शिरोमणी अकाली दल ने शिक्षकों के साथ भेदभाव करने और उन्हे सड़कों पर आने के लिए मजबूर करने के लिए कांग्रेस सरकार की निंदा की

सरकार, सरकारी शिक्षकों की शिकायतों का तुरंत समाधान करे: डाॅ. दलजीत सिंह चीमा
चंडीगढ़/04जून 2021 शिरोमणी अकाली दल ने आज कांग्रेस सरकार की शिक्षकों के साथ भेदभाव करने और उन्हे सड़कों पर आने के लिए मजबूर करने की निंदा की। उन्होने शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला से कहा कि वह तानाशाही व्यवहार न करे और सरकारी स्कूल के अध्यापकों की शिकायतों को तुरंत समाधान करे।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि महामारी के समय जब भावी पीढ़ियों का सुनहरी भविष्य बनाने में में शिक्षण समुदाय की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है , कांग्रेस सरकार ने उनकी मांगों को मानने के बजाय उन्हे प्रताड़ित कर रही है। ‘ सरकार को शिक्षक प्रतिनिधियों को तुरंत बुलाकर उनके सभी मुददों को तुरंत हल करना चाहिए और इसमें असफल रहने पर शिरोमणी अकाली दल न्याय की मांग सुनिश्चित करने में शिक्षकों का समर्थन करेगा।
इस बारे में अन्य जानकारी देते हुए डाॅ. चीमा ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों को उनकी मांगे मानने से इंकार करके दरकिनार कर दिया है, तथा उन्हे राज्य के प्रमुख शहरों में मोटर साइकिल रैलियां निकालने के लिए मजबूर कर दिया है। उन्होने कहा कि सरकार महामारी के दौरान स्कूलों में सुचारू शिक्षा के लिए पेशेवर नीति लाने में विफल रही है , तथा बार बार प्रयोग कर रही है जिससे शिक्षा प्रणाली मे अव्यवस्था आ गई है।
डाॅ. चीमा ने कहा कि सरकार शिक्षकों को प्रशिक्षण और पुस्तकों और भोजन बांटने के गलत तरीकों का इस्तेमाल कर रही है, क्योंकि यह उन शिक्षकों का दमन कर रही है जो अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं तथा उनके रोष प्रदर्शन के विरोध में उनके वेतन में कटौती कर रही है।
उन्होने बताया कि कैसे नौवीं बार प्राइमरी शिक्षकों का तबादला किया गया , और कैसे सरकार छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट जारी नही कर रही है तथा जानबूझकर इसे लागू करने में देरी कर रही है। डाॅ. चीमा ने सरकार से मांग की कि जनवरी, 2004 से बंद पड़ी पेंशन को फिर से शुरू करने सहित अध्यापकों की अन्य मांगो पर भी सरकार सहानुभूतिपूर्वक विचार करे।

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