
कहा कि पिछले दो दिनों के दौरान हुई बारिश ने गेंहू की खड़ी फसल खराब कर दी, किसानों को प्रति एकड़ 50हजार रूपये मुआवजा दिए जाने की मांग की: सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया
चंडीगढ़/31मार्च :- शिरोमणी अकाली दल ने आज किसानों की ओर से आंखे मूंदने और प्राकृतिक आपदा के कारण उनकी फसल के नुकसान होने की स्थिति में गिरदावरी से पहले 20 हजार रूपये प्रति एकड़ मुआवजा देने के वादे से मुकरने के लिए मुख्यमंत्री की निंदा की है।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए अकाली दल के वरिष्ठ नेता सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि पिछले दो दिनों के दौरान भारी बारिश ने राज्य में खड़ी गेंहू की फसल को नुकसान पहुंचा है।उन्होने कहा कि यह अमानवीय है क मुख्यमंत्री ने गेंहू की फसल को हुए नुकसान का सामना कर रहे किसानों के लिए 15 हजार रूपये प्रति एकड़ के मामूली मुआवजे की घोषणा करने के बजाय इसे एक फोटो सेशन में बदल दिया , लेकिन किसानों की पीड़ा को कम करने के लिए कुछ भी नही किया है।उन्होने कहा,‘‘ आम आदमी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था कि वह किसानों को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए नुकसान का आकलन करने के लिए गिरदावरी से पहले 20 हजार रूपये प्रति एकड़ का मुआवजा देगी’’।
सरदार बिक्रम सिंह मजीठिय ने मुख्यमंत्री से अपने वादे को पूरा करने की मांग करते हुए कहा कि आप पार्टी की सरकार , उन सभी किसानों को 20 हजार रूपये प्रति एकड़ का अंतरिम मुआवजा जारी करे, जिनकी गेंहूं की फसल पिछले दो दिनों से खराब मौसम के साथ साथ ओलावृष्टि तथा एक सप्ताह पहले भारी बारिश के कारण खराब हो गई है। उन्होने कहा, ‘‘ अंतिम मुआवजा, जो अंतरिम मुआवजा सहित कुल 50 हजार रूपये प्रति एकड़ होना चाहिए, गिरदावरी पूरी होने के बाद जारी किया जा सकता है’’।
सरदार मजीठिया ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसानों की मदद करने के बजाय मुख्यमंत्री केवल घोषणाएं करने में विश्वास करते हैं। उन्होने कहा कि किसान पहले से ही पिछले साल गेंहू और कपास की फसलों को हुए नुकसान के लिए मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं। उन्होने कहा कि ‘‘ अब तीसरे मुआवजे की घोषणा की गई है, लेकिन इसकी कोई गारंटी नही कि यह किसानों तक पहुंचेगा’’। उन्होने कहा कि यह बेहद निंदनीय है कि मुख्यमंत्री केंद्र सरकार से हाल ही मे हुई ओलावृष्टि और भारी बारिश को प्राकृतिक आपदा घोषित करने के मामले को भी उठाने में नाकाम रहे हैं।
अकाली नेता ने उन किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त की जिन्होने हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा घोषित गेंहू की फसल के नुकसान के लिए 15 हजार रूपये प्रति एकड़ के मामूली मुआवजे को अस्वीकार कर दिया था। उन्होने कहा कि जमीन के मालिकों के लिए मुआवजे में बढ़ोतरी के अलावा भारी नुकसान उठानेे वाले ठेके पर लेने वालों को भी मुआवजा देने का भी प्रावधान किया जाना चाहिए। उन्होने यह भी मांग की कि 750 करोड़ रूपये के विज्