चंडीगढ़ 18 जूनः
स्वास्थ्य विभाग के यत्नों स्वरूप पंजाब के लिंग अनुपात (जन्म के समय) में जिक्रयोग्य सुधार हुआ है। साल 2019 में यह संख्या 909 थी जोकि 2020 में बढ़ कर 922 तक पहुँच गयी।
स्टेट ऐप्रोपरीएट अथारिटी को सहायता और सलाह देने और गर्भ धारण करने से पहले और प्री- नैटल डायगनास्टिक तकनीकें (लिंग निर्धारण निषेध संबंधी) एक्ट 1994 को पंजाब में सख्ती से लागू करने के लिए राज्य स्तरीय सलाहकार कमेटी स्थापित की गई है।
इस एक्ट को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए स्वास्थ्य सेवाएं (परिवार कल्याण) विभाग के डायरैक्टर डा. अन्देश कंग के नेतृत्व में राज्य स्तरीय सलाहकार कमेटी (पी.सी.-पी.एन.डी.टी.)की मीटिंग की गई। उन्होंने मीटिंग में संबोधन करते हुये कहा कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से पी.सी -पी.एन.डी.टी. एक्ट के अंतर्गत उल्लंघन करने वालों को काबू करने के लिए डिकाॅय आपरेशन (स्टिंग आपरेशन) जैसे सख्त कदम उठाए जा रहे हैं और स्कैन सैंटरों पर पैनी नजर रखने के लिए राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों की तरफ से जिला ऐप्रोपरीएट अथारिटी के द्वारा बाकायदा जांच की जा रही है।
उन्होंने चेतावनी देते हुये कहा कि यदि कोई स्कैन सैंटर एक्ट की धाराओं का उल्लंघन करता पाया जाता है तो उसकी रजिस्ट्रेशन रद्द कर दी जायेगी।
मीटिंग में बोलते हुये उन्होंने बताया कि इस दिशा में पंजब सरकार की तरफ से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भी समय-समय पर आई.ई.सी. की नियमित गतिविधियों के द्वारा लोगों की मानसिकता को बदलने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं जिससे लड़कियो के प्रति पक्षपात वाले रवैये पर नकेल डाली जा सके।
डिप्टी डायरैक्टर डा. वीणा ने अपने स्वागती भाषण में एक्ट संबंधी विस्तार से बताते हुये एक्ट की धाराओं को सख्ती से लागू करने की अपील की।
मैडीकल अफसर (पी.एन.डी.टी) डा. विनीत नागपाल ने बताया कि दिसंबर 2020 से विभाग की तरफ से नियुक्त की खुफिया एजेंसी की तरफ से 5 शक्की स्कैन सैंटरों पर छापेमारी की गई थी और इन सभी मामलों में एफ.आई.आर दर्ज की गई है। उन्होंने आगे बताया कि विभाग ने एक फ्रीलैंसर खुफिया एजेंसी से मदद लेने का प्रस्ताव भी दिया जिसको माननीय प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की तरफ से मंजूरी दे दी गई थी जिससे राज्य में गैर-कानूनी लिंग निर्धारण टैस्टों को रोकने के लिए स्टिंग आपरेशन करवाने की प्रक्रिया को और तेज किया जा सके।
मीटिंग में डा. धर्मपाल, डा. मीना हरदीप सिंह, डा. गुरमुख सिंह सोशल वर्कर, अमित मरवाहा समाज सेवक, सुरजीत कौर समाज सेवक, मास मीडिया अफसर गुरमीत सिंह राणा मौजूद थे।
स्वास्थ्य विभाग के यत्नों स्वरूप पंजाब के लिंग अनुपात (जन्म के समय) में जिक्रयोग्य सुधार हुआ है। साल 2019 में यह संख्या 909 थी जोकि 2020 में बढ़ कर 922 तक पहुँच गयी।
स्टेट ऐप्रोपरीएट अथारिटी को सहायता और सलाह देने और गर्भ धारण करने से पहले और प्री- नैटल डायगनास्टिक तकनीकें (लिंग निर्धारण निषेध संबंधी) एक्ट 1994 को पंजाब में सख्ती से लागू करने के लिए राज्य स्तरीय सलाहकार कमेटी स्थापित की गई है।
इस एक्ट को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए स्वास्थ्य सेवाएं (परिवार कल्याण) विभाग के डायरैक्टर डा. अन्देश कंग के नेतृत्व में राज्य स्तरीय सलाहकार कमेटी (पी.सी.-पी.एन.डी.टी.)की मीटिंग की गई। उन्होंने मीटिंग में संबोधन करते हुये कहा कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से पी.सी -पी.एन.डी.टी. एक्ट के अंतर्गत उल्लंघन करने वालों को काबू करने के लिए डिकाॅय आपरेशन (स्टिंग आपरेशन) जैसे सख्त कदम उठाए जा रहे हैं और स्कैन सैंटरों पर पैनी नजर रखने के लिए राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों की तरफ से जिला ऐप्रोपरीएट अथारिटी के द्वारा बाकायदा जांच की जा रही है।
उन्होंने चेतावनी देते हुये कहा कि यदि कोई स्कैन सैंटर एक्ट की धाराओं का उल्लंघन करता पाया जाता है तो उसकी रजिस्ट्रेशन रद्द कर दी जायेगी।
मीटिंग में बोलते हुये उन्होंने बताया कि इस दिशा में पंजब सरकार की तरफ से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भी समय-समय पर आई.ई.सी. की नियमित गतिविधियों के द्वारा लोगों की मानसिकता को बदलने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं जिससे लड़कियो के प्रति पक्षपात वाले रवैये पर नकेल डाली जा सके।
डिप्टी डायरैक्टर डा. वीणा ने अपने स्वागती भाषण में एक्ट संबंधी विस्तार से बताते हुये एक्ट की धाराओं को सख्ती से लागू करने की अपील की।
मैडीकल अफसर (पी.एन.डी.टी) डा. विनीत नागपाल ने बताया कि दिसंबर 2020 से विभाग की तरफ से नियुक्त की खुफिया एजेंसी की तरफ से 5 शक्की स्कैन सैंटरों पर छापेमारी की गई थी और इन सभी मामलों में एफ.आई.आर दर्ज की गई है। उन्होंने आगे बताया कि विभाग ने एक फ्रीलैंसर खुफिया एजेंसी से मदद लेने का प्रस्ताव भी दिया जिसको माननीय प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की तरफ से मंजूरी दे दी गई थी जिससे राज्य में गैर-कानूनी लिंग निर्धारण टैस्टों को रोकने के लिए स्टिंग आपरेशन करवाने की प्रक्रिया को और तेज किया जा सके।
मीटिंग में डा. धर्मपाल, डा. मीना हरदीप सिंह, डा. गुरमुख सिंह सोशल वर्कर, अमित मरवाहा समाज सेवक, सुरजीत कौर समाज सेवक, मास मीडिया अफसर गुरमीत सिंह राणा मौजूद थे।