शिरोमणी अकाली दल ने भगवंत मान को पंजाब के मेधावी स्कूल मॉडल के बारे में जानकारी देने के लिए आमंत्रित करने के लिए केजरीवाल को धन्यवाद दिया

Daljit Singh Cheema
Dr Daljit Singh Cheema
मुख्यमंत्री पंजाब के मेधावी और आदर्श स्कूलों का दौरा करें और पूर्व मुख्यमंत्री सरदार परकाश सिंह बादल द्वारा शुरू की गई अवधारणा का विस्तार करने के अलावा उन्हे आने वाली समस्याओं का समाधान करें: डॉ. दलजीत सिंह चीमा

चंडीगढ़ 25 अप्रैल 2022

शिरोमणी अकाली दल ने आज  पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत  सिंह मान को पंजाब के मेरिटोरियस स्कूल मॉडल के बारे में जानकारी देने के लिए दिल्ली आमंत्रित करने के लिए आम  आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को धन्यवाद दिया है।

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यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली पहुंचने के बाद ही पंजाब के मुख्यमंत्री को पता चला कि दिल्ली सरकार  कुछ संशोधनों के साथ पंजाब के मेधावी स्कूल मॉडल का अनुसरण कर रही है।

डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि अकाली दल ने कुछ समय पहले श्री भगवंत सिंह मान को पूर्ववर्ती अकाली दल की अगुवाई सरकार द्वारा स्थापित मेधावी और आदर्श स्कूलों का दौरा करने की सलाह दी थी, ताकि कांग्रेस के शासनकाल के  दौरान उन्हे जो उपेक्षा का सामना करना पड़ा था, उसे दूर किया जा सके। ‘‘ ऐसा करने और पूर्व मुख्यमंत्री सरदार परकाश सिंह बादल द्वारा बनाए गए मंच का निर्माण करने के बजाय, जिससे पंजाब स्कूली शिक्षा में राष्ट्रीय सर्वेक्षण में दो नबंर पर पहंुच गया था। श्री मान ने अन्य मॉडलों को आंखें मूंदकर पालन करने का फैसला किया। यह अच्छी बात है कि उन्हे आखिरकार उनकी ही पार्टी सरकार ने कहा है कि स्कूली शिक्षा का पंजाब मॉडल सबसे अच्छा है, और दिल्ली  में इसका अनुकरण किया जा रहा है। अब श्री मान को जल्दी से पंजाब वापिस लौटना चाहिए और पहले मेधावी और आदर्श स्कूलों में जाकर मॉडल देखना चाहिए, जिसमें फंड जारी न करना और पर्याप्त कर्मचारियों की व्यवस्था सहित  उनके सामने आने वाली समस्याओं का समाधान करना चाहिए।

डॉ. दलजीत चीमा ने मुख्यमंत्री से अपने अधिकारियों को मेरिटोरियस और आदर्श स्कूलों के पीछे के दर्शन को समझने के लिए कहना चाहिए। उन्होने कहा कि श्री मान को तत्कालीन अकाली दल के नेतृत्व वाली सरकार की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहल का अंदाजा हो गया होगा , जो अन्य राज्यों में भी फैलता जा रहा है। उन्होने कहा कि साथ ही इस अवधारणा का विस्तार करने के लिए भी प्रयास किए जाने चाहिए जिसके तहत योग्य छात्रों को राज्य में दस स्थानों पर छात्रावास की सुविधाओं के साथ मुफ्त शिक्षा दी जाती है। उन्होने कहा कि आदर्श स्कूल अवधारणा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों से आने आने वाले बुद्धिमान छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली  निःशुल्क शिक्षा प्रदान करने के लिए किया गया है। डॉ. चीमा ने कहा , ‘‘ दोनों पहलों का उददेश्य समाज के वंचित वर्गों के ग्रामीण छात्रों को भारत और दुनिया के सर्वक्षेष्ठ प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करना है’’।