शिरोमणी अकाली दल ने तीनो खेती कानूनों पर चर्चा तथा निरस्त करने के लिए स्थगन प्रस्ताव ठुकराने के लिए एनडीए सरकार की निंदा की

सरदार सुखबीर सिंह बादल और सरदारनी हरसिमरत कौर बादल ने बसपा सांसदों के साथ संसद के बाहर धरना दिया
खेती कानूनों पर चर्चा के लिए सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होने की अपील की
चंडीगढ़/19जुलाई 2021 शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज देश के किसान समुदाय की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए तीनों खेती कानूनों को रदद करने की मांग की तथा उनके साथ बहुजन समाज पार्टी तथा अन्यों ने मिलकर पार्टी द्वारा लाए गए स्थगत प्रस्ताव को ठुकराने के लिए एनडीए सरकार की निंदा की।
शिरोमणी अकाली दल अध्यक्ष ने संसद के बाहर अपने राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा सहित पूर्व मंत्री सरदारनी हरसिमरत कौर बादल तथा बसपा सासंदों के साथ मिलकर इसका विरोध किया और जोर देकर कहा कि किसानों की मांग पर संसद में चर्चा करने और केंद्र सरकार द्वारा इस मांग को माने जाने तक शिअद-बसपा गठबंधन विरोध जारी रखेगा।
सरदार सुखबीर सिंह बादल ने सभी राजनीतिक दलों से काले कानूनों पर चर्चा के लिए मजबूर करने के लिए एकजुट होने का आग्रह किया। उन्होने कहा कि ‘‘ हमें इस मुददे को प्राथमिकता देनी चाहिए। इस समय इससे ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ भी नही है। किसान अपनी मांगों को लेकर पिछले आठ महीनों से अधिक समय से आंदोलन कर रहे हैं। इसमें 500 से अधिक किसान शहीद हुए हैं। हमने किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि देने का प्रस्ताव पेश किया है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि संसद में किसानों की शहाहत का सम्मान नही किया जाता है’’।
अकाली दल अध्यक्ष ने एनडीए सरकार ने कहा है कि एक चुनी हुई सरकार को जिम्मेदारी निभाते हुए किसानों के प्रति संवेदनशील तरीके से काम करना चाहिए। उन्होने कहा कि किसानों की बात सुनने के बजाया केंद्र सरकार ने शांतिपूर्ण आंदोलन को बदनाम करने तथा दमन करने की कोशिश की। ‘‘ अब तक किसानों से बातचीत करने तथा उनकी शिकायतों का समाधान करने का कोई प्रयास नही किया जा रहा है। ऐसा रवैया लोकतंत्र के लिए ठीक नही है। उन्होने केंद्र सरकार से मांग की है कि वे किसानों की मंागों को क्यों नही सुन रही है, यही कारण है कि किसानों ने सरकार पर से विश्वास खो दिया है’’।
सरदार बादल ने कहा कि किसानों , खेत मजदूरों तथा खेत व्यापारियों की घोर अवहेलना कर काले कानून पारित किए गए हैं। सरदार बादल ने कहा कि कानून संविधान निर्माताओं द्वारा संघवाद का उल्लंघन किया जा रहा है। उन्होने कहा कि खेती कानून भारतीय खेती का निगमीकरण करने के लिए बनाए गए हैं, तथा इसके कारण अनाज की सुनिश्चित खरीद नही की जाएगी तथा किसानों को कारपोरेशनज् की दया पर छोड़ दिया जाएगा।
सरदार बादल ने कहा कि शिरोमणी अकाली दल तीनों खेती कानूनों को निरस्त करने तक तथा किसान समुदाय के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए दबाव बनाना जारी रखेगा। ‘‘उन्होने कहा कि हम किसानों के अधिकारों का किसी भी कीमत पर हनन नही होनें देंगें ’’।

 

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