विरोध कर रहे गन्ना उत्पादकों के साथ एकजुटता व्यक्त की, कांग्रेस सरकार द्वारा चार बाद मामूली बढ़ोतरी को सिरे से खारिज किया
आश्वासन दिया कि अगली शिअद-बसपा गठबंधन सरकार गन्ना की एसएपी को 380 रूपये प्रति क्विंटल तक बढ़ाएगी
चंडीगढ़/21अगस्त 2021 शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज गन्ना किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए गन्ना उत्पादकों के सभी लंबित भुगतानों को तत्काल जारी करने के अलावा गन्ने का राज्य सुनिश्चित मूल्य (एसएपी) को न्यूनतम 380 रूपये प्रति क्ंिवटल करने की मंाग की।
उन्होने यह भी घोषणा की कि अगर कांग्रेस सरकार गन्ना उत्पादकों के साथ न्याय सुनिश्चित नही करती है तो अगली शिअद-बसपा गठबंधन सरकार एसएपी को न्यूनतम 380 रूपये प्रति क्विंटल तक बढ़ा देगी। उन्होने कहा कि‘‘ हम अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी इस प्रतिबद्धता को शामिल करेंगें’’।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि चार साल से गन्ने का एसएपी बढ़ाने से इंकार करने के बाद सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम साल में 15 रूपये प्रति क्ंिवटल की मामूली बढ़ोतरी की है, जोकि बेहद कम है। ‘‘ यह गन्ना उत्पादकों के साथ साथ विविधीकरण को धोखा देने वाली बात है’। सरकार ने इस कठोर और असंवेदनशील काम के माध्यम से गन्ना उत्पादकों के घावों पर नमक छिड़का है’’।
सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि अगर सरकार ने इस साल गन्ना मूल्य में न्यूनतम 20 रूपये की बढ़ोतरी की होती हो इस साल कम से कम 380 रूपये प्रति क्विंटल मूल्य दिया होता। उन्होने कहा कि ‘‘ ऐसा न करने से पंजाब के किसानों को 1000करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है, उन्होने कहा कि पड़ोसी हरियाणा सरकार 358 रूपये प्रति क्विंटल एसएपी दे रही है, जो 30 रूपये से 40 रूपये प्रति क्ंिवटल है’’। उन्होने कहा कि अगर देर से भुगतान करने के साथ साथ डीजल पर उच्च राज्य वैट पर ब्याज लगाया जाए तो किसानों को बहुत ज्यादा नुकसान हो गया है।
अकाली दल अध्यक्ष ने यह भी मांग की कि राज्य सरकार सहकारी चीनी मिलों से गन्ना उत्पादकों के कारण भुगतान का बकाया तत्काल जारी करना सुनिश्चित करे। उन्होने कहा कि सरकार निजी मिलों को बकाया राशि को मंजूरी देने के लिए स्पष्ट कटौती का निर्देश जारी करने में विफल रही है। ‘‘ निजी मिलों ने बाजार में चीनी बेची है, लेकिन किसानों को भुगतान नही किया है’’।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा गन्ना उत्पादकों की परेशानियों से अनभिज्ञ होने की बात कहते हुए सरदार बादल ने मांग की कि ब्याज के साथ साथ बकाया राशि को मंजूरी देनी चाहिए। उन्होने कहा कि गन्ना नियंत्रण आदेश और गन्ना क्रय एवं विनियमन अधिनियम के खंड 3 (3) के अनुसार चीनी मिलों को खरीद के 14 दिनों के भीतर भुगतान करना चाहिए वरना देर से भुगतान करने पर ब्याज का भुगतान करना चाहिए। ‘‘इस अधिनियम को अक्षरक्ष लागू किया जाना चाहिए’’
यह कहते हुए कि कांग्रेस सरकार विविधता लाने और गेंहू-धान के चक्र में मदद करने मे विफल रही है। सरदार बादल ने कहा कि अगली शिअद-बसपा गठबंधन सरकार दोनों सहकारी समितियों के सख्त विनियमन के साथ एक लाभकारी एसएपी लागू करके गन्ने की फसल को बढ़ावा देगी, और चीनी मिलें गन्ना उत्पादकों के साथ किसी भी तरह का भेदभाव न करें, यह सुनिश्चित करेगी।