शिरोमणी अकाली दल ने जम्मू-कश्मीर डिलिमिटेशन आयोग से जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सिख समुदाय के सदस्यों के लिए 5 सीटें आरक्षित करने की अपील की

PAREMSINGH CHANDUMAJRA
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प्रोफेसर चंदूमाजरा ने आयोग के अध्यक्ष से मुलाकात कर शिअद अध्यक्ष की ओर से इस मांग को सूचीबद्ध करने वाला पत्र सौंपा
चंडीगढ़/06जुलाई 2021 शिरोमणी अकाली दल ने आज जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश डिलिमिटेशन आयोग से आग्रह किया है कि वह केंद्र शासित प्रदेश विधानसभा में सिख समुदाय के सदस्यों के लिए पांच सीटें आरक्षित करे।
पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व सांसद प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने यहां श्रीनगर में डिलिमिटेशन आयोग की अध्यक्ष जस्टिस (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई को आज इस संबंध में शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल द्वारा लिखा गया पत्र सौंपा। अकाली दल ने आग्रह किया है कि आयोग जम्मू में सिख समुदाय के लिए तीन सीटें तथा श्रीनगर में दो सीटें आरक्षित करने पर कृपापूर्वक विचार करे। आयोग ने आश्वासन दिया है कि वह इस मांग पर सहानुभूति विचार करेगा।
सरदार सुखबीर सिंह बादल ने डिलिमिटेशन आयोग को सरकारी सूचना में कहा है कि देश के विभाजन के समय सहित कई बार जम्मू-कश्मीर की सिख आबादी से कई वादे किए गए थे कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में इस तरह से सुरक्षा दी जाएगी ताकि उनकी सामाजिक तथा आर्थिक भलाई सुनिश्चित की जा सके। ‘ यह भी प्रस्ताव किया गया कि ससंद तथा राज्य विधानसभाओं में अल्पसंख्यक समुदाय की गई सीटों की तर्ज पर जम्मू-कश्मीर विधानमंडल में सिख समुदाय के सदस्यों के लिए निश्चित संख्या में सीटें आरक्षित की जाएंगी। ‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने विभाजन के बाद सिख समुदाय से किए गए किसी भी वादे का सम्मान नही किया’।
आयोग से इस ऐतिहासिक गलती को ठीक करने के लिए कहते हुए सरदार बादल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर केंद्रीय शासित प्रदेश में सिखों के लिए सीटें आरक्षित किए जाने पर विचार विमर्श किया जाए। उन्होने कहा कि जम्मू कश्मीर में सिख लंबे समय से शिकायत कर रहे हैं कि उन्हे विकास प्रक्रिया में साथ लेकर नही चला जा रहा, क्योंकि अल्पसंख्यक दर्जे के बावजूद उन्हे नौकरियों में कोई आरक्षण नही दिया जा रहा है। अकाली दल अध्यक्ष ने आयोग को एक विज्ञप्ति में कहा , ‘ शिक्षण संस्थानों में आरक्षण सहित इन मुददों को एक बार सिखों की भागीदारी होने के बाद यह सब हो सकता है’।
इस बीच प्रो. चंदूमाजरा ने आयोग के सदस्यों को पूरे मामले से अवगत कराते हुए कहा कि सिख समुदाय का जम्मू-कश्मीर के साथ समृद्ध तथा सांस्कृतिक संबंध है। उन्होने कहा कि जम्मू-कश्मीर एक समय में सिख साम्राज्य का हिस्सा था, और पिछले दो सौ सालों से राज्य में बहुत ज्यादा सिख वहां रह रहे हैं। उन्होने कहा कि सिख समुदाय जम्मू-कश्मीर की समग्र संस्कृति का

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