गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने की मांग की
चंडीगढ़/18अगस्त 2024
शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज केंद्र सरकार से बासमती के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को 950 डाॅलर प्रति टन से घटाकर 750 डाॅलर प्रति टन करने का आग्रह किया ताकि बासमती उगाने वाले किसानों को बेहतर कीमत मिल सके और साथ ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस किस्म की प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित की जा सके।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए अकाली अध्यक्ष ने कहा कि भले ही इस साल बंपर फसल होने की उम्मीद है, लेकिन अगर सरकार चावल की इस किस्म की एमईपी की समीक्षा नही करती है तो बासमती किसानों को इसका लाभ नही मिलेगा। उन्होने कहा,‘‘ किसानों की आय दोगुनी करने की सरकार के इरादे को पूरा करने के लिए यह भी आवश्यक है।’’
अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि बासमती निर्यातक इस साल किसानों से बासमती खरीदने की स्थिति में नही हैं, क्योंकि पिछले दो सालों से सीमित निर्यात नीतियों के कारण गोदाम भरे हुए हैं। उन्होने कहा,‘‘ उद्योगपत्ति मौजूदा एमईपी में निर्यात करने में सक्षम नही हैं, क्योंकि पाकिस्तान 750 डाॅलर प्रति टन के एमईपी पर उत्पाद निर्यात कर रहा है। इससे अंतराष्ट्रीय बासमती बाजार भी प्रभावित हुआ है और अनिश्चिततता पैदा हुई है।’’ उन्होने कहा कि बासमती पर एमईपी की समीक्षा से निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और देश में कीमतों में भी तेजी आएगी , जिससे पंजाब और हरियाणा सहित उत्तरी क्षेत्र के किसानों को सहायता मिलेगी।
सरदार बादल ने गैर बासमती चावल के निर्यात पर लगे प्रतिबंध हटाने के साथ साथ पाॅरबाइल्ड राइस के निर्यात पर 20 फीसदी शुल्क हटाने की मांग की है। उन्होने कहा कि जहां देश को बहुमूल्य विदेशी मुद्रा का नुकसान हो रहा है, वहीं कीमतें स्थिर होने के कारण किसान भी आर्थिक संकट में हैं। उन्होने कहा,‘‘ हमें किसानों की भलाई के लिए मौजूदा प्रतिबंधों को हटाकर बासमती चावल के साथ-साथ गैर-बासमती चावल के निर्यात की अनुमति देनी चाहिए।