शिरोमणी अकाली दल ने स्पीकर से कुलबीर जीरा और बलबीर सिद्धू के खिलाफ आपराधिक मामलेा दर्ज करने की मांग की

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सरदार ढ़िल्लों तथा सरदार मजीठिया ने कहा कि अगर स्पीकर ऐसा नही करते है तो शिरोमणी अकाली दल उनको हटाने के लिए प्रस्ताव लेकर आएगा

मुख्यमंत्री से पूछा कि उन्होने अकाली दल के विधायकों द्वारा सैशन में उपस्थित न होने के बारे झूठ क्यों बोला था जबकि वह स्वयं उस प्रोटोकॅाल के अनुसार चल रहे हैं जो शिरोमणी अकाली दल के विधायकों ने अपनाया था

चंडीगढ़/29अगस्त: शिरोमणी अकाली दल ने आज विधानसभा स्पीकर राणा के पी सिंह से कहा कि कांग्रेस के विधायक कुलबीर सिंह जीरा का नोटिस लें क्योंकि उन्होने कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ साथ पूरी विधानसभा के साथ साथ स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू द्वारा द्वारा विधानसभा में उनके अवैध प्रवेश की अनुमति की सुविधा देने और दोनोे के खिलाफ आपराधिक मामला तत्काल दर्ज करने की मांग की।

यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए शिरोमणी अकाली दल के नेता शरनजीत सिंह ढ़िल्लों और पूर्व मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि शिरोमणी अकाली दल ने विधानसभा की परंपराओं को ध्यान में रखते हुए पूरी तरह से निष्पक्ष तरीके से कार्य करने की अपेक्षा की थी। ‘लेकिन अगर वह ऐसा नही करते हैं और पक्षपातपूर्ण भूमिका निभाया है। उन्होने जीरा के अवैध कारनामोें के रूप में स्वास्थ्य मंत्री को कोविड-19 के प्रोटोकॉल की रक्षा करनी चाहिए थी, शिरोमणी अकाली दल स्पीकर को अपनी कुर्सी से हटाने के लिए एक प्रस्ताव लाने के लिए विवश हो जाएगा।

इस बारे अन्य जानकारी देते हुए सरदार शरनजीत सिंह ढ़िल्लों और सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि कुलबीर जीरा का फिरोजपुर में 26अगस्त को कोविड-19 टेस्ट किया गया था तथा उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी इसीलिए उन्हे विधानस्भा का सैशन में भाग लेने से परहेज करना चाहिए था। नेताओं ने कहा कि विधानसभा सत्र में भाग लेने से परहेज करने की बजाय जीरा ने दावा किया कि बलबीर सिद्धू ने 28अगस्त की सुबह को उनके लिए कोविड-19 नैगेटिव रिपोर्ट खरीदी, जिसके आधार पर विधायक ने सत्र में भाग लिया। इसके साथ ही स्वास्थ्य अधिकारियों ने 27अगस्त को स्वास्थ्य मंत्री को जीरा की पॉजिटिव रिपोर्ट के बारे में सूचित किया था। स्वास्थ्य मंत्री ने जाहिरा तौर पर अपने ही विभाग के प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया और उन्हे बर्खास्त किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाना चाहिए।

इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की भूमिका के बारे में बोलते हुए अकाली नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पहले बयान दिया कि शिरोमणी अकाली दल के विधायक जो विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला के संपर्क में आए उन्हे कोविड पॉजिटिव का टैस्ट करवाना चाहिए तथा उन्हे विधानसभा के सत्र में शामिल नही होना चाहिए। ‘हालांकि सत्र के दिन मुख्यमंत्री ने सफेद झूठ बोलते हुए कहा कि अकाली विधायक जानबूझकर सत्र में नही आए थे। हम मुख्यमंत्री से पूछना चाहते हैं कि कुलबीर जीरा के संपर्क में आने बाद वह 7 दिनों के एकांतवास में क्यो जा रहे हैं। क्या वह उसी प्रोटोकॉल का पालन नही कर रहे जिसका पालन अकाली दल के विधायकों ने किया था? अगर हां तो वह दुर्भावनापूर्ण झूठ के साथ लोगों को मुर्ख बनाने की कोशिश क्यों कर रहे हैं?

सरदार ढ़िल्लों और सरदार मजीठिया ने कहा कि सच्चाई यह है कि स्पीकर और मुख्यमंत्री नही चाहते थे कि मिशन फतेह को इस बात के लिए उजागर किया जाए क्योंकि -यह मिशन झूठ और मिशन लूट था। यही कारण है कि स्पीकर और मुख्यमंत्री दोनो ने अपने कोविड पॉजिटिव सहयोगियों के साथ सत्र में भाग लेने को लेकर अपने कोविड पॉजिटिव सहयोगियों के संपर्क में आने वाले कांग्रेसी विधायकों को नही रोककर दोहरे मापदंड अपनाए। इस नीति का खतरनाक परिणाम हो सकता है । इस नीति के गलत उपयोग से 80 साल के मुख्यमंत्री के साथ अगर कोई अप्रिय घटना होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? स्पीकर को स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रोटोकॉल के इस खतरनाक उल्लंघन के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए यंा अविश्वास प्रस्ताव में उजागर होने के लिए तैयार रहना चाहिए।

अकाली नेताओं ने कांग्रेस विधायक प्रगट सिंह की सराहना करने के अलावा मुख्यमंत्री के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की, जिन्होने जिम्मेदारी से काम किया और कोविड-19 टैस्ट परिणामों में पॉजिटिव-नेगेटिव फ्लिप-फ्लॉप के बाद विधानसभा सत्र से अनुपस्थित रहे।

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