अकाली दल की विधायक विंग ने विधानसभा अध्यक्ष से विधानसभा का विधानसभा के विशेष सैशन  की अवधि बढ़ाकर दस दिन करने की अपील की

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ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਵਿਧਾਇਕ ਵਿੰਗ ਨੇ ਵਿਧਾਨ ਸਭਾ ਸਪੀਕਰ ਨੁੰ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਵਿਧਾਨ ਸਭਾ ਇਜਲਾਸ 10 ਦਿਨ ਵਧਾਉਣ ਲਈ ਆਖਿਆ

चंडीगढ़/08नवंबर 2021

शिरोमणी अकाली दल के विधायक दल ने आज विधानसभा अध्यक्ष राणा केपी सिंह से कहा है कि वे आगामी विधानसभा सत्र की अवधि को दस दिन तक बढ़ाएं ताकि  राज्य के ज्वलंत मुददों पर चर्चा की जा सके और साथ ही वादों का जायजा लिया जा सके कि उन्हे पूरा क्यों नही किया गया है।

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सांसद विधायक दल  के नेता शरणजीत सिंह ढ़िल्लों ने विधानसभा अध्यक्ष को दिए मेमोरेंडम में कहा कि चूंकि यह मौजूदा सैशन का अंतिम सत्र है, इसीलिए पंजाबियों को उम्मीद थी कि सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी लोगों को यह बताने के अलावा उनके काम का लेखा-जोखा देगी कि किसानों, युवाओं और समाज के विशेषाधिकार प्राप्त वर्गों से किए गए वादों को पूरा क्यों नही किया गया। ‘‘ किसानों को 90 हजार करोड़ रूपये की पूर्ण कर्जा माफी नही दी गई। सरदार ढ़िल्लों ने यहां  पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि युवाओं को न तो रोजगार मिला तथा न ही 2500 रूपये बेरोजगारी भत्ता, तथा वृद्धावस्था पेंशन और शगुन योजना सहित सामाजिक लाभों को वादे के अनुसार नही बढ़ाया गया है।

सरदार ढ़िल्लों ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि सरकार ने राज्य के ज्वलंत मुददों के लिए समय ही नही रखा, जिसमें कपास उत्पादकों के लिए 50 हजार रूपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा देने में सरकार की असमर्थता शामिल है, जिनकी फसल गुलाबी सुंडी के हमले से तबाह हो गई। उन्होने कहा कि अकाली दल डीएपी की भारी कमी के साथ साथ इसकी कालाबाजारी पर भी चर्चा करना चाहता था। ‘‘ हम अनुसूचित जाति के छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करने में सरकार की विफलता के साथ साथ अपने मंत्रियों और कानूनविदों के भ्रष्ट कामों के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकामी के बारे में भी चर्चा करना चाहते थे’’।

सरदार ढ़िल्लों ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि कांग्रेस सरकार ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र को पहले 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर के संबंध में प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया गया। उन्होने कहा कि  मौजूदा स्वरूप के प्रस्ताव से कुछ हासिल नही होगा। ‘‘ यह मुददा राज्य के मामलों में केंद्र का सीधा हस्तक्षेप है। राज्य सरकार को केवल प्रस्ताव पारित करने के बजाय 15 किलोमीटर से अधिक पुलिस मामलों में बीएसएफ के हस्तक्षेप को अस्वीकार करने के लिए एक कार्यकारी आदेश पारित करना चाहिए , जिससे बुनियादी स्थिति पर कोई प्रभाव न पड़े’’।

इस अवसर पर मौजूद अन्य विधायकों में एन के शर्मा, पवन टीनू, हरिंदरपाल चंदूमाजरा, रोजी बरकंदी, बलदेव खेहरा, डॉ. सुखविंदर सुक्खी तथा मनप्रीत अयाली मौजूद थे।