(इसे एसजीपीसी और पंथक संस्थानों को कमजोर करने की साजिश करार दिया)
कहा कि खालसा पंथ इस तरह के कायरतापूर्ण कृत्यों की हरगिज अनुमति नही देगा और सभी बंदी सिंहों की जल्द रिहाई के लिए सब कुछ करने के लिए प्रतिबद्ध
चंडीगढ़/18जनवरी: शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज मोहाली के एक गुरुद्वारे में शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी(एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिदंर सिंह धामी पर हुए हमले की निंदा करते हुए इसे एसजीपीसी और पंथक संस्थानों को कमजोर करने की गहरी साजिश करार दिया है।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि इस तरह के कृत्य खालसा पंथ को कमजोर करने और अधीन करने में नाकाम रहने की हताशा के कारण किया गया है। उन्होने कहा कि पंथ में अराजकता और गृहयुद्ध पैदा करने की कोशिश की जा रही है। उन्होने कहा कि पंथ इस तरह के कायरतापूर्ण कृत्यों की अनुमति नही देगा और सभी बंदी सिंहों की जल्द रिहाई के लिए सब कुछ करने का संकल्प लेता है। उन्होने कहा कि अकाली दल और एसजीपीसी इस संबंध में अपने कार्यक्रमों को जारी रखेंगें ,जिसमें चल रहा हस्ताक्षर अभियान भी शामिल है।
अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि कुछ तत्व खालसा पंथ और इसके प्रतिष्ठित संस्थानों को तबाह करने पर तुले हुए हैं और उन्होन इस पूरी घटना की स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि जांच की प्रक्रिया को आप पार्टी की सरकार के दायरे से बाहर कराए जाने की जरूरत है, क्योंकि आप पार्टी की सरकार दुनिया भर के सिखों के प्रतिनिधि को आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने के अपने कर्तव्य को पूरा करने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा, ‘‘ इस घटना से राज्य में कानून और व्यवस्था की चरमराई व्यवस्था का भी पर्दाफाश हो गया है’’।
उन्होने कहा कि 1984 में टैंको और तोपों से हमले करवाना यां पिछले साल नवंबर में एसजीपीसी चुनाव हो खालसा पंथ विरोधी ताकतें दशकों से पंथ को कमजोर करने की साजिशों को अंजाम दे रही हैं। उन्होने कहा कि इन ताकतों को हराने के लिए सिख समुदाय हमेशा एकजुट रहा है। सरदार बादल ने कहा मैं पंथ से एसजीपीसी के सम्मान की रक्षा के लिए इस महत्वपूर्ण मोड़ पर एकजुट होने की अपील करता हूं।
सरदार बादल ने बताया कि अकाली दल किस तरह से एसजीपीसी के साथ बंदी सिंहों की रिहाई के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। उन्होने कहा, ‘‘ हमने इस मुददे पर राष्ट्र का ध्यान केंद्रित करने के लिए दिल्ली में भी धरना दिया था तथा इसके अलावा संगरूर उपचुनाव में संगत से जनादेश मांगा था। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी के खिलाफ साजिश करने वाले तत्वों ने जनादेश के खिलाफ जाकर बंदी सिंहों के परिवारों के साथ विश्वासघात किया है।