ड्रग्स मामले को ट्रांसफर करने के लिए पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट में दायर करे याचिका, समयबद्ध कार्यवाही करे सुनिश्चित
मामले में लंबे समय से देरी, नशा तस्करों और इसमें शामिल नेताओं की सजा में बन रही बाधा
चंडीगढ़, 2 सितंबर 2021
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश द्वारा पंजाब से संबंधित एक हाई प्रोफाइल ड्रग्स मामले की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की रिपोर्ट पर सुनवाई से खुद को अलग करने से संबंधित मामले का संज्ञान लेते हुए, आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने ड्रग्स मामले को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से किसी अन्य उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की मांग की है।
गुरुवार को यहां पार्टी मुख्यालय से जारी एक बयान में आप के वरिष्ठ नेता और विपक्ष के नेता (एलओपी) हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि उच्च न्यायालय में एक ड्रग मामले की रिपोर्ट लंबित पड़ी है, जिसे पंजाब सरकार ने एक बार भी खोलने की कोशिश नहीं की है।
चीमा ने कहा कि एक निजी वकील ने याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि एसटीएफ द्वारा सील की गई रिपोर्ट को खोलने और विचार करने की आवश्यकता है; लेकिन माननीय उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था। यही कारण है कि करोड़ों रुपये के ड्रग्स मामले की सुनवाई में लगातार देरी हो रही है।
मामला पंजाब में सक्रिय ड्रग माफिया से संबंधित है, जिसके तार प्रदेश के बड़े बड़े नेताओं से जुड़े हुए हैं और इससे तुरंत निपटने की जरूरत है क्योंकि इससे पंजाब और राज्य के युवाओं का जीवन प्रभावित हो रहा है। उन्होंने आगे कहा कि एसटीएफ की रिपोर्ट खोलने में देरी के कारण जांच में और देरी हो रही है।
पंजाब सरकार पर मामले में देरी का आरोप लगाते हुए, हरपाल सिंह चीमा ने मांग की है कि कांग्रेस सरकार मामले को सुप्रीम कोर्ट में उठाए ताकि केस पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय से दूसरे राज्य में स्थानांतरित हो सके और मामले में अनावश्यक देरी से बचा जा सके।
“पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय से किसी अन्य राज्य के न्यायालय में केस को ट्रांसफर करने के लिए पंजाब सरकार को चाहिए कि वह तुरंत सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करे,क्योंकि ड्रग तस्करों सहित ऐसे कई लोग है जिनके नाम प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से राजनेताओं और नौकरशाहों से जुड़े हैं।
चीमा ने आगे कहा कि मामले में किसी न किसी कारण से देरी हुई है इसलिए सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मामले की दैनिक आधार पर सुनवाई हो और एक निर्धारित समय सीमा के भीतर निर्णय जारी किया जाए।
चीमा ने कहा, “मामले में समयबद्ध सुनवाई होनी चाहिए, ताकि खुलेआम घूम रहे नशा तस्करों और उन्हें छुड़ाने वाले नेताओं को सलाखों के पीछे डाला जाए और पंजाब के लोगों को न्याय मिले।”
चीमा ने कहा कि इस से पहले भी उच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधीश मामले से दूरी बना चुके हैं, जिस कारण कोई समाधान निकलता नहीं दिख रहा है। पंजाब सरकार पर तंज कसते हुए हरपाल सिंह चीमा ने कहा, ‘अगर कैप्टन सरकार इस तरह की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल नहीं करती है तो यह साबित हो जाएगा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह खुद ड्रग तस्करों और उन्हें पनाह देने वाले नेताओं को संरक्षण दे रहे हैं।