शिअद अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी के प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रभावित किसानों को न्याय सुनिश्चित करने के लिए के राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा, जिन्हे कांग्रेस सरकार द्वारा हास्यास्पद रूप से कम से कम मुआवजे की पेशकश की जा रही
चंडीगढ़/24सितंबर 2021
शिरोमणी अकाली दल ने आज मांग की है कि राज्य में विभिन्न राजमार्गों के लिए भारत माला प्रोजेक्ट के तहत अधिग्रहीत की जा रही जमीन के लिए किसानों के मुआवजे में कम से कम 100 फीसदी बढ़ोतरी की जाए।
शिरोमणी अकाली दल के प्रतिनिमंडल की अगुवाई करते हुए पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को मेमोरेंडम सौंपने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए सरदार बादल ने कहा कि पंजाब के किसानों को राज्य सरकार के ‘‘ कुटिल और गुप्त निर्णय’’ द्वारा 25 हजार करोड़ रूपये की लूट की गई है, ताकि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों की भूमि के लिए कलेक्टर दरों को काफी कम किया जा सके। इस अधिग्रहण से पड़ोसी 75 हजार एकड़ जमीन पर समानान्तर प्रभाव पड़ेगा , जो उपभागों में बंटने के बाद बेकार हो जाएगा’’।
अकाली प्रतिनिधिमंडल में सरदार बादल के साथ जत्थेदार तोता सिंह, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, जत्थेदार महेशइंदर सिंह ग्रेवाल, डाॅ. दलजीत सिंह चीमा , जत्थेदार हीरा सिंह गाबडिया, ऐन के शर्मा और हरचरण सिंह बैंस शामिल थे।
सरदार बादल ने यह भी घोषणा की कि जब तक सरकार अपने फैसले को वापिस लेने यां उचित रूप से बदलने में सफल नही हो जाती, तब तकवह किसानों को न्याय दिलानें के लिए संघर्ष करती रहेगी।
उन्होने घोषणा की कि पार्टी 12 सितंबर को कांग्रेस के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के आवास तक ट्रैक्टर मार्च का आयोजन करेगी ताकि किसानों की सिर्फ मांगों पर सरकार पर दबाव बनाया जा सके। ‘‘ किसान इस मुददे पर सरकारी उच्च उदारता के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। हम हर मुददे पर किसानों के साथ खड़े हैं और आगे भी ऐसा ही करते रहेंगें। किसान और शिरोमणी अकाली दल एक दूसरे के अभिन्न अंग हैं’’।
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पार्टी द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव में कहा गया है कि भारत माला प्रोजेक्ट के तहत पंजाब के 19 विभिन्न जिलों में अधिग्रहीत 25 हजार एकड़ जमीन के मालिकों के साथ कांग्रेस सरकार द्वार किए गए गलत व्यवहार के बारे में बताया गया। अधिग्रहीत किए गए हिस्से दिल्ली-जम्मू कटड़ा एक्सप्रेसवे हाईवे, जामनगर -अमृतसर एक्सप्रेसवे, अमृतसर-ऊना हाईवे, लुधियाना-रोपड़ हाईवे, बरनाला-बठिंडा-गंगानगर हाईवे , मोहाली सरहिंद हाईवे, मलौट , जालंधर और पटियाला बाईपास और अन्य संबंधित सड़क प्रोजेक्ट के लिए है।
ज्ञापन में कहा गया है कि अधिग्रहण से आसपास की जमीनों के बड़े हिस्से की सिंचाई की समस्याए पैदा होंगी और बारिश के पानी की प्राकृतिक जल निकासी पर भी असर पड़ेगा, जिससे बाद में इलाके में बाढ़ आ सकती है। ‘‘ पंजाब सरकार इस जमीन को औसत कलेक्टर रेट पर अधिग्रहीत कर किसानों के साथ बहुत अन्याय कर रही है, जो बाजार दरों से बेहद कम है। दूसरा, विभिन्न जगहों पर जमीन के लिए समान नीति का पालन नही किया जा रहा है’’।
मेमोरेंडम में आगे लिखा गया है कि पीड़ित किसान महीनों से शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से इसका विरोध कर रहे हैं, लेकिन कंाग्रेस सरकार इसमें उदासीनता दिखा रही है।
मेमोरेंडम में राज्यपाल से सरदार परकाश सिंह बादल की अगुवाई वाली सरकार द्वारा अपनाई गई तर्ज पर किसानों की समर्थक भूमि अधिग्रहण नीति बनाने के लिए कहने का आग्रह किया गया है।
ज्ञापन में मांग की गई है कि राज्य सरकार को कलेक्टर रेट प्लस गुणक फैक्टर के बजाय बाजार मूल्य का भुगतान करने का निर्देश दिया जाए। इसके अलावा प्रभावित किसानों द्वारा उठाई गई मांगों के अनुसार शत-प्रतिशत सोलेटियम दिया जाना चाहिए। यह भी मांग की गई है कि किसानों को उनके खेतों तक जाने के लिए सर्विस लेन बनाई जानी चाहिए।