पंजाब में सड़क सुरक्षा उपायों की की समीक्षा
50,000 आवारा पशुओं के लिए 25 लाख रुपए के रिफलेक्टर खरीदेगी पी.एस.आर.एस.सी.
चंडीगढ़, 5 जनवरीः
परिवहन मंत्री रजिया सुलताना की अध्यक्षता अधीन पंजाब राज्य सड़क सुरक्षा कौंसिल (पी.एस.आर.एस.सी.) की तरफ से आज राज्य में सड़क सुरक्षा सम्बन्धी उठाये कदमों और कार्यवाहियों का जायजा लिया गया।
मीटिंग की अध्यक्षता अधीन परिवहन मंत्री ने अधिकारियों को तकरीबन 50,000 आवारा पशुओं को कवर करने के लिए रिफलैकटरों की खरीद करने और 31 मार्च, 2021 तक सभी अधिक हादसों वाले स्थानों (ब्लैक स्पॉटस) को दुरुस्त करने समेत कुछ बड़े फैसलों को लागू करने सम्बन्धी हिदायत दी। इसके अलावा उन्होंने राज्य के सभी बड़े सड़क हादसों की जांच करवाने के लिए भी कहा।
अधिक जानकारी देते हुये विभाग के एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि पिछले तीन सालों (2015-2018) के दौरान पंजाब में आवारा पशुओं के साथ 502 सड़क हादसे हुए, जिनमें 370 लोगों ने अपनी जानें गवाईं, 157 गंभीर जख्मी हुए और 59 को मामूली चोटों लगीं। यह समस्या दिसंबर से फरवरी के महीनों के दौरान धुंध के कारण और ज्यादा गंभीर हो जाती है। मीटिंग में यह भी फैसला लिया गया कि राज्य में धुंध की गंभीर स्थिति को देखते हुये आवारा पशुओं पर रिफलेक्टर लगाने की जरूरत है और इस मंतव्य के लिए कौंसिल की तरफ से राज्य में लगभग 50,000 आवारा पशुओं को कवर करने के लिए लगभग 25 लाख रुपए के रिफलेक्टर खरीदे जाएंगे।
अधिक हादसों वाले स्थानों (ब्लैक स्पॉटस) संबंधी जानकारी देते हुये उन्होंने बताया कि पंजाब के राष्ट्रीय राजमार्गों पर 391 ब्लैक स्पॉटस की पहचान की गई है। जिक्रयोग्य है कि ब्लैक स्पॉट 500 मीटर सड़की रास्तेे के उस हिस्से को कहा जाता है जिस पर पिछले 3 सालों के दौरान 5 सड़क हादसे (मौतें और गंभीर चोटों वाले) हुए हों या पिछले 3 सालों के दौरान जहाँ 10 मौतें हुई हों। कौंसिल ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया(एन.एच.ए.आई.) और लोक निर्माण विभाग को हिदायत की कि 31 मार्च, 2021 तक सभी ब्लैक स्पॉटस को दुरुस्त किया जाये।
राज्य में प्रति दिन होने वाली सड़कीय हादसों की मौतों को 14 से घटाकर 7 (राष्ट्रीय औसत) करने के लिए राज्य में सभी बड़े सड़कीय हादसों की जांच करने का फैसला किया गया है जिससे घट रहे हादसों के असली कारणों जैसे इंजीनियरिंग नुक्स, नीतियाँ लागू करने की कमी, वाहन में नुक्स आदि का पता लगाया जा सके। इससे उपाय आरंभ करने के लिए भी रास्ता साफ होगा। इसके अलावा पी.एस.आर.एस.सी. की तरफ से राज्य में हादसों की संभावना वाली सभी सड़कों का निष्पक्ष एजेंसी से थर्ड पार्टी ऑडिट करवाने सम्बन्धी भी फैसला लिया गया।
सड़क सुरक्षा के मद्देनजर आधुनिक उपकरण जैसे स्पीड गन, ब्रीथ ऐनालाईजर की खरीद में तेजी लाने, मुख्य एजेंसियाँ में खाली पड़े पदों को भरने और सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा कमेटी के द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को लागू करने सम्बन्धी भी फैसला किया गया। परिवहन मंत्री ने सड़क सुरक्षा के साथ जुड़ी सभी एजेंसियों को जज़्बे के साथ काम करने की सलाह दी जिससे लोगों की कीमती जानें मौत के मुँह में जाने से बचाई जा सकें। इस मीटिंग के दौरान परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव के. सिवा प्रसाद, डी.जी. (लीड एजेंसी) वैंकटरतनम और ए.डी.जी.पी.(ट्रैफिक) शरद चैहान भी में शामिल हुए।