राज्य सरकार की रोजग़ार सृजन की सफलता के गलत आंकड़ों के आधार पर आलोचना किये जाने को किया रद्द
चंडीगढ़, 9 मार्च:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अकालियों को पंजाब के महत्वपूर्ण हितों वाले मुद्दों पर मूर्खता से अपना मुँह खोलने से पहले तथ्यों की जांच करने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा रोजग़ार के मौके पैदा करने के लिए शुरू किये गए प्रोग्राम संबंधी अकालियों की आलोचना का आधार गलत आंकड़ों से लिप्त था।
आज यहाँ जारी बयान में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि अकाली आधे-अधूरे झूठों से लोगों को गुमराह करने की कोशिशें करके अपने आप को मूर्ख बना रहे हैं जबकि इन झूठों का कोई सिर पैर नहीं होता और तथ्यों के बिना होते हैं।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि पिछले तीन सालों में उनकी सरकार द्वारा पैदा की गई नौकरियों पर शिरोमणि अकाली दल द्वारा ढीठता से बोले गए झूठ का जवाब देने के लिए एक बार फिर पूरे तथ्यों और आंकड़ों को सामने रखा है। उन्होंने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण में दी गई जानकारी को समझने या इसका विश्लेषण करने के लिए अकालियों ने दिमाग इस्तेमाल करने की कोशिश नहीं की जबकि उल्टा वह इस सर्वेक्षण को आधार बनाकर ही उनकी सरकार पर हमले कर रहे हैं।
उपरोक्त आर्थिक सर्वेक्षण भारत सरकार की तरफ से जारी किये गए हैं जो स्पष्ट तौर पर दिखाते हैं कि बेरोजग़ारी पर दिए गए आंकड़ों का स्रोत पी.एफ.एल.एस.(पिर्योडिक लेबर फोर्स सर्वे) 2017-18 का है जो भारत सरकार के लेबर ब्यूरो द्वारा करवाया गया है। इसमें दर्ज समय जुलाई 2017 से लेकर जून 2018 तक का है जो पिछली अकाली -भाजपा सरकार से विरासत में मिले लडख़ड़ाते शासन से बड़ी मुश्किल से एक साल बाद का है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि इस सर्वेक्षण में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के क्रमवार 6497 और 6877 व्यक्तियों को सर्वेक्षण के लिए बहुत छोटे से नमूने को आधार बनाया गया था जिसने 2.77 करोड़ की आबादी में केवल 13,374 व्यक्तियों के नमूनों में तबदील कर लिया। इसी तरह 15 से 29 साल के नौजवानों के लिए नमूनों का आकार हैरान कर देने वाला है जिसमें ग्रामीण और शहरी इलाकों के लिए क्रमवार 1870 और 1961 व्यक्तियों को लिया गया जिसका सीधा भाव यह है कि राज्य में इस उम्र वर्ग की 80.58 लाख की आबादी में से केवल 3831 नौजवानों को इस नमूनों के आकार में शामिल किया गया।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि छोटे से नमूने को प्रयोग में लाते हुए राज्य में बेरोजग़ारी के आंकड़ों संबंधी तारीख़ के अलावा सिफऱ् संकेत ही दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अकाली इन आंकड़ों के प्रभाव को समझने में या तो मूर्ख हैं या फिर जान-बूझ कर चुनिंदा जानकारी के द्वारा पंजाब के लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आगे बताया कि इस सर्वेक्षण में भारत सरकार द्वारा ही जि़क्र किया गया है कि बेरोजग़ारी सम्बन्धी पिछले आंकड़ों से इस सर्वेक्षण के आधार पर कोई तुलना नहीं की जा सकती क्योंकि आंकड़ों के स्रोतों की ठोस ढंग से तुलना नहीं होती। इससे पूरी तरह स्पष्ट है कि साल 2017-18 के आंकड़ों की साल 2015-16 के आंकड़ों से तुलना नहीं की जा सकती।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन स्पष्ट तथ्यों के बावजूद अकाली मौजूदा कांग्रेस सरकार के अधीन पंजाब में रोजग़ार के निराशाजनक दौर संबंधी झूठा प्रचार करके उस जि़द्दी बच्चे जैसा व्यवहार कर रहे हैं जो बिना किसी नतीजे को जाने दूसरों के लिए मुसीबतें पैदा करने का ही हठ करता है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अकालियों पर बरसते हुए कहा कि राज्य को भयानक दौर में धकेलने के लिए माफी मांगने की बजाय अकाली अपने संकुचित राजनैतिक हितों की ख़ातिर गलतफहमियां फैलाने की कोशिश कर रहे हैं जबकि हर कोई जानता है कि इनके एक दशक के शासन के दौरान जन विरोधी नीतियों के कारण रोजग़ार का बेड़ा गर्क हो गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा लगता है कि अकालियों को मूल तथ्यों संबंधी समझाने के लिए भी कई बार बताना पड़ता है। उन्होंने अपनी सरकार के प्रमुख प्रोग्राम ‘घर-घर रोजग़ार और कारोबार’ मिशन संबंधी बताते हुए कहा कि राज्य के नौजवानों को पिछले तीन सालों में 12.15 लाख नौकरियाँ दी जा चुकी हैं। इनमें से 57,905 सरकारी नौकरियाँ, प्राईवेट सैक्टर में 3.97 लाख नौकरियाँ और स्व-रोजग़ार शुरू करने के लिए 7.61 लाख नौजवानों को उपयुक्त सहायता दी गई।
इसके अलावा अप्रैल, 2017 से 31 दिसंबर, 2019 तक मनरेगा स्कीम के अधीन 20.61 लाख परिवारों को रोजग़ार दिया गया और रोजग़ार की 648.26 लाख दिहाडिय़ां पैदा की गई।
मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि इस संख्या को समझने में कोई कठिनाई नहीं थी, वास्तव में अकालियों को पंजाब के लोग मुँह नहीं लगाते और वह राज्य की कांग्रेस सरकार की रोजग़ार क्षेत्र में सफलता से निराशा के आलम में हैं जिस कारण लोगों को किसी न किसी ढंग से गुमराह करने के लिए तड़प रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार हरेक योग्य नौजवान को आमदन के स्थायी स्रोत के रूप में नौकरियाँ या स्व-रोजग़ार शुरू करने में सहायता देने के लिए अपने यत्न इसी तरह जारी रखेगी। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार राज्य में अधिक से अधिक उद्योग लाने पर केंद्रित है जिसका मनोरथ रोजग़ार के मौके बढ़ाने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है।