शिरोमणी अकाली दल द्वारा शारीरिक उत्पीड़न मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद आप पार्टी के नेता और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा को विधायक पद से तत्काल बर्खास्त करने की मांग

Arshdeep Singh Kler
ਆਪ ਆਗੂ ਤੇ ਕੈਬਨਿਟ ਮੰਤਰੀ ਅਮਨ ਅਰੋੜਾ ਨੂੰ ਅਦਾਲਤ ਵੱਲੋਂ ਦੋਸ਼ੀ ਠਹਿਰਾਏ ਜਾਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਤੁਰੰਤ ਅਯੋਗ ਕਰਾਰ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ: ਅਕਾਲੀ ਦਲ
विधानसभा स्पीकर ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप अमन अरोड़ा को पद से हटाने की मांग वाले मांगपत्र के बारे कोई कार्रवाई क्यों नही कर रहे


चंडीगढ़/04जनवरी 20243

शिरोमणी अकाली दल ने आज आम आदमी पार्टी के नेता और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा को शारीरिक उत्पीड़न मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद विधायक पद से तुरंत हटाने की मांग करते हुए विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां से पूछा कि वह खुलासा करें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप अरोड़ा को पद से हटाने की मांग करने वाले मांग पत्र पर कार्रवाई क्यों नही कर रहे हैं।

यहां एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए अकाली नेताओं राजिंदर दीपा और अर्शदीप सिंह कलेर ने कहा कि लिली थाॅमस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि एक बार दोषी ठहराए जाने पर कोई भी निर्वाचित प्रतिनिधि तुरंत विधायक नही रह जाता है। नेताओं ने कहा कि शीर्ष अदालत के स्पष्ट निर्देश के बावजूद विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां इस मामले में कोई कार्रवाई क्यों नही कर रहे हैं। उन्होन कहा, ‘‘ स्पीकर ने इस मुददे पर अकाली दल के प्रतिनिधिमंडल से मिलने से परहेज किया और 27 दिसंबर को उन्हे लिखित मांगपत्र  देने के बावजूद कार्रवाई करने से इंकार कर दिया है’’।

श्री राजिंदर दीपा ने कहा कि अमन अरोड़ा को 3 मार्च,2008 को सुनाम में उनके आवास पर उन पर और उनकी पत्नी पर शारीरिक हमला करने का  दोषी पाया गया था। उन्होने कहा कि 2007 के विधानसभा चुनाव में अरोड़ा की हार के बाद यह हमला किया गया। उन्होने कहा,‘‘ अब तक अमन अरोड़ा को मामले में कोई राहत नही मिली है और उनके विधानसभा सदस्य बने रहने का कोई कारण नही है’’।

सरदार अर्शदीप कलेर ने आप और उसके नेताओं के दोहरे मानदंडों की निंदा की। उन्होने कहा कि जब पार्टी को राज्य के राज्यपाल के साथ गतिरोध के बाद अदालत से राहत मिली तो उसने इसे संविधान की जीत बताया, लेकिन वह निर्वाचित प्रतिनिधियों की सजा के संबंध में उच्चतम न्यायालय के स्पष्ट निर्देशों का पालन नही कर रही है।

यहां पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए सरदार कलेर ने कहा, ‘‘ यह स्पष्ट है कि पंजाब में आप सरकार ने भी दिल्ली शराब घोटाले की तरह ही शराब घोटाला किया है’’। उन्होने कहा कि यही कारण है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विजग में विपश्यना का विकल्प चुना। उन्होने कहा, ‘‘ एक बार जब श्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया जाता है तो पंजाब शराब घोटाले की जांच में तेजी आने की संभावना है, जिसमें सरकार ने दो आईएएस अधिकारियों से पूछताछ की मंजूरी देने से इंकार कर दिया था’’।

अकाली दल के प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री से  पंजाबियों को खुद को अकाली दल से बचाना चाहिए जैसी अटपटी बातें करने से गुरेज करना चाहिए। उन्होने कहा, ‘‘ श्री भगवंत मान को पता होना चाहिए कि उनके कार्यकाल में ड्रग्ज का संकट खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है और यहां तक कि सामाजिक भलाई योजनाएं भी लगभग बंद हो गई हैं और समाज का प्रत्येक वर्ग-चाहे वह किसान, व्यापार और उद्योग यां नौजवान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। इसके ठीक विपरीत अकाली दल के कार्यकाल में तेजी से विकास, सड़क बुनियादी ढ़ांचे में अभूतपूर्व  विस्तार और नवीन सामाजिक भलाई योजनाओं के लिए जाना जाता था। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री को अपनी विफलताओं से ध्यान हटाने की कोशिश करने से पहले इस सबकी जांच करनी चाहिए’’।