सुखबीर और हरसिमरत को एन.डी.ए. से नाता तोडऩे और भाजपा नेताओं के घरों के बाहर चक्का जाम करने की चुनौती
कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ डटकर खड़ी है, दिल्ली पुलिस की धक्केशाही के आगे झुकेंगे नहीं – जाखड़
चंडीगढ़, 22 सितम्बर:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कृषि बिलों के विरुद्ध किसान संगठनों द्वारा 25 सितम्बर को बुलाए गए बंद के दिन ही अकाली दल द्वारा राज्य स्तरीय चक्का जाम के लिए गए फ़ैसले को किसानों की भावनाओं के साथ खेलने की एक और ढीठता भरी कोशिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि अकाली दल, केंद्र सरकार में अपने सहयोगियों के इशारे पर किसानों के संघर्ष को नाकाम करने के लिए यह कदम उठा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आप दिल्ली क्यों नहीं जाते और वहाँ भाजपा नेताओं और अन्य नेताओं के घरों के बाहर चक्का जाम क्यों नहीं करते जिन्होंने अपने संकुचित राजनैतिक लाभ के लिए पंजाब के किसानों के हित बड़े कॉर्पोरेट घरानों को बेशर्मी भरे ढंग से बेच दिए।’’ मुख्यमंत्री ने शिरोमणि अकाली दल को चुनौती देते हुए कहा कि यदि वह सचमुच ही किसानों के लिए फिक्रमन्द हैं तो केंद्र सरकार से अपना नाता तोड़ें।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल और उसकी पत्नी हरसिमरत बादल पर बरसते हुए कहा कि यह दोनों नेता किसानों के साथ खड़े होने का पाखंड कर रहे हैं जबकि अकाली दल की सहयोगी केंद्र सरकार ने किसानों की रोज़ी रोटी को लात मारी है। उन्होंने सुखबीर को कहा, ‘‘इस दोगलेपन का क्या मतलब है?’’ ‘‘आपकी कोर कमेटी ने आज भाजपा के नेतृत्व वाली एन.डी.ए. सरकार से बाहर आने का फ़ैसला क्यों नहीं लिया?’’
शिरोमणि अकाली दल द्वारा किसानों, खेत मज़दूरों और आढ़तियों के साथ खड़े होने की आड़ में पंजाब भर में चक्का जाम करने के किये ऐलान पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे अकालियों का असली चेहरा बेनकाब हो गया है क्योंकि किसान और अन्य संगठनों ने तो कुछ दिन पहले ही 25 सितम्बर को बंद का ऐलान कर दिया था जिस समय अकाली असंवैधानिक और घातक कृषि बिलों को किसान भाईचारे के हित वाले बताते हुए इन बिलों का गुणगान कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों के पूर्व नियोजित संघर्ष में अकालियों द्वारा एकदम कूद जाने के फ़ैसले के पीछे स्पष्ट तौर पर बुरे इरादों की झलक नजऱ आती है। उन्होंने कहा कि किसान अकालियों की इन चालबाजियों से मूर्ख नहीं बनेंगे।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि बादलों के नेतृत्व वाला शिरोमणि अकाली दल किसान विरोधी ऑर्डीनैंसों के लागू होने की शुरुआत से लेकर पिछले कई महीनों से किसानों के साथ खेल खेल रहा है जबकि पंजाब के किसान के लिए ही नहीं बल्कि मुल्क के किसानों के लिए बहुत अहमीयत रखते इस मुद्दे पर अकालियों का दोहरा किरदार सामने आया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र पंजाब को तबाह करने पर तुला हुआ है और अकाली अपनी पूरी ताकत के साथ इस एजंडे का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर अचानक पलटी मार लेना और फिर से गौर करना भी संघर्ष को नाकाम करने की साजिश का हिस्सा प्रतीत होता है।
इसी दौरान पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील जाखड़ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा ही किसानों के हितों और अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ती आई है और अब भी भारतीय कृषि के इतिहास के सबसे कठिन समय में किसानों के साथ डटकर खड़ी है। उन्होंने कहा कि पंजाब कांग्रेस के संसद मैंबर और नेता दिल्ली में डटे हुए हैं जहाँ भाजपा के नियंत्रण अधीन दिल्ली पुलिस की धक्केशाही का बहादुरी के साथ मुकाबला कर रहे हैं और केंद्र द्वारा उनकी आवाज़ को दबाने की तानाशाह कोशिशों के विरुद्ध लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी एसी दमनकारी कोशिशों के आगे नहीं झुकेगी।