मेहर चंद महाजन डीएवी कॉलेज फॉर विमेन, चंडीगढ़ में की शुरुआत ‘नैनोटेक एंड फ़्यूचर इम्प्लिकेशन’ पर एक वेबिनार के साथ हुई। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, अक्षय ऊर्जा विभाग, चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा प्रायोजित और एमसीएम विज्ञान मंच के तत्वावधान में आयोजित साइंस वीक में विज्ञान के प्रति उत्सुकता व जागरूकता बढ़ाने और हमारे जीवन में विज्ञान की भूमिका को समझने के उद्देश्य से विचारपूर्ण कार्यक्रमों की एक श्रृंखला के साथ साइंस वीक के उत्सव का आग़ाज़ किया गया । कॉलेज के रसायन विज्ञान के स्नातकोत्तर विभाग द्वारा आयोजित, ‘नैनोटेक एंड फ़्यूचर इम्प्लिकेशन’ विषय पर वेबिनार में मोहाली स्थित भारतीय नैनो प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएनएसटी), से डॉ आशीष पाल, वैज्ञानिक-एफ व प्रोफेसर, वक्ता के रूप में आमंत्रित थे। सत्र में लगभग 152 छात्रों और संकायों ने भाग लिया। डॉ. पाल ने नैनोसाइंस की मूल तथ्यों और दुनिया भर में नैनो टेक्नोलॉजी के निहितार्थों पर ध्यान केंद्रित किया, यह व्यावहारिक ज्ञान किताबी ज्ञान और प्रयोगशालाओं में हो रहे शोध के बीच की खाई को भरता नज़र आया । उन्होंने ऊर्जा, पर्यावरण, विज्ञान और चिकित्सा में नवीनतम विकास को भस्म, आयुर्वेद और यूनानी की प्राचीन प्रथाओं के साथ जोड़ा। उन्होंने पर्यावरण प्रदूषण के विभिन्न रूपों पर अंकुश लगाने के लिए नैनो तकनीक के अनुप्रयोगों पर भी चर्चा की। नैनोपार्टिकल मध्यस्थता दवा वितरण और इलेक्ट्रिक वाहन की अवधारणा पर भी चर्चा की गई। प्रतिभागियों ने वेबिनार को अत्यधिक ज्ञानवर्धक पाया।
प्राचार्या डॉ. निशा भार्गव ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2022 की थीम ‘इंटिग्रेटेड अप्रोच इन साइंस एंड टेक्नॉलजी फ़ॉर ए सस्टेनबल फ़्यूचर’ को ध्यान में रखते हुए, एमसीएम में साइंस वीक समारोह का उद्देश्य उन तरीकों पर विचार-विमर्श करना है जो एकीकृत दृष्टिकोण समस्या समाधान में मदद कर सकते हैं और सतत विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायक हो सकते हैं । उन्होंने छात्रों को सर सी.वी रमन जैसे वैज्ञानिकों से प्रेरणा लेने और मानवता के लाभ के लिए विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए अपना योगदान देने के लिए प्रेरित किया।
प्राचार्या डॉ. निशा भार्गव ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2022 की थीम ‘इंटिग्रेटेड अप्रोच इन साइंस एंड टेक्नॉलजी फ़ॉर ए सस्टेनबल फ़्यूचर’ को ध्यान में रखते हुए, एमसीएम में साइंस वीक समारोह का उद्देश्य उन तरीकों पर विचार-विमर्श करना है जो एकीकृत दृष्टिकोण समस्या समाधान में मदद कर सकते हैं और सतत विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायक हो सकते हैं । उन्होंने छात्रों को सर सी.वी रमन जैसे वैज्ञानिकों से प्रेरणा लेने और मानवता के लाभ के लिए विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए अपना योगदान देने के लिए प्रेरित किया।