शारीरिक विकास के लिए स्वाद से ज्यादा पौष्टिकता है जरूरी- अनिल धामूॅ

POSHAN
ਸ਼ਰੀਰਕ ਤੇ ਮਾਨਸਿਕ ਵਿਕਾਸ ਲਈ ਪੋਸ਼ਟਿਕ ਭੋਜਣ ਦੀ ਵਰਤੋਂ ਬਹੁਤ ਜ਼ਰੂਰੀ- ਅਨਿਲ ਧਾਮੂ
फाजिल्का, 22 सितम्बर 2021
राष्ट्रीय पोषण माह के तहत सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल कोड़ियां वाली में सिविल सर्जन डॉ देवेन्द्र ढांडा के निर्देशानुसार एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में अनिल धामूॅ जिला मास मीडिया अधिकारी विशेष रूप से शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने ने बच्चों व अध्यापकों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे शारीरिक और मानसिक विकास के लिए सबसे जरूरी है खाने का पौष्टिकता से भरपूर होना। जब तक हमारे शरीर को सभी पौष्टिक तत्व जैसे कार्बोहाइड्रेट, खनिज, वसा, प्रोटीन विटामिन फाइबर, हरी पत्ते दार सब्ज़ियां नहीं मिलेगी शारीरिक विकास सही और संतुलित नहीं होगा।
आज हम खाना सिर्फ स्वाद को सामने रख कर खाते है। स्वाद खाने का एक महत्वपूर्ण भाग है। परन्तु सिर्फ स्वाद को ही सबसे अहम मान कर खाना हमें कहीं ना कहीं बीमारियों का शिकार बना देता है। जैसे ज्यादा मीठा, नमकीन, तीखा या ज्यादा फ्राइड वह मैदे से बना खाना स्वाद तो दे सकता है जो कि सिर्फ 2 इंच की जीभ ही महसूस करेगी पर बाकी पूरे शरीर को उसके बुरे प्रभावों से बचाना मुश्किल हो जाएगा। इस लिए जरूरी है के हम प्रकृति के अनुसार उस ऋतु में मिलने वाले फलों और सब्जियों का प्रयोग ही करें।
प्रकृति ने हर मौसम या ऋतु के लिए अलग अलग फल और सब्जियों को हमें दिया है। परंतु यहां भी इंसान अपनी मनमर्जी कर्ता है और बिना मौसम और ऋतु के फल जो कि कोल्ड स्टोरेज में रखें होते हैं खाना पसंद कर्ता है। जबकि इनमें स्टोरेज के बाद वो पौष्टिकता नहीं रहती जो ताज़े फलों और सब्जियों में होती है।
हमारा खाने का समय भी अस्त व्यस्त हो चुका है। आज सुबह नाश्ता हम जल्दी के कारण मिस कर देते हैं और दोपहर को खाना जो साथ होता है या मिल जाता है खा लेते हैं। परंतु रात का खाना खूब पेट भर कर खाते है, जबकि होना तो इसके विपरीत चाहिए कि सुबह का नाश्ता बहुर अच्छा हो, दोपहर का खाना संतुलित और रात का खाना बिल्कुल हल्का फुल्का हो।
आज फास्ट फूड ने हमे स्वाद तो दिया परंतु साथ में बहुत सी बीमारियाँ भी प्रोस दी। मोटापा, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और आँखों की कमजोरी जैसी कितनी ही बीमारियों से हम परेशान/ दुखी हो रहे हैं।
सबसे अच्छा खाना अगर कोई है तो वो है माँ के हाथ का भाव घर का बना खाना।हमें अगर स्वास्थ्य रहना है तो घर के खाने को ही प्राथमिकता देनी ही होगी। इस अवसर पर श्री राजीव मकड़ प्रिन्सिपल ने बच्चों को निजी साफ़ सफ़ाई पर विशेष ध्यान देने के लिये प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि खाना खाने से पहले हाथ अच्छी तरह से धोना हमें बहुत सी बीमारियों से बचा सकता है।
 नाखुन कटे होने चाहिये। जहां खाना खाना है वह जगह भी साफ-सुथरी होनी चाहिए। किसी किस्म के मक्खी मच्छर नहीं होने चाहिए। स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ वह साफ सुथरा वातावरण होना बहुत आवश्यक है।

इस अवसर पर श्रीमती रंजू बाला,श्री अरुण गुप्ता,श्री परमिंदर सिंह,श्रीमती  सीमा उपस्थित थे।

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