कैप्टन सरकार दिल्ली-कटड़ा मार्ग के लिए किसानों से जबरदस्ती छीन रही है जमीन – भगवंत मान
किसानों से बातचीत किए बिना जमीन की कीमत निर्धारित करना किसानों के साथ धोख़ा
जमीन प्राप्ति से पहले कैप्टन सरकार किसानों की समस्याओं का करे हल
चंडीगढ़, 11 मई , 2021
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के प्रधान और संसद मैंबर भगवंत मान ने आरोप लगाया है कि भारत माला प्रोजेक्ट के अधीन दिल्ली अमृतसर कटड़ा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए कैप्टन सरकार पंजाब के किसानों की जमीनें जबरदस्ती छीनने में लगी है, जिस का ‘आप’ सख्त विरोध करती है। उन्होंने कहा कि कैप्टन सरकार ने जो किसानों की जमीनें पर धक्के से कब्ज़ा कर लेने के तानाशाह फरमान जारी किया है उसे तुरंत रद्द किया जाये और जमीन प्राप्ति से पहले किसानों की समस्याओं का हल किया जाये।
मंगलवार को पार्टी के मुख्य दफ्तर से जारी एक बयान में प्रांतीय प्रधान भगवंत मान ने कहा कि कैप्टन सरकार ने एक्सप्रेस-वे अधीन आती पंजाब की जमीन के पैसे धक्केशाही के साथ किसानों के खातों में डालने का नोटिस जारी कर दिया है और साथ ही किसानों को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने जमीन की सरकारी कीमत 60 दिनों के अंदर न ली और जमीन का कब्जा न दिया तो पंजाब पुलिस की मदद से जमीन पर कब्ज़ा किया जायेगा। मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी कैप्टन सरकार के इस तानाशाह फरमान की सख्त निंदा करती है और उनकी पार्टी धक्केशाही के साथ किसी भी किसान की ज़मीन नहीं छीनने देगी।
सांसद भगवंत मान ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार भारत माला प्रोजेक्ट के अधीन पंजाब भर में एक्सप्रेस-वे और राष्ट्रीय राज्य मार्गों के निर्माण के लिए किसानों की जमीनें कौडिय़ों के दाम केवल कुलैकटर रेट पर खरीदना चाहती है, परन्तु किसान कुलैकटर रेट का सख्त विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चाहे यह एक्सप्रेस वे केंद्र सरकार की तरफ से बनाया जाना है, परन्तु इस मार्ग के लिए जमीन पंजाब की कैप्टन सरकार ने खरीद कर देनी है। मान ने आरोप लगाया कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह अपने बोस प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को खुश करने के लिए पंजाब के किसानों की जमीनों की कीमत कुलैकटर दरों पर धक्के से दे रहे हैं, जब कि किसान अपनी जमीन की कीमत आम बाजारी मूल्य पर तय करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों से बातचीत के बिना जमीन की कीमत निर्धारित करना पंजाब के किसानों के साथ बड़ा धोखा है।
भगवंत मान ने कहा कि किसानों की मांगें जायज हैं। किसानों को बाजारी मूल्य पर जमीन की कीमत मिलनी चाहिए और किसानों को नये बन रहे एक्सप्रेस-वे से आम सडक़ें बनाकर दी जाएं और एक्सप्रेस-वे के साथ लगती ज़मीन पर कोई भी कारोबार करने के लिए एन.ओ.सी लेने की शर्त भी खत्म की जाये। उन्होंने कहा कि जब सडक़ें ऊंची हो जातीं हैं तो खेतों में पानी ठहरने से फसलों का बहुत नुक्सान होता है, इसको ध्यान में रखते एक्सप्रेस-वे से बारिश के पानी की उचित निकासी व्यवस्था की जाए। इस के साथ जिन किसानों की जमीन एक्सप्रेस-वे के अधीन आती है उनके परिवार के एक एक मैंबर को सरकारी नौकरी दी जाये।