मुख्यमंत्री ने कपास उत्पादकों को अल्प और आंशिक मुआवजा देकर किसानों के साथ धोखा किया: शिरोमणी अकाली दल

SIKANDER SINGH MALOOKA
ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਨੇ ਨਰਮਾਂ ਉਤਪਾਦਕਾਂ ਨੁੰ ਨਿਗੂਣਾ ਤੇ ਅੰਸ਼ਕ ਮੁਆਵਜ਼ਾ ਦੇ ਕੇ ਕਿਸਾਨਾਂ ਨਾਲ ਧੋਖਾ ਕੀਤਾ : ਅਕਾਲੀ ਦਲ
मुख्यमंत्री द्वारा खेत मजदूरों को मुआवजा न देना निंदनीय और उनके लिए 15 हजार रूपये प्रति एकड़ मुआवजे की मांग कीः सरदार सिकंदर सिंह मलूका

चंडीगढ़/30अक्टूबर 2021

शिरोमणी अकाली दल ने आज कहा है कि कांग्रस सरकार के साथ साथ मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने राज्य के मालवा क्षेत्र में लाखों एकड़ में गुलाबी सुंडी हमले के कारण कपास की फसल पूरी तरह बर्बाद होने के बावजूद किसानों को आंशिक मुआवा देकर उनके साथ धोखा किया है।

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शिरोमणी अकाली दल ने कांग्रेस सरकार की पूर्ववर्ती सरदार परकाश सिंह बादल सरकार द्वारा घोषित की गई घोषणा की तर्ज पर ‘ खेत मजदूरों’ के लिए वित्तीय पैकेज की घोषणा करने में विफल रहने की भी निंदा की, जबकि किसानों को सफेद मक्खी के हमले के कारण नुकसान उठाना पड़ा ।

यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए अकाली दल किसान विंग के अध्यक्ष सरदार सिकंदर सिंह मलूका ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसान समुदाय की ओर से 50 हजार रूपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा देने की स्पष्ट मांग के बावजूद कांग्रेस सरकार आंशिक मुआवजा नीति लेकर आई। ‘‘ ऐसा लगता है कि सरकार किसानों को धोखा देना चाहती है, क्योंकि उसने 35 फीसदी फसल क्षति के लिए 2000 रूपये ओर 75 फीसदी फसल खराब होने के लिए 5400 रूपये का तुच्छ मुआवजा रखा है। सरकारी सूत्र यह बताते हुए यह सीमित करने का प्रयास कर रहे हैं कि कपास की फसल को आंशिक क्षति हुई है। इसका प्रभावी अर्थ यह है कि 100 फीसद फसल क्षति के लिए 12हजार रूपये प्रति एकड़ का अल्प मुआवजा भी किसानों के लिए उपलब्ध नही होगा।  यह कपास किसानों की पीठ में छूरा घोंपने के समान है। हम यह हरगिज बर्दाश्त नही करेंगें। हम किसानों के साथ मिलकर काम करेंगें और सिर्फ पारदर्शी मुआवजे की मांग करेंगें’’।

सरदार मलूका ने मुख्यमंत्री से यह भी स्पष्ट करने को कहा कि खेत मजदूरों को मुआवजा देने से क्यों मना किया गया है। ‘‘ यहां तक कि किसान मानते हैं कि कपास की फसल की तबाही के कारण ‘खेत मजदूरों’ को नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होने अपनी आजीविका का स्रोत खो दिया है। बावजूद इसके मुख्यमंत्री जो खुद अनुसूचित जाति समुदाय से संबंध रखते हैं, ने कमजोर वर्ग के सदस्यों के लिए बेपरवाह तरीके से काम किया है। शिरोमणी अकाली दल इसकी जमकर निंदा करता है, और मांग करता है कि 15 हजार रूपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा सभी खेत मजदूरों को जारी किया जाए’’।

अकाली दल किसान विंग के अध्यक्ष ने चन्नी को फोटो सेशन में लिप्त रहने के बजाय काम शुरू करने के लिए कहते हुए कहा कि ‘‘ समाज के हर वर्ग को नुकसान हो रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री इससे अनजान लगते हैं और खुद को फोटो सेशन में व्यस्त हैं। जिन किसानों को डीजल के साथ साथ डीएपी फर्टिलाइजर के लिए अतिरिक्त भुगतान करना पड़ रहा है, उनकी परेशानी को कम करने का कोई प्रयास नही किया जा रहा है , जिसकी कालाबाजारी की जा रही है। चन्नी सरकार ने किसानों से किए गए किसी भी वादे को पूरा करने से इंकार कर दिया है, चाहे वह पूर्ण कर्जा माफी हो यां सरकारी नौकरी यां खेत आत्महत्या पीड़ित परिवारों को सरकारी नौकरी देनी हो। अब भी यह कपास उत्पादकों के साथ न्याय करने में विफल रही है।

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