प्रोफेसर चंदूमाजरा ने कहा कि रिपोर्ट वापिस ली जानी चाहिए कि क्यों मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों ने सीमा पार की इसका असली कारण ढूंढा जाना चाहिए
चंडीगढ़/02अप्रैल , 2021 : शिरोमणी अकाली दल ने आज पंजाब सरकार को मानव तस्करी तथा पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्र में अपनाई जा रही बंधुआ मजदूरी प्रथाओं के मुददे पर गृहमंत्रालय के पत्र को हास्यास्पद करार दिया जिसका उददेश्य राज्य के किसानों को बदनाम रकना है
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए पूर्व सांसद प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि गृहमंत्रालय का पत्र खुद विरोधाभासी था। उन्होने कहा कि एक तरफ पत्र में दावा किया जा रहा है कि एक तरफ पत्र में दावा किया जा रहा था कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने 58 लोगों का पकड़ा था कि ‘मानव तस्कर गिरोह’ अच्छे वेतन के वादे के साथ गुरदासपुर, अमृतसर , फिरोजपुर तथा अबोहर के इलाकों में ऐसे व्यक्तियों को बहला फुसलाकर ले जा रहे थे लेकिन उनका शोषण करके बंधुआ मजदूर बनाकर काम करने पर मजबूर किया गया। उन्होने गृहमंत्रालय से कहा कि क्या ये दोनो चीजें एक साथ हो सकती हैं?
प्रोफेसर चंदूमाजरा ने कहा कि गृहमंत्रालय की ओर से लिखे गए पत्रों से भी पूरे देश को गलत संदेश मिलेंगे तथा टकराव का माहौल बनेगा। उन्होने का कि इस मामले की सच्चाई यह थी कि पत्र में उल्लिखित किसी भी क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति को बंधुआ मजदूर के रूप में काम करने के लिए मजबूर किए जाने की एक भी प्राथमिकी नही थी। ‘वास्तव में सच इसके विपरित है। पंजाब के किसान मजदूरों को उनकी सेवाओं के अग्रिम भुगतान करते हैं तथा यही कारण है कि धान की फसल की रोपाई के लिए हर साल लाखों प्रवासी कामगार पंजाब आते हैं
पूर्व सांसद ने कहा कि रिपोर्ट को तुरंत वापिस लिया जाना चाहिए तथा कुछ मानसिक विकलांग लोग जो सीमावर्ती रास्ते से आए , उसकी वास्तविक जांच की जानी चाहिए।