हरियाणा की सीएम विंडो को बताया जन शिकायत निवारण का बेहतरीन मॉडल, अन्य प्रदेश कर रहे अध्ययन
चंडीगढ़,16 सितंबर :- आज हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) ,गुरुग्राम में देश के विभिन्न राज्यों से आए प्रशासकीय सचिवों तथा प्रशासकीय प्रशिक्षण संस्थानों के महानिदेशकों ने देश में गुणवत्तापूर्ण लोक सेवाएं प्रदान करने तथा शिकायत निवारण प्रणाली में सुधार करने के विषय पर मंथन किया। भारत सरकार के प्रशासकीय सुधार और लोक शिकायत विभाग की ओर से हिपा गुरुग्राम में ‘सेवोत्तम‘ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई थी।
इस संगोष्ठी में भारत सरकार के प्रशासकीय सुधार और लोक शिकायत विभाग के विशेष सचिव श्री वी श्रीनिवास ने कहा कि सेवोत्तम दो शब्द ‘सेवा और उत्तम‘ से मिलकर बना है जिसका अर्थ है कि सेवाओं में उत्कृष्टता। उन्होंने कहा कि देश में लोक सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से सेवोत्तम मॉडल विकसित किया गया है। उन्होंने कहा कि सेवोत्तम मॉडल के तहत देश के विभिन्न राज्यों में शिकायत निवारण प्रणाली का अध्ययन करने पर पाया गया कि हरियाणा में ‘सीएम विन्डो’ जन शिकायतों के निवारण में बेहतरीन साबित हुई है। हरियाणा प्रदेश के सभी 22 जिलें शिकायत निवारण में देश के टॉप के 100 जिलों में आते हैं, इसलिए अन्य प्रदेशों द्वारा हरियाणा की शिकायत निवारण प्रणाली सीएम विंडो को समझने का प्रयास किया जा रहा है कि किस प्रकार से इतने जिलों के लोगों की शिकायतों का निवारण दक्षता के साथ हो रहा है। उन्होंने कहा कि सर्विस डिलीवरी में सुधार करने के साथ-साथ बेहतर ढंग से जन सामान्य की शिकायतों का निवारण करने की प्रणाली विकसित करनी जरूरी है। साथ ही विशेष सचिव ने कहा कि सर्विस डिलीवरी करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने और उनकी क्षमता सवंर्धन की दिशा में काम करने वाले प्रशिक्षण संस्थानों का अध्ययन करने पर पाया गया कि सेवोत्तम में हरियाणा सरकार का हिपा संस्थान अच्छा काम कर रहा है।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के लोक शिकायत विभाग के पोर्टल पर काफी संख्या में शिकायतें प्राप्त होती हैं और आने वाले समय में इनकी संख्या बढना स्वाभाविक है जिनको संभालना एक चुनौती होगा। ऐसी परिस्थितियों में हमें शिकायत निवारण प्रणाली को और अधिक प्रभावशाली बनाने तथा इस कार्य से जुड़े अधिकारीयों व कर्मचारियों की क्षमता संवर्धन करने की जरूरत है। श्री श्रीनिवास ने कहा कि हमें भविष्य में केंद्र सरकार के स्तर पर एक सौ लाख तथा जिला स्तर पर पांच लाख सालाना जन समस्याओं को हैंडल करने तथा उनके निवारण करने का तंत्र विकसित करने के बारे में सोचना होगा ताकि शिकायतकर्ता उस तंत्र से संतुष्ट रहें।
इस मौके पर मुख्य वक्ता के तौर पर बोलते हुए हिपा गुरुग्राम की महानिदेशक श्रीमती सुरीना राजन ने कहा कि बेहतर नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करने में सेवा प्रदाताओं की अहम भूमिका होती है। अगर हम सरकारी सेवाएं लोगों को बेहतर और दक्षतापूर्ण ढंग से उपलब्ध करवा पाते हैं तो उससे जन शिकायतें कम होंगी। इसके लिए गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदान करने के साथ-साथ मजबूत शिकायत निवारण विकसित करनी जरूरी है।आज के आधुनिक युग में सरकारी सेवाएं प्रदान करने के लिए टेक्नोलॉजी पर निर्भरता बढ गई है। अब काफी सेवाएं ऑनलाईन प्लेटफॉर्म या पोर्टल के माध्यम से दी जा रही हैं। ऐसे में टेक्नोलॉजी के पहलू को भी ध्यान में रखना जरूरी है कि वह सही ढंग से डिजाइन्ड हो, जन सामान्य के लिए यूजर फ्रेंडली हो, सप्ताह के सातो दिन 24 घंटे संचालित हो, आसानी से नेविगेट किया जा सके। ये टेक्नोलॉजी का प्लेटफार्म भी सेवोत्तम की अनुपालना के लिए उपयुक्त हो। अनुपयुक्त टेक्नोलॉजी से समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। उन्होंने पासपोर्ट तथा ‘रेल मदद‘ और हरियाणा के सरल पोर्टल के संचालन का उदाहरण दिया और कहा कि ये पोर्टल सेवाएं प्रदान करने और जन शिकायत निवारण में काफी कारगर सिद्ध हो रहे हैं।
संगोष्ठी में श्री श्रीनिवास ने विभिन्न राज्यों से आए प्रशासकीय सचिवो तथा प्रशिक्षण संस्थानों के महानिदेशकों से उनके राज्यों में पब्लिक सर्विस डिलीवरी तथा शिकायत निवारण प्रणाली की बेस्ट पै्रक्टिसिस के बारे में पूछा। इस मौके पर केंद्रीय प्रशासकीय रिफॉर्म्स विभाग के सचिव अमरनाथ भी उपस्थित थे।