शिरोमणी अकाली दल ने पंजाब में ट्रेनों पर लगाई गई पाबंदी हटाने को कहा

Daljit Singh Cheema SAD

कहा कि केंद्र को पंजाब में मालगाड़ियों को फिर से शुरू करने के रास्ते में नही आना चाहिए: डॉ. दलजीत सिंह चीमा

कहा कि दोनों सरकारों को जिम्मेदारी से काम करना चाहिए तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि केंद्र-राज्य के संबंधों में दरार न आए

कहा कि मुख्यमंत्री को इस मामले में रेलमंत्री से मुलाकात करनी चाहिए

कांग्रेसी सांसदों और रेलमंत्री के बीच वार्ता के असफल रहने को दुर्भाग्यपूर्ण कहा

चंडीगढ़/05नवंबर: शिरोमणी अकाली दल ने आज केंद्र सरकार से कहा है कि वह राज्य में मालगाड़ियों की सेवाएं फिर से शुरू करके पंजाब पर लगाई गई रेल पाबंदी को तुरंत हटाएं। उन्होने इस मामले में पंजाब कांग्रेस के सांसदों और रेलमंत्री पीयूष गोयल के बीच बातचीत असफल रहने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि केंद्र सरकार के लिए यह अनिवार्य था कि वह राज्यों के अधिकार का सम्मान करे और उनकी वास्तविक समस्या का समाधान करे। ‘ मौजूदा मामले में, किसान संगठनों ने पहले ही ‘रेल रोको’ आंदोलन को हटा लिया है तथा यह भी घोषणा की है कि वे 18 नवंबर तक पंजाब में किसी भी रेल की पटरियों को बंद नही करेंगे। ऐसी स्थिति में केंद्र को पंजाब के लिए फिर से शुरू करने के आड़े नही आना चाहिए और रेलमंत्री को रेल सेवाएं बहाल करने की घोषणा करनी चाहिए। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसा नही किया गया है। केंद्र को इतना सख्त और तानाशाह नही होना चाहिए। यह रवैया भारत जैसे जीवंत लोकतंत्र के लिए ठीक नही है।

डॉ. चीमा ने केंद्र और पंजाब सरकार से वर्तमान स्थिति का हल निकालने के लिए फिर से बातचीत करने को कहते हुए कहा कि केंद्र को आंदोलनकारी किसानों से गलत तरीके से निपटने की कोशिश नही करनी चाहिए तथा इसके कारण पूरे किसान समुदाय और व्यापार तथा वाणिज्य को नुकसान नही पहुंचाना चाहिए। उन्होने कहा कि राज्य सरकार को पंजाब में रेल सेवा की बहाली सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक कदम उठाने चाहिए। ‘ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को केवल कांग्रेस सांसदों पर छोड़ने की बजाय स्वयं रेलमंत्री से मिलने जाना चाहिए था। इसी प्रकार रेलमंत्री को भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राजनीति दृष्टि से देखने की बजाय इस मामले को प्रमुखता देनी चाहिए थी।

अकाली नेता ने रेलमंत्री से पंजाब की सभी मालगाड़ियों को फिर से शुरू करने का अनुरोध करते हुए कहा कि कोयले की कमी के कारण पंजाब पर बिजली का संकट मंडरा रहा है तथा खाद की कमी तथा व्यापार तथा उद्योगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। उन्होने कहा कि इस संकट ने केंद्रीय राज्य संबंधों में भी खट्ास पैदा कर दी है जिसका राज्य की सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। ‘ पंजाबियों को नुकसान न हो, इसके लिए जिम्मेदार और सकारात्मक कार्रवाई करके दोनों पक्षों द्वारा इस मामले को समाधान करने का प्रयास किया जाना चाहिए।

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