माजरीया गांव की शामलात जमीन के अरबों रुपए के घोटाले में गिरफ्तार आरोपियों की कैप्टन सरकार के मंत्री के साथ नजदीकीयों की हो जांच-हरपाल सिंह चीमा
मंत्री और उच्च आधिकारियों की मिलीभगत के बिना अरबों का घोटाला होना न मुमकिन, नेताओं को भी जांच में किया जाए शामिल
चंडीगढ़, 10 मई , 2021
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर नेता और पंजाब विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि जिला एस.ए.एस नगर के गांव माजरीया की अरबों रुपए की शामलात जमीन में हुए घोटाले सम्बन्धित पंजाब सरकार की कार्रवाई आंखों में धूल झोंकने के बराबर है। उन्होंने कहा कि इस घोटाले में शामिल नायब तहसीलदार और अन्य आरोपियों की कैप्टन सरकार के मंत्री के साथ नजदीकीयां और उच्च आधिकारियों की भी जांच होनी चाहिए।
हरपाल सिंह चीमा ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि पंजाब की राजधानी के पास गांव माजरीया की अरबों की शामलात जमीन के जाली कागजात तैयार करके आगे बेचने का जो केस पंजाब विजिलेंस की ओर से दर्ज किया गया है, उसमें निचले आधिकारियों और मुलाजिमों को ही आरोपी साबित करने की कार्रवाई की गई है। जब कि सच यह है कि इस अरबों रुपए की शामलात जमीन के घोटाले में पंजाब सरकार के मंत्री और उच्च अधिकारी भी शामिल हैं, जिनको बचाने की कैप्टन सरकार की ओर से कोशिश की जा रही है।
चीमा ने कहा कि पंजाब के लोग अच्छी तरह जानते हैं कि जैसे अकालियों की सरकार के समय जमीन माफिया का मंत्रियों और सिपाहियों के साथ गठजोड था, उसी तरह ही यह गठजोड कैप्टन अमरिंदर सिंह के सरकार में चल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रकाश सिंह बादल की सरकार समय मंत्रियों के संरक्षण पर जमीन माफिया ने मोहाली समेत पूरे पंजाब में शामलात, पंचायती और गरीब लोगों की जमीनों पर कब्जे किए थे और यही सिलसिला कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में भी जारी है।
हरपाल सिंह चीम ने कहा कि गांव माजरीया के जमीन घोटाले में गिरफ्तार किये गए नायब तहसीलदार की कैप्टन अमरिंदर सिंह के मंत्री के साथ नजदीकीयां जनतक है। मंत्रियों और आधिकारियों की मिलीभगत के बिना सरकारी रिकार्ड में हेराफेरी होना न मुमकिन है, परन्तु कैप्टन सरकार नायब तहसीलदार, सब-रजिस्ट्रार, पटवारियों और आम लोगों के खिलाफ कार्रवाई करके पंजाब के लोगों की आंखों धूल झोंकने की कोशिश कर रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मांग की है कि गिरफ्तार मुलजिमों के साथ साथ मंत्रियों और उच्च आधिकारियों की भी जांच करवाई जाये, जिससे पूरा सच पंजाब वासियों के सामने आ जाए।