प्रो. चंदूमाजरा और डॉ. चीमा ने मुख्यमंत्री से सर्वदलीय मीटिंग बुलाने और एस.वाई.एल पर आप पार्टी की सरकार का रूख स्पष्ट करने की मांग की
चंडीगढ़/09सितंबर :- शिरोमणी अकाली दल ने एसवाईएल नहर मुददे पर अरविंद केजरीवाल की सुविधा के लिए जिनका लक्ष्य पंजाब का पानी हरियाणा और दिल्ली में पहुंचाना है, सुप्रीम कोर्ट में पंजाब के मामले का प्रतिनिधित्व करने के लिए जानबूझकर किसी वरिष्ठ वकील को मैदान में नही उतारने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान की निंदा की ।
यहां एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए अकाल दल के वरिष्ठ नेता प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा और डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा, ‘‘ यह पहली बार है कि जब जब एसवाईएल मामले में शीर्ष अदालत में सुनवाई होने पर पंजाब सरकार ने इसके लिए एक भी वरिष्ठ वकील को मैदान में नही उतारा है। यहां तक कि राज्य के महाधिवक्ता को भी सेवा में नही लगाया गया है। उन्होने कहा कि यह स्पष्ट है कि यह पंजाब के खिलाफ एकतरफा निर्णय हासिल करने के लिए दिल्ली में पार्टी आलाकमान के साथ मिलकर ऐसा किया गया है’’।
अकाली नेताओं ने भगवंत मान से पंजाबियो ंको यह बताने के लिए कहा कि वह अरविंद केजरीवाल के आदेश पर एक के बाद एक पंजाब विरोधी रूख क्यों अपना रहे हैं। उन्होने कहा, ‘‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि पंजाब सरकार ने पंजाब के दृढ़ रूख बारे सुप्रीम कोर्ट को सूचित तक नही किया कि रिपेरियन कानून के अनुसार नदी के पानी पर उसका अविभाज्य अधिकार है और इस मुददे पर कोई समझौता नही किया जा सकता है। उन्होने कहा कि ऐसा करने के बजाय पंजाब सरकार ने हरियाणा के समकक्ष के साथ बातचीत करने की स्वीकृति दे दी ‘‘जो किसानों और अर्थव्यवस्था से जुड़े इस महत्वपूर्ण मुददे पर राज्य के रूख के साथ विश्वासघात है’’।
प्रो.चंदूमाजरा ने यह भी मांग की कि मुख्यमंत्री पंजाबियों को इस महत्वपूर्ण मुददे पर आप पार्टी के रूख का खुलासा करने के लिए सर्वदलीय मीटिंग बुलाएं। उन्होने कहा, ‘‘ भगवंत मान का हरियाणा का दौरान, केजरीवाल के प्रति उनकी अधिनता और आप सांसद सुशील गुप्ता के साथ प्रचार , जिन्होने गारंटी दी थी कि एसवाईएल का पानी हरियाणा में बहेगा, ने पंजाबियों को गलत संदेश दिया है कि वह राज्य की पीठ में छुरा घोंपने के लिए तैयार हो रहे हैं। उन्होने कहा कि यदि मुख्यमंत्री अपना रूख स्पष्ट नही करते हैं तो अकाली दल पंजाबियों को जागो पंजाब आंदोलन के माध्यम से संगठित करेगा , ताकि सरकार को राज्य के लोगों की भावनाएं सुनने के लिए मजबूर किया जा सके’’।
डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि जब मुख्यमंत्री ही इसे बेचने की तैयारी कर रहे हैं, आप पार्टी के विधायकों को भी इस महत्वपूर्ण मुददे पर अपना रूख स्पष्ट करना चाहिए। उन्होने कहा कि पंजाबियों ने आप पार्टी को भारी बहुमत दिया है और 92 विधायक चुने हैं। उन्होने कहा, ‘‘ ये विधायक लेागों के प्रति जवाबदेह हैं और उन्हे आप पार्टी और भगवंत मान के नौकरों की तरह व्यवहार नही करना चाहिए, बल्कि पंजाबियों की भावनाओं की आवाज बनना चाहिए’’।
वरिष्ठ नेताओं ने मुख्यमंत्री को इतिहास न दोहराने और राज्य में अशांति पैदा करने की चेतावनी दी । उन्होने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री दरबारा सिंह की इंदिरा गांधी को बेचे जाने से एसवाईएल के निर्माण और अशांति मे युग की नींव रखी थी। उन्होने कहा, ‘‘ अब ऐसा लगता है कि भगवंत मान भी अरविंद केजरीवाल के इसी तरह के दबाव में हैं’’।
अकाली नेताओं ने अकाली दल अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल के इस रूख को भी दोहराया कि अकाली दल राज्य से पानी की एक बंूद भी बाहर नही जाने देगा। उन्होने कहा कि एसवाईएल मुददे को पूर्व मुख्यमंत्री सरदार परकाश सिंह बादल ने बंद कर दिया था, जिन्होने 2016 में एक विधेयक पारित किया था, जिसमें जिस पर नहर का निर्माण किया गया था ,उस जमीन को किसानों को मुफ्त में सौंपने के लिए कहा गया था, । उन्होने कहा, ‘‘ अब न तो नहर है और न ही देने के लिए कोई पानी है। ’’