सरदार सुखबीर सिंह बादल ने मुख्यमंत्री को ड्रग्स मामले की जांच हाईकोर्ट के किसी मौजूदा जज से कराने की चुनौती दी
पार्टी ने किसान आंदोलन की जीत की सराहना की, प्रधानमंत्री से एमएसपी को कानूनी अधिकार बनाने और किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों का वापिस लिए जाने की मांग की
चंडीगढ़/26नवंबर 2021
शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज घोषणा की है कि वरिष्ठ नेता स. बिक्रम सिंह मजीठिया को झूठे ड्रग्स मामले में फंसाने की कांग्रेस की साजिश के विरोध में पार्टी की कोर कमेटी कल यहां मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के आवास के सामने गिरफ्तारियां देगी।
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पार्टी की कोर कमेटी की मीटिंग के बाद यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए शिअद अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता कल दोपहर मुख्यमंत्री आवास के सामने गिरफ्तारियां देगें। ‘‘इसके बाद जिला स्तर पर ‘ जेल भरो’ आंदोलन होगा’’।
कांग्रेस पार्टी द्वारा उनके खिलाफ झूठा मामला दर्ज करने की योजना में नाकाम रहने के कुछ ही दिनों के भीतर रची गई दूसरी साजिश का ब्यौरा देते हुए सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा, ‘‘ हमारे पास पक्की जानकारी है कि मुख्यमंत्री ने राज्य के डीजीपी को उनके खिलाफ झूठा मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। यह मुख्यमंत्री द्वारा पीसीसी प्रमुख और गृहमंत्री सुखजिंदर रंधावा के साथ मीटिंग करने के बाद किया गया है’’।
सरदार बादल ने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ साथ उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी इस साजिश में शामिल अन्य अधिकारी यह आपराधिक अपराध कर रहे हैं। उन्होने यह भी घोषणा की कि शिअद-बसपा गठबंधन की सरकार बनने के बाद सभी झूठे मामलों की जांच के लिए एक कमिशन का गठन करेगा, तथा उन्होने मंाग की कि ड्रग्स मामले की जांच पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के एक वर्तमान न्यायाधीश की सीधी निगरानी में की जाए।
सरदार बादल ने कहा कि यह स्पष्ट है कि चन्नी और सिद्धू दोनों ही सभी मोर्चों पर अपनी सरकार की विफलता से ध्यान हटाने के लिए अकाली नेताओं के खिलाफ प्रतिशोध की दौड़ में शामिल हो रहे हैं। ‘‘ हम इसे शिरोमणी अकाली दल के लिए एक चुनौती के रूप में देखते हैं और इसे सहर्ष स्वीकार करते हैं। सरदार मजीठिया के खिलाफ देश में किसी भी कानून लागू करने वाली एजेंसी द्वारा कोई मामला दर्ज नही है। अरविंद केजरीवाल जैसे, जिन्होने अतीत में आरोप लगाया था, माफी मांगकर खुद को जेल से बचाना पड़ा था। जहां दूसरे ऐसा करने में नाकाम हो गए हैं, नई सत्ता के नशे में धुत चन्नी भी विफल हो जाएंगें’’।
पार्टी ने घोषणा की कि ये घटिया हथकंडे और बदलाखोरी की कार्रवाई अकाली दल को सरकार सरकारी की विफलताओं और लोगों को लुभाने वाले उपायों की घोषणा करने में उसके पाखंड को उजागर करने से नही रोक पाएगी, जिनमें से अंधिकाश लागू ही नही किए गए हैं।
इस बीच अकाली दल ने किसान आंदोलन की जीत की सराहना का स्वागत करते हुए कहा कि शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीकों से अपने लक्ष्य को हासिल कर पूरी दुनिया में एक अनूठी मिसाल पेश की है। ‘‘हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताना चाहते हैं कि अगर भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने शिअद की बात सुनी होती तो उसे यह दिन नही देखना पड़ता’’। उन्होने कहा कि अकाली दल ने अपनी ओर से किसान संघर्ष में पूरी ताकत से योगदान दिया। केंद्रीय मंत्रिमंडल छोड़ दिया और पूर्व मुख्यमंत्री सरदार परकाश सिंह बादल ने तीनों कृषि कानूनों को लागू करने के विरोध में पदम विभूषण लौटा दिया था। उन्होने किसान आंदोलन के प्रति एसजीपीसी और दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा किए गए योगदान को भी याद किया, क्योंकि उन्होने केंद्र से मांग की थी कि वह एमएसपी को कानूनी अधिकार बनाए और अपने संघर्ष के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज सभी मामलों को वापिस ले।
इस मौके पर कोर कमेटी के वरिष्ठ सदस्यों में बलविंदर सिंह भूंदड़, एसजपीपीसी अध्यक्ष बीबी जागीर कौर, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, महेशइंदर सिंह ग्रेवाल, डॉ. दलजीत सिंह चीमा, गुलजार सिंह रणीके जगमीत सिंह बराड़, जनमेजा सिंह सेखों, हीरा सिंह गाबड़िया, सिकंदर सिंह मलूका, सुरजीत सिंह रखड़ा, बलदेव मान, शरनजीत सिंह ढ़िल्लों तथा हरमीत सिंह कालका शामिल थे।