डाॅ. दलजीत सिंह चीमा और श्री पवन टीनू ने मांग की कि मामले में शुरू हुई सीबीआई जांच को समयबद्ध पूरा किया जाए
चंडीगढ़/28जुलाई 2021 शिरोमणी अकाली दल ने आज समाज कल्याण मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को राज्य मंत्रिमंडल से तत्काल बर्खास्त करने, उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के साथ साथ अनुसूचित जाति छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में उनकी गिरफ्तारी की मांग की है।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की शिकायत के बाद मंत्री के खिलाफ सीबीआई जांच शुरू होने के बाद यहां पत्रकारों को सबंाधित करते हुए डाॅ. दलजीत सिंह चीमा तथा श्री पवन कुमार टीनू ने कहा कि जब तक धर्मसोत पंजाब मंत्रिपरिषद में रहे तब तक इस मामले में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच नही हो सकती। ‘‘ पंजाब समाज कल्याण विभाग को मामले का पूरा रिकाॅर्ड सीबीआई को सौंपने की कतई उम्मीद नही की जा सकती कि वह अपने ही मंत्री के खिलाफ दस्तावेज प्रदान करेगा। मंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए , लेकिन यह उम्मीद करना गलत है इसीलिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को धर्मसोत को तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए’’।
इस मामले में अन्य जानकारी देते हुए श्री पवन कुमार टीनू ने कहा कि शिरोमणी अकाली दल इस मामले को लगातार उठा रहा है, और यहां तक कि सामाजिक मंत्री थवर चंद गहलोत से भी मुलाकात की थी ताकि सामाजिक कल्याण विभाग के तत्कालीन प्रमुख सचिव कृपा शंकर सरोज द्वारा 64 करोड़ रूपये के एस.सी घोटाले की जांच सुनिश्चिित की जा सके। उन्होने कहा कि भले ही केंद्र ने इस मामले की सीबीआई जांच कराने का फैसला लेने में दस महीने का समय लिया था, लेकिन इससे उन लाखों एस.सी छात्रों को न्याय सुनिश्चित कराना चाहिए, जिनका भविष्य साधु सिंह धर्मसोत ने खराब कर दिया है। उन्होने कहा कि ‘‘सीबीआई जांच को समयबद्ध बनाया जाना चाहिए’’।
श्री टीनू ने कहा कि धर्मसोन ने भ्रष्टाचार की सभी तरीकों को पार कर, निदेशालय की पूरी शक्तियों को अपने कब्जे में ले लिया और एक कनिष्ठ अधिकारी को तैनात किया, जो उनके साथ जुड़ा हुआ था। ‘‘ इसके बाद केंद्र से 39 करोड़ रूपये के रूप में अनुसूचित जाति छात्रवृत्ति के पैसे अन्य संस्थानों को दे दिए गए। सिर्फ इतना ही नही,पिक एंड चूज पाॅलिसी के अंर्तगत सरकार को 7 करोड़ रूपये बकाया रखने वाली संस्थानों को 17 करोड़ दिए गए थे। उन्होने कहा कि इसके अलावा केंद्र से प्राप्त अनुसूचित जाति छात्रवृत्ति के हिस्से के रूप में 309 करोड़ रूपये का गलत इस्तेमाल किया गया और सीबीआई को इस घोटाले की जांच करनी चाहिए।
डाॅ. चीमा और श्री टीनू ने बताया कि किस तरह मुख्यमंत्री ने दागी मंत्री को उनके खिलाफ भी जांच का आदेश देने से पहले ही क्लीन चिट दी थी। ‘‘ इसके बाद मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव द्वारा की गई जांच के माध्यम से भ्रष्टाचार के दायरे को 64 करोड़ रूपये से घटाकर 7 करोड़ रूपये करने में सफलता प्राप्त की। इससे पता चलता है कि धर्मसोत को मुख्यमंत्री का आर्शीवाद प्राप्त है’’।