केंद्र किसानों को खाद आपूर्ति पर सब्सिडी दे, कहा कि डीएपी और एनपीके की कीमतों में  50 से 60 फीसदी की बढ़ोतरी से किसानों की कमर टूट जाएगी: शिरोमणी अकाली दल

Sukhbir Singh Badal asks SAD Delhi and DSGMC to extend help to farmer organisations

कहा कि खाद दरों में बढ़ोतरी के कारण पंजाब के किसानों को 1100 करोड़ और खर्च करने होंगेः सरदार सिकंदर सिंह मलूका

 चंडीगढ़/19मई,2021: शिरोमणी अकाली दल ने आज केंद्र सरकार से मांग की है कि किसानों को रियायत दरों पर खाद डाईअमोनियम फास्फेट (डीएपी) और नाइट्रोजन फास्फोरस पोटाश ( एनपीके) उपलब्ध कराएं,कहा कि दोनों खादों की दरों में 50 से 60 फीसदी की बढ़ोतरी से किसानों की कमर तोड़कर रख देगी और वे कर्ज के जाल में फंस जाएंगे।

सरदार मलूका ने कहा कि ‘ खेती पहले से भी गैर-लाभकारी होती जा रही है। खाद की दरों में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी से राज्य के उन किसानों पर असहनीय बोझ बढ़ेगा, जिन्हे केवल खाद दरों में बढ़ोतरी के कारण 1100 करोड़ रूपये का संचयी नुकसान झेलना पड़ेगा।  शिरोमणी अकाली दल  किसान विंग के अध्यक्ष सिकंदर सिंह मलूका ने यहां एक बयान जारी करते हुए कहा कि खेती अर्थव्यवस्था पर भी लंबे समय तक प्रभाव पड़ेगा और यह किसानों के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है।

सरकार से डीएपी  मामले में 700 रूपये की भारी बढ़ोतरी से 1200 रूपये प्रति बैग से 1900 रूपये प्रति बैग की भारी बढ़ोतरी को वापिस लेने तथा एनपीके के मामले में लगभग 400 रूपये से 800 रूपये प्रति बैग की बढ़ोतरी की मांग करते हुए सरदार मलूका ने कहा कि इससे न केवल गेंहू, धान और मक्का किसानों की आय में कमी आएगी , बल्कि आलू और गन्ना उगाने वाले किसानों पर भी गंभीर असर पड़ेगा, जिन्होने बड़ी मात्रा में डीएपी का इस्तेमाल  किया। उन्होने कहा कि आलू किसान प्रति एकड़ डीएपी के तीन बैग का इस्तेमाल करते हैं। उन्होने कहा कि पंजाब सरकार को सहकारी समितियों से किसानों को पुरानी दरों पर डीएपी दी जानी चाहिए।

उन्होने कहा कि किसानों के बीच यह भावना बढ़ रही हीै कि केंद्र सरकार जानबूझकर किसानों के साथ भेदभाव कर रही है, और उन्हे तीनों खेती कानूनों को रदद करने के लिए आंदोलन के लिए सबक सिखाना चाहती है। सरदार मलूका ने कहा कि केंद्र को इस बदलाखोरी की भावना को रोकना चाहिए। उन्हे यह समझना चाहिए यदि देश का किसान मर जाता है तो देश का भी अस्तित्व नही रहेगा और खाद दरों में बढ़ोतरी के अपने फैसले को तत्काल रदद कर देना चाहिए।

सरदार मलूका ने यह भी मांग की कि डीजल की कीमतों में भी कमी की जानी चाहिए, कहा कि पिछले एक साल में डीजल की कीमतों में 25 रूपये प्रति लीटर से अधिक की बढ़ोतरी से पंजाब के किसानों को 500 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ था। उन्होने कहा कि पंजाब सरकार को भी ‘अन्नदाता’ के प्रति अपने कर्तव्य को समझना चाहिए और डीजल पर अपने राज्य के वैट को कम करना चाहिए जो देश में सबसे अधिक है।

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