 लाभार्थियों को आटा-दाल राशन कार्ड की सुविधा से वंचित करना तथा छात्रों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना का लाभ न मिलना है। जिसके चलते दो लाख से अधिक छात्रों को बीच में ही अपनी पढ़ाई छोडऩी पड़ी है। चीमा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 5-5 मरले के प्लाट, प्रति महीना 2500 रुपए पेंशन, 51 हजार रुपए शगुन योजना, संपूर्ण कर्ज माफी,घर-घर रोजगार तथा बेरोजगारी भत्ते जैसे वादे को पूरा न कर दलितों व गरीब वर्ग को सबसे बड़ी चोट पहुंचाई है।
चीमा ने कहा कि इसी तरह चार सालों में दलित छात्रों को स्कॉलरशिप योजना का लाभ भी नहीं मिला। इस योजना के तहत अंत में जो 315 करोड़ रुपए जारी हुए थे, उस में भी करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है। लेकिन कांग्रेस ने भ्रष्ट मंत्री तथा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए उन्हें क्लीन चिट जारी कर दी।
वहीं चीमा ने गरीबों और दलितों के लिए राशन योजनाओं की सीमा को सीमित करने को तुगलकी फैसला बताया,जो कोरोना काल में गरीबों और दलितों के लिए घातक साबित हुआ। इस मनमाने और राजनीति से प्रेरित फैसले के कारण लाखों जरूरतमंद और योग्य दलित परिवार राशन योजना के लाभ से वंचित हो गए।
प्रिंसिपल बुधराम ने कहा कि अनुसूचित जाति (एससी) कॉरपोरेशन में एससी घटक योजना को खत्म कर कांग्रेस सरकार ने दलित उद्यमियों को व्यापार क्षेत्र से बाहर कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियों को खत्म करने पर तुली कांग्रेस सरकार ने एससी के लिए आरक्षण नीति को ही नकार दिया है। जिसके परिणामस्वरूप सरकारी विभागों में एससी कोटे का बैकलॉग 30,000 को पार कर गया है। आउटसोर्सिंग या गेस्ट फैकल्टी के समान ठेका या अस्थायी नौकरियों पर आरक्षण की नीति लागू नहीं होती है।
आप नेताओं ने कहा कि कांग्रेस ने प्री -मैट्रिक छात्रवृत्ति व राज्य शिक्षा कल्याण योजना के तहत सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले पहली से आठवीं कक्षा तक के दलित छात्रों को छात्रवृत्ति न देकर अपनी दलित विरोधी सोच को पेश किया है।
बादल और भाजपा की तरह कांग्रेस नहीं चाहती कि दलित व गरीबों के बच्चे पढ़-लिखकर गरीबी मिटा सकें। आप नेताओं ने कहा कि साढ़े चार साल में दलित धर्मशालाओं की मरम्मत या निर्माण के लिए एक रुपया भी जारी न करना कैप्टन सरकार द्वारा दलितों के साथ भेदभाव का एक और उदाहरण है।
आप नेताओं ने कहा कि साढ़े चार साल में पूरे दलित वर्ग को अनदेखा करने वाली सरकार को 2022 में अपनी वादा खिलाफी का हिसाब देना ही पड़ेगा।

 

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