मुख्यमंत्री की तरनतारन की यात्रा को फोटो सेशन कम जॉय राइड तथा गरीबों और दलितों के लिए दया करूणा रहित यात्रा बताया: शिरोमणी  अकाली दल

पीड़ित परिवारों के पास न जाकर ,जहरीली शराब त्रासदी के लिए जिम्मेदार कांग्रेसी विधायकों के साथ मंच सांझा करने के लिए निंदा की

शिरोमणी अकाली दल के नेताओं तथा पीड़ित परिवारों को राजभवन की तरफ जाते हुए गिरफ्तार किया

प्रत्येक पीड़ित परिवार को 25 लाख का मुआवजा तथा सरकारी नौकरी की मांग की

राज्यपाल से अकाली-भाजपा प्रतिनिधिमंडल द्वारा प्रस्तुत मेमोरेंडम पर कार्रवाई करने के लिए तथा कैप्टन अमरिंदर सिंह के लीडरशीप वाली कांग्रेस सरकार को बर्खास्त करने के लिए कहा

चंडीगढ़/07अगस्त:
शिरोमणी अकाली दल ने आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के तरनतारन की पुलिस लाईन की यात्रा को महज फोटो सेशन तथा जॉय राइड करार दिया और इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार होने का आरोप लगने वाले कांग्रेस विधायकों के साथ मंच सांझा करने के अलावा जहरीली शराब त्रासदी पीड़ित परिवारों का दौरा करने में नाकाम रहने के लिए उनकी निंदा की।

यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए गिरफ्तार होने से पहले राजभवन की ओर बढ़ रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की बर्खास्तगी की मांग करते हुए अकाली दल  नेता बलविंदर सिंह भूंदड़ तथा बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों से मिलने का दिखावा किया  जबकि सच्चाई यह थी कि उन्होने तरनतारन में पुलिस लाईन का बीस मिन्ट दौरा किया जिसे सेना छावनी में तब्दील कर दिया गया क्योंकि कांग्रेस सरकार को लोगों की प्रतिक्रिया से डर लगता था। लोगों को वहां बस मौजूद रहने के लिए बुलाया गा था कि जैसे वे एक दरबार में आए हों जिसके कारण एसपी तथा डीएसपी के भारी दबाव के बावजूद बड़़ी संख्या मंें लोगों ने आने से इंकार कर दिया। मुख्यमंत्री ने अमृतसर और बटाला का दौरा करने से तथा दोनो जहरीली शराब कांड वाली जगहों पर भी  भी इंकार कर दिया – जिससे यह स्पष्ट हो  गया कि उन्हे गरीब और दलितों की जिंदगियों की कोई परवाह नही है।

अमृतसर के मुच्छल गांव से पीड़ित रिश्तेदारों के पक्ष में दोनो नेताओं ने कहा कि यह बेहद निंदनीय है कि मुख्यमंत्री उन विधायकों के साथ मंच पर बैठे जो नकली शराब बांटने के लिए जिम्मेदार हैं तथा जिनपर हत्या का मामला चलाया जाना चाहिए। नेताओं ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री खुद को उनका संरक्षण कर रहे हैं तो वह जहरीली शराब त्रासदी की स्वतंत्र तथा निष्पक्ष जांच कैसे हो सकती है? उन्होने कहा कि जागीरदारी वाला व्यवहार करके पीड़ित परिवारों को अपमानित करने की बजाय मुख्यमंत्री को उनसे मिलने जाना चाहिए था और प्रत्येक परिवार के लिए 25 लाख रूपये मुआवजा और एक सरकारी नौकरी की घोषणा की जानी  चाहिए थी।

सरदार बलविंदर सिंह भूंदड़ ने कहा कि पंजाबियों के लिए यह स्पष्ट हो गया है कि इस त्रासदी के लिए मुख्यमंत्री सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं क्योंकि वह अवैध शराब के कारोबार में लिप्त कांग्रेसियों और डिस्टलरी मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहे हैं। उन्होने कहा कि राज्य के तीन जिलों में भीषण त्रासदी के बाद भी मुख्यमंत्री गृह और आबकारी विभाग के प्रभारी के रूप में आवश्यक कार्रवाई करने से इंकार कर रहे हैं।

सरदार भूंदड़ ने कहा कि चूंकि मुख्यमंत्री से न्याय की कोई आशा नही है, इसीलिए शिरोमणी अकाली दल ने राज्यपाल वी पी सिंह बदनौर से सरदार सुखबीर सिंह बादल तथा भाजपा नेता श्री मनोरंजन कालिया की लीडरशीप में कल प्रतिनिधिमंडल द्वारा सौंपे गए मेमोरेंडम पर कार्रवाई के लिए राजभवन आए थे। उन्होने कहा कि राज्यपाल को तत्काल कैप्टन अमरिंदर ंिसह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को बर्खास्त करने की सिफारिश करनी चाहिए शराब के अवैध कारोबार की उच्च न्यायालय यां सीबीआई जांच के आदेश देने पीड़ित परिवारों द्वारा नामित सभी कांग्रेसी विधायकों के खिलाफ हत्या के आरोप दर्ज करने के आदेश दें, मुख्यमंत्री के धार्मिक सलाहकार परमजीत सरना और कांग्रेसी विधायक गुरजीत सिंह के परिवार सहित त्रासदी में शामिल दो डिस्टलरी सील और जहरीली शराब कांड के पीछे उन सभी लोगों की संपत्ति जब्त की जाए।

सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि राज्य को पहले आबकारी राजस्व में 5600 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है और अब कई लोगों की आंखों की रोशनी चले जाने के साथ साथ 150 लोगों की मौतें हुई हैं। उन्होने कहा कि कांग्रेस सरकार देसी शराब बनाने वाले व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई न करके वास्तविक मुददे से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रही है, हालांकि तथ्य यह  है कि डिस्टलरी से अवैध रूप से खरीदी गई कच्ची शराब ही त्रासदी के लिए जिम्मेदार हैं।