वन्य जीव-जंतुओं और पक्षियों के संरक्षण के लिए रचनात्मक कदम उठाने पर दिया ज़ोर
चंडीगढ़, 18 फरवरी:
पंजाब के वन मंत्री स. साधु सिंह धर्मसोत ने वन्य जीव-जंतुओं और पक्षियों के संरक्षण के लिए रचनात्मक कदम उठाने पर ज़ोर दिया है जिससे देश में जीव-जंतुओं और पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों को विलुप्त होने से बचाया जा सके।
स. धर्मसोत ने इन विचारों का प्रगटावा गांधीनगर गुजरात में 15-22 फरवरी तक आयोजित की जा रही ‘13वीं अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्ऱेंस ऑफ पार्टीज़’ (सी.एम.एस.-सी.ओ.पी.-13) के मौके पर केंद्रीय वातावरण और वन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर के साथ की मुलाकात के दौरान किया। उन्होंने कहा कि विभिन्न वन्य जीव-जंतुओं और पक्षियों के रहने के स्थानों की संभाल करने के लिए विशेष कदम उठाए जाने की ज़रूरत है।
स. धर्मसोत ने कहा कि वन विभाग, पंजाब के अधिकारियों ने इस अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्ऱेंस में शामिल होकर पंजाब में हर साल आकर्षित होकर आने वाले 2 लाख प्रवासी पक्षियों के आवास, इनकी महत्ता और इनसे सम्बन्धित भविष्य में बनाई जाने वाली योजनाओं सम्बन्धी विस्तार में चर्चा की है। उन्होंने कहा कि प्रवासी पक्षियों की आमद में पंजाब एक विशेष क्षेत्र है, जहाँ यह पक्षी आ कर 2-3 महीने गुज़ारते हैं।
स. धर्मसोत ने आगे कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्ऱेंस में प्रवासी पक्षियों सम्बन्धी बनाई गई सांझी नीति के अनुसार पंजाब में आने वाले लगभग 2 लाख से अधिक प्रवासी पक्षियों के लिए पंजाब के हरीके, रोपड़, नंगल, ब्यास, कांजली और केशोपुर आदि वैटलैंड्ज़ को और प्रफुल्लित करने के लिए ज़रुरी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से माँग की कि पंजाब सरकार द्वारा 100 करोड़ रुपए की लागत से पंजाब के वैटलैंड्ज़ और रामसर साईटों के विकास के लिए बनाई गई योजनाओं को मंज़ूर करके फंड जल्दी जारी किये जाएँ।