मुख्यमंत्री राजा वड़िंग द्वारा किए गए 60 करोड़ रूपये के बस खरीद और बॉडी बिल्डिंग घोटाले को सीबीआई को सौंपें: शिरोमणी अकाली दल


कहा कि पूर्व परिवहन मंत्री वड़िंग ने 840 बसों की खरीद के साथ साथ बॉडी बिल्डिंग अनुबंधों में से प्रत्येक में 30 लाख रूपये प्रति बस घोटाला किया: सरदार सिकंदर सिंह मलूका

शिरोमणी अकाली दल को विश्वास है कि भगवंत मान, जिन्होने भ्रष्टाचार को जीरो टॉलरेंस का प्रस्ताव दिया, इस मामले में तत्काल कार्रवाई करेंगें

चंडीगढ़/24जून :-  शिरोमणी अकाली दल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पूर्व परिवहन मंत्री और पंजाब प्रदेश कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग द्वारा किए गए 60 करोड़ रूपये के बस खरीद और बस बॉडी बिल्डिंग घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश देने की मांग की है।

यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका ने कहा कि राजा वड़िंग की भ्रष्ट गतिविधियों को एक आरटीआई के माध्यम से पूरी तरह पर्दाफाश किया गया था। ‘‘ ऐसा लगता है कि राजा वड़िंग ने सारी हदें पार कर दी हैं। उन्होने न केवल पंजाब रोडवेज और पेप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (पीआरटीसी) को 840 बसों के बस बॉडी बिल्डिंग शुल्क पर 4 लाख रूपये का नुकसान होने दिया, इस तथ्य के बावजूद कि नई बसों के बेड़े को लागत मूल्य पर खरीदा गया था। कंपनियां सैंकड़ों वाहनों पर बड़े ऑर्डर पर प्रति बस 4 लाख रूपये तक की छूट देती है।
यह कहते हुए कि राजा वड़िंग द्वारा बस बॉडी बिल्डिंग के साथ साथ 840 बसों की खरीद पर लगभग 30 करोड़ रूपये का घोटाला किया गया । सरदार सिकंदर सिंह मलूका ने कहा कि पूरे मामले की स्वंतत्र और निष्पक्ष जांच के लिए पूरे मामले को सीबीआई को सौंप देना चाहिए। उन्होने कहा, ‘‘ मुझे यकीन है कि मुख्यमंत्री जो कहते हैं कि वह भ्रष्टाचार विरोधी हैं और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस के  पक्षधर हैं, इस मामले में तत्काल कार्रवाई करेंगें। अगर वह ऐसा नही करते हैं तो भ्रष्टाचारियों को सलाखों के पीछे डालने के उनके बयान को महज जुमलेबाजी के तौर पर देखा जाएगा।

राजा वड़िंग द्वारा की गई घोर अनियमितताओं के बारे में अन्य जानकारी देते हुए अकाली नेता ने कहा कि कांग्रेसी नेता ने पंजाब में बस बॉडी बिल्डिंग में लगी दो कंपनियों द्वारा दिए गए 8.20 लाख तथा 8.40 लाख रूपये प्रति बस के कम उद्धरणों की भी  अनदेखी की थी  और 840 बसों के पूरे बेड़े के बस बॉडी बिल्डिंग का ठेका जयपुर की एक कंपनी को 11.98 लाख रूपये प्रति बस दिया था। ‘‘इससे राज्य के खजाने को प्रति बस लगभग 4लाख रूपये का नुकसान हुआ था। उन्होने कहा कि सिर्फ इतना ही नही ‘‘ पंजाब सरकार को राजस्थान में बसों के परिवहन में 1.51 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ और राजस्थान सरकार को करों में 18 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ’’।

सरदार मलूका ने कहा कि पंजाब स्थित कंपनी जिसने बॉडी बिल्डिंग शुल्क  के लिए प्रति बस 8.20 लाख रूपये की दर दी थी, उसने पहले राजस्थान रोडवेज की बसों का निर्माण किया था। ‘‘ इसी कंपनी ने पहले 2018 में 100 पीआरटीसी बसों के लिए 7.10 लाख रूपये प्रति बस के लिए निकायों का निर्माण किया था। उन्होने कहा कि यह स्पष्ट है कि राजा वड़िंग ने बस बॉडी बिल्डिंग में अपने बेहतर कौशल के लिए जाने जाने वाले पंजाब के बॉडी बिल्डिरों की उपेक्षा की थी और सौदे में  बाहरी पार्टियों को अत्यधिक कीमतों पर ठेका दिया।

सरदार मलूका ने कहा कि इसी तरह बस खरीद के मामले में राजा वड़िंग निर्माताओं को  बड़े ऑर्डर पर भारी छूट देने के लिए जाने जाते हैं। ‘‘ हालांकि वड़िंग ने प्रति बस 4लाख रूपये तक की आवश्यक छूट नही ली, यह दर्शाता है कि उन्हे खरीद आदेश देते समय उन्हे रिश्वत मिली थी’’।

यह कहते हुए कि इस मामले में सीबीआई जांच सबसे उपयुक्त होगी, सरदार मलूका ने कहा कि ‘‘ यह अंतर-राज्यीय मामला है। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी भी घोटाले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच को प्राथमिकता देगी। अकाली दल ने आम आदमी पार्टी की सरकार से इस मामले को तुरंत सीबीआई को सौंपने की अपील की

 

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