मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ के 5वें राष्ट्रीय अधिवेशन के समापन सत्र का किया शुभारंभ
चण्डीगढ़, 10 अप्रैल 2022
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास ने सामाजिक परिवर्तन एवं मानवता के विकास के लिए जो अलख जगाई, उसकी रोशनी आज भी समाज का पथ-प्रदर्शन कर रही है। ऐसे महान लोग किसी एक जाति या संप्रदाय के गुरु नहीं थे, अपितु पूरी मानव जाति के पथ-प्रदर्शक थे। उनकी शिक्षाओं, विचारों को आज प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में धारण करने की जरूरत है।
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मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल रविवार को कुरुक्षेत्र श्री गुरु रविदास धर्मशाला एवं मंदिर में आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ द्वारा आयोजित 5वें राष्ट्रीय अधिवेशन के समापन सत्र का शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल, महापीठ के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य दुष्यंत कुमार गौतम, सांसद नायब सिंह सैनी, हरियाणा के सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल, महापीठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री सुरेश राठौर, विधायक सुभाष सुधा, पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय सांपला, पूर्व मंत्री कृष्ण पंवार, पूर्व अध्यक्ष आत्माराम परमार, राष्ट्रीय महामंत्री सूरजभान कटारिया, सूरज कैरो, जसवंत पठानिया, घुमंतू जाति विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष जय सिंह पाल, भाजपा के जिलाध्यक्ष राजकुमार सैनी, समरसता अधिवेशन के पदाधिकारी रविंद्र सांगवान ने श्री गुरु रविदास मंदिर में पूजा अर्चना की और पांडाल में श्री गुरु रविदास के चित्र पर पुष्प अर्पित किए तथा दीपशिखा प्रज्वलित करके 5वें राष्ट्रीय अधिवेशन के समापन सत्र का विधिवत रूप से शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में श्री गुरु रविदास मंदिर एवं धर्मशाला सभा की तरफ से बनने वाली भूमिगत पार्किंग परियोजना का शिलान्यास भी किया।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने रामनवमी पर्व पर राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन करने पर बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करना एक सराहनीय कार्य है। इस देश में समय-समय पर संत महात्माओं, ऋषि-मुनियों और पीर-पैगम्बरों और गुरुओं ने भूली-भटकी मानवता को जीवन का सच्चा रास्ता दिखाया। ऐसे महापुरुषों में संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास का नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है। इस महान गुरु का जन्म 644 वर्ष पहले हुआ, लेकिन उनकी वाणी और शिक्षाएं इतनी अमर है कि वे आज भी नवीन प्रतीत होती है। संत शिरोमणि गुरु रविदास किसी एक जाति या संप्रदाय के गुरु नहीं थे, वे पूरी मानव जाति के पथ-प्रदर्शक थे। उनकी शिक्षाएं पूरी मानवता के लिए थी। उनकी वाणी, आदर्श और शिक्षाएं आज भी अजर-अमर है और सदा मानवता के लिए प्रेरणा स्त्रोत रहेंगी। उन्होंने भक्ति आंदोलन से समाज सुधार करने का साहसिक और ऐतिहासिक कदम उठाया, जिससे उस समय जात-पात, अंधविश्वास और उंच-नीच में उलझे समाज में एक नई जागृति आई। संत शिरोमणि गुरु रविदास ने समाजवाद की ऐसी परिकल्पना की, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति को अन्न मिले और समाज में कोई भी छोटा-बड़ा ना हो, सभी एक समान हो।
उन्होंने कहा कि सरकार ने संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास के जयंती समारोह से ही महापुरुषों की जयंती को राज्य और जिला स्तर पर मनाने का काम किया। इसी तरह सरकार ने महर्षि वाल्मीकि, संत कबीर, डॉ. भीमराव अंबेडकर, गुरु नानक देव का 550वां प्रकाशोत्सव, गुरु गोबिंद सिंह का 350वां प्रकाशोत्सव मनाया गया और गुरु तेग बहादुर का 400वां साला प्रकाशोत्सव 24 अप्रैल को पानीपत में मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि गुरु रविदास के आदर्शों पर चलते हुए सरकार ने अंत्योदय व सबका साथ-सबका विकास की भावना को पूरी तरह से अमल में लाने का काम किया। मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना को लागू किया। इस योजना को परिवार पहचान पत्र के साथ जोड़कर 1 लाख 80 हजार से कम आय वाले लोगों की आय में बढ़ोतरी करने की तरफ कदम बढ़ाया है।
सरकार की सोच है कि समाज के सभी वर्गों के लोग आर्थिक तौर पर आगे बढ़ सके। सरकार ने डॉ. अंबेडकर आवास योजना के तहत मकान की मरम्मत के लिए 80 हजार रुपए तक की अनुदान राशि बढ़ाने का काम किया। सबको आवास, बच्चों को छात्रवृत्ति, कौशल कला के व्यवसाय में सुधार करने के लिए हरियाणा कैश कला और कौशल विकास बोर्ड का गठन किया। हरियाणा प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा के तहत वृद्धों को किसी भी प्रदेश में सबसे ज्यादा 2500 रुपए प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है।
श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद दुष्यंत कुमार गौतम ने कहा कि श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ ने अनेकों कीर्तिमान स्थापित किए है। इस पीठ के माध्यम से वर्ष 2018 से लेकर 2022 तक लगातार अधिवेशनों का आयोजन कर संत गुरु रविदास की वाणी और विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया गया। इस महापीठ के साथ हर क्षेत्र से समाज का व्यक्ति जुड़ा हुआ है। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रत्येक प्रांत में एक आईटी सेल का गठन किया जाए और इस सेल में 5-5 पदाधिकारियों को रखा जाए ताकि इस आईटी सेल के माध्यम से सरकार की तमाम योजनाएं समाज के व्यक्ति तक पहुंच सके।
श्री गुरु रविदास विश्व महापीठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री सुरेश राठौर ने कहा कि 11 मार्च 2018 को हरिद्वार की पावन धरा से इस महापीठ की स्थापना की गई।हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल, राष्ट्रीय महामंत्री सूरजभान कटारिया ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस कार्यक्रम के मंच का संचालन राष्ट्रीय महामंत्री सूरजभान कटारिया ने किया। इस मौके पर उपायुक्त मुकुल कुमार, पुलिस अधीक्षक डॉ. अंशु सिंगला सहित महापीठ के सदस्य और विभिन्न प्रदेशों से आए पदाधिकारी उपस्थित थे।