कांग्रेस सरकार ने छठे वेतन आयोग को लागू करने की घोषणा करके कर्मचारियों के साथ धोखाधड़ी की , लेकिन असली वितरण को अगली शिअद-बसपा गठबंधन वाली सरकार के लिए छोड़ दियाः शिरोमणी अकाली दल

नए भर्ती युवाओं के विभिन्न भत्ते रोकने तथा उनके साथ भेदभाव करना निंदनीय: श्री एन.के. शर्मा
चंडीगढ़/19जून 2021 शिरोमणी अकाली दल ने आज कहा है कि कांग्रेस सरकार ने केवल छठे वेतन आयोग को लागू करने की घोषणा करके अपने कर्मचारियों के साथ धोखाधड़ी की है, लेकिन इसकी असली डिलीवरी को अगली शिअद-बसपा गठबंधन की सरकार के लिए छोड़ दिया है। उन्होने कहा कि पंजाब में विधानसभा चुनाव की पूर्व संध्या पर 11वें घंटे में की गई इस घोषणा में विभिन्न भत्तों को रोके जाने सहित कई कर्मचारी विरोधी कार्य शामिल हैं।
इस बात का खुलासा करते हुए अकाली दल के प्रवक्ता श्री एन.के. शर्मा ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस सरकार का 2017 में देय वेतन आयोग का श्रेय लेने की कोशिश कर रही है। उन्होने कहा कि चार साल के लिए वेतन आयोग की सिफारिशें जारी करने में देरी के बाद भी कांग्रेस सरकार ने 2025 तक कर्मचारियों को मिलने वाले लाभों को जारी करने में देरी की । ‘ यह उन कर्मचारियों के साथ भददा मजाक है जो अपने बकाए के लिए सालों से इंतजार कर रहे हैं। श्री एनके शर्मा ने कर्मचारियों को तत्काल 13,800 करोड़ रूपये का कुल बकाया जारी करने की मांग की।
अकाली नेता ने बंद किए गए भत्तों के बारे में कहा कि इससे लिपिक स्टाफ तथा पुलिस कर्मी सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। उन्होने कहा कि 2011 में अकाली दल के नेतृत्व वाली कमेटी द्वारा लाभों को वापिस ले लिया गया था। उन्होने कहा कि जिन कर्मचारियों को अकाली दल के कार्यकाल के दौरान लाभान्वित किया गया था , उनका वेतन 2.59 गुणा की बजाय 2.25 गुणा ही लागू होगा। ‘ जो कर्मचारी 10300 रूपये ़34800 रूपये़3200 रूपये ग्रेड है ,वे सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे, क्योंकि उन्हे केवल 1000 रूपये से 1200 रूपये प्रति माह की बढ़ोतरी मिलेगी।
श्री शर्मा ने कहा कि इसी तरह सभी श्रेणियों के मकान किराय भत्ते में कमी की गई है। उन्होने कहा कि इस भत्ते में ए- क्लास के लिए 30 से 24 फीसदी, कक्षा बी के लिए 20 से 16 फीसदी, कक्षा सी के लिए 12.5 फीसदी से 1 फीसदी तथा कक्षा डी के कर्मचारियों के लिए 10 से 8 फीसदी तक की कटौती की गई है। उन्होने कहा कि इसके अलावा कर्मचारियों को दिया जा रहा अतिरिक्त मकान किराया भी समाप्त कर दिया गया है। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र के भत्ते को घटाकर 6 से 5 फीसदी और ना प्रेक्टिस करने वाले डाॅक्टरों का 25 से घटाकर 20 फीसदी कर दिया गया है। उन्होने कहा कि कर्मचारियों को दिया जा रहा वाहन भत्ता भी समाप्त कर दिया गया है।
अकाली नेता ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे सरकार ने सभी नई भर्तियों पर केंद्रीय वेतन आयोग के नियम लागू करके राज्य में कर्मचारियों की दो श्रेणियां बनाई हैं। उन्होने कहा कि यह समान काम और समान वेतन के सिद्धांत के खिलाफ है। उन्होने सभी कर्मचारियों को पंजाब वेतन ग्रेड दिए जाने की मंाग करते हुए कहा, ‘हम एक ही पद पर अलग अलग वेतन पर काम करने की अनुमति नही देंगे’।

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