प्रोफेसर चंदूमाजरा ने किसान संगठनों से अनुरोध किया कि वे शिअद लीडरशीप के साथ बातचीत के लिए एक कमेटी बनाएं
चंडीगढ़/06सितंबर 2021 शिरोमणी अकाली दल ने सभी 32 किसान संगठनों के साथ साथ जोगिंदर सिंह उगराहां ग्रुप की अध्यक्षता में बीकेयू (एकता)
को आमंत्रित किया है, ताकि पार्टी के साथ बातचीत के लिए कमेटी का गठन कर , गल पंजाब दी अभियान के बारे सभी गलतफहमियों को दूर किया जा सके।
किसान संगठनों को लिखे इस पत्र में पूर्व सांसद प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि शिरोमणी अकाली दल हमेशा से ही किसानों के साथ एकजुट खड़ा है और संयुक्त कियान मोर्चा (एसकेएम) के हर फैसले का समर्थन किया है। ‘‘ हम किसान संगठनों के साथ बातचीत करके , काले कानूनों को रदद करवाने की भावना सुनिश्चित करना चाहते हैं। यही कारण है कि हमने अपने अभियान को एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है। उन्होने कहा कि बलविंदर सिंह भूंदड़ और मनजिंदर सिंह सिरसा सहित अकाली दल के नेता, किसान संगठनों के चुने हुए समय और स्थान पर एकत्रित होंगें।
अकाली नेताओं ने यह भी विस्तार से बताया कि किस तरह से शिरोमणी अकाली दल गल पंजाब की अभियान के माध्यम से लोगों तक पहुंचने के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग कर रहा है, और कांग्रेस के कुशासन के दौरान तबाह हुए राज्य के पुनर्निर्माण के लिए आवश्यक कदमों पर राय ले रहा है। ‘‘ मुझे विश्वास है कि किसान संगठन इस भावना को समझेंगें और महसूस करेंगें कि हम बड़े पैमाने पर किसानों और राज्य के लोगों की भलाई के लिए काम कर रहे हैं’’।
अकाली नेता ने कहा कि पंजाब में कांग्रेस पार्टी भागों में विभाजित है , गर्वनर और मुख्यमंत्री – कैप्टन अमरिंदर सिंह किए गए किसी भी वादे को पूरा करने में नाकाम रहे हैं। ‘‘ समाज के सभी वर्गों किसानों , नौजवानों यां कमजोर वर्गों को नुकसान हो रहा है । राज्य में कानून नाम की कोई चीज नही है और गैंगस्टर कल्चर बढ़ रहा है। उन्होने कहा कि इसी तरह आप के संयोजक और दिल्ली के संयोजक अरविंदर केजरीवाल ने चाहे वह पंजाब और दिल्ली के एसवाईएल के मुददे पर दोहरे मापदंड अपनाए हैं, पंजाब के किसानों के खिलाफ पराली जलाने के लिए कार्रवाई की मांग की और सुप्रीम कोर्ट में राज्य के थर्मल प्लांटों को बंद कराना हो, सभी मामलों में हमेशा पंजाब के हितों के खिलाफ काम किया है।
प्रो. चंदूमाजरा ने कहा कि ऐसी स्थिति में पंजाब के लोगों शिरोमणी अकाली दल से ही उम्मीद है, यही कारण है कि लोग हाल ही के कार्यक्रमो में बड़ी संख्या में आ रहे हैं। ‘‘ यह जाहिर तौर पर स्पष्ट है कि यह कांग्रेस तथा आप का पंसद नही आ रहा, जो किसानों के साथ साथ राज्य की शांति को समाप्त कर, उनके कारण को बदनाम करना चाहते हैं। ये पार्टियां राज्य में माहौल खराब करने और राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए केंद्र सरकार की नीति का साथ दे रही हैं’’।
अकाली नेता ने कहा कि ऐसी स्थिति में किसान संगठनों के मन में सभी शंकाओं को दूर करना आवश्यक है। प्रो. चंदूमाजरा ने कहा कि हमें उम्मीद है कि किसान नेता बातचीत की प्रक्रिया पर सकारात्मक होंगें और पूरे मामले को सबकी संतुष्टि से सुलझा लिया जाएग ’’।