चंडीगढ़, 7 फरवरी 2024
शिरोमणी अकाली दल ने आज महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार द्वारा नांदेड़ सिख गुरुद्वारा सचखंड श्री हजूर अभचल साहिब एक्ट 1056 के पुनर्गठन की निंदा करते हुए कहा कि इस कदम से सिखों के हितों को नुकसान पहुंचा है।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए अकाली दल के वरिष्ठ नेता डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि यह कदम सिख धार्मिक मामलों में सीधा हस्तक्षेप है और इसे तत्काल रदद किया जाना चाहिए।
डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि राज्य सरकार ने बोर्ड के कुल 17 सदस्यों में से 12 को सीधे नामित करने का मार्ग प्रशस्त किया है।उन्होने कहा कि एसजीपीसी द्वारा भेजे गए सदस्यों की संख्या 4 से घटाकर 2 कर दी गई है, यहां तक कि प्रमुख खालसा दीवान और हजूरी सचखंड दीवान का नामांकन भी समाप्त कर दिया गया है। उन्होने कहा,‘‘ इसी तरह दो सिख सांसद जो बोर्ड के सदस्य हुआ करते थे, उन्हे भी नए संशोधन में इस अधिकार से वंचित कर दिया गया है’’।
अकाली दल के वरिष्ठ नेता ने कहा कि ऐसा लगता है कि एकनाथ शिंदे सरकार मनमाने ढ़ंग से गुरुद्वारा बोर्ड का नियंत्रण अपने हाथ में लेना चाहती है, जिसे सिख संगत कभी बर्दाश्त नही करेगी।