शिरोमणी अकाली दल ने गल पंजाब की मुहिम को सात दिनों के लिए पुननिर्धारित किया

कहा कि पार्टी किसान संगठनों के हर सवाल का जवाब उनकी पंसद की जगह पर देने को तैयार: सरदार सुखबीर सिंह बादल
किसान संघर्ष के खिलाफ कुछ भी कहने से इंकार, कहा कि उनका बयान कांग्रेस और आप कार्यकर्ताओं के लिए जो शिरोमणी अकाली दल के कार्यक्रमों को रोकने के लिए किसानों के रूप में काम कर रहे
कहा कि यह उन केंद्रीय एजेंसियों द्वारा रची गई साजिश का हिस्सा है, जो भाजपा की साजिश के अनुसार राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए कांग्रेस और आप के साथ मिलकर काम कर रहे
चंडीगढ़ 03 सिंतबर 2021 शिरोमणी अकाली दल ने किसान विरोधी काले कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन पर किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत के लिए खुला अवसर प्रदान करने और इस संबंध में पार्टी द्वारा निभाई गई रचनात्मक भूमिका के तरीकों पर चर्चा करने के लिए ‘ गल पंजाब दी लोक लहर’’ छह दिनों के लिए पुनर्निधारित करने की घोषणा की है गल पंजाब की मुहिम, अमलोह से 11 सितंबर को फिर से शुरू होगी।
आज दोपहर यहां पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने यह घोषणा की तथा पंजाब के लोगों को पंजाब विरोधी, किसान विरोधी और सिख विरोधी ताकतों द्वारा पंजाबियोकं के बीच शांति तथा साम्प्रदायिक सौहार्द्र तथा भाईचारक सांझ को खत्म तथा खून खराबे का माहौल पैदा करने की साजिशों के प्रति आगाह किया। उन्होने कहा कि ये ताकतें केंद्रीय एजेंसियों के इशारे पर काम कर रही हैं, और इन्हे कांग्रेस तथा आप का भरपूर समर्थन हासिल है’’।
सरदार बादल ने कहा कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी शिरोमणी अकाली दल द्वारा शुरू की गई लोक लहर का लोगों द्वारा पूरा समर्थन मिलने के कारण हताश होकर यह कर रही हैं। ‘‘ उन्होने अकाली दल की जीत पढ़ ली है तथा अशांति और अस्थिरता की स्थितियां पैदा करके लोगों के जनादेश को विफल करना चाहते हैं। यह सब राष्ट्रपति शासन लगाने तथा अस्सी और नब्बे के दशक के राज्य में दमन के युग को वापिस लाने के लिए किया जा रहा है। उन्होने इस बात का भी ब्यौरा दिया कि किस तरह कांग्रेस और आप ने अकाली दल के कार्यो को रोकने के लिए टीमें बनाई हैं, और यहां तक कि हाल ही में समराला, बाघापुराना और मोगा में शिरोमणी अकाली दल के कार्यक्रम को रोकने वालों की सूची भी जारी की। सरदार बादल ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों से पंजाब की शांति खराब न करने की अपील करते हुए कहा कि हमारा उददेश्य तीनों काले कानूनों को रदद करने की दिशा में काम करवाना है। सरदार बादल ने दोनों दलों से कहा कि आपको कोई ऐसा कदम नही उठाना चाहिए जो इस उददेश्य के राह में आड़े आए ’’।
उन्होने कहा कि भाजपा इन सभी षडयंत्रों के पीछे है, क्योंकि वह भी 1992 के परिदृश्य को दोहराना चाहती है और फर्जी जनादेश के जरिए सता में आना चाहती । उन्होने कहा कि ‘‘ हम जान कुर्बान कर देंगे लेकिन उन काले दिनों को हरगिज वापिस नही होने देंगें, जिसमें राज्य में भाईचारक खून खराबा व राज्य की दशकों की शांति भंग हो गई थी।
अकाली दल अध्यक्ष ने किसान संगठन से बात करने के लिए वरिष्ठ नेताओं की तीन सदस्यीय कमेटी के गठन की घोषणा की ताकि संगठनों तथा पार्टी के बीच किसी भी गलतफहमी की किसी भी संभावना को समाप्त किया जा सके तथा उनके द्वारा दिया गया पार्टी को बेहिचक समर्थन को दोहराया जा सके। कमेटी में बलविंदर सिंह भूंदड़, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, और मनजिंदर सिंह सिरसा शामिल हैं। ‘‘ हम पूरी तरह से किसान आंदोलन के साथ हैं तथा एकजुट होकर समर्थन किया है। हमने संयुक्त मोर्चे द्वारा किए गए सभी आहवाहनों का भी समर्थन किया है और आगे भी करते ही रहेंगें। हम उनके किसी भी प्रतिनिधि द्वारा उनके चयन के स्थान पर पूछे गए प्रत्येक प्रश्न का उत्तर देने के लिए तैंयार हैं। हम किसानों के साथ किसी भी तरह का टकराव में नही आना चाहते’’।
सरदार बादल ने विस्तार से बताया कि किस तरह से शिरोमणी अकाली दल हमेशा किसानों के साथ खड़ा रहा है, और हमेशा किसान समुदाय की भावनाओं के अनुसार काम किया है। उन्होने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार एपीएमसी अधिनियम में संशोधन करके तीनों काले कानूनों को लागू करने का काम किया था। ‘‘ आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में खेती कानूनों को सबसे पहले लागू किया था’’। हम घोषणा करते हैं कि अकाली दल तीनों खेती कानूनों को रदद करने के लिए संघर्ष छेड़ने के लिए प्रतिबद्ध है, और 2022 में अपनी सरकार के गठन के बाद उन्हे लागू नही करेगा।
कोर कमेटी की मीटिंग में जत्थेदार तोता सिंह, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, महेशइंदर सिंह ग्रेवाल, बिक्रम सिंह मजीठिया, गुलजार सिंह रणीके, डाॅ. उपिंदरजीत कौर, जनमेजा सिंह सेखों, डाॅ. दलजीत सिंह चीमा, हीरा सिंह गाबड़िया, सुरजीत सिंह रखड़ा, बलदेव सिंह मान और शरनजीत सिंह ढ़िल्लों भी मौजूद थे।

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