मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार ने पहली बार यूएनएफसीसीसी- सीओपी में की भागीदारी


यूएनएफसीसीसी के 27वें सीओपी सम्मेलन में हरियाणा ने मिशन लाइफ़ पर प्रस्तुत किया एक्शन प्लान

पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन के एसीएस के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ले रहा है सम्मेलन में भाग

चंडीगढ़, 16 नवंबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पहली बार विश्व मंच पर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसीसी) के कांफ्रेंस ऑफ पार्टीज (सीओपी) के 27वें सत्र में हिस्सा लिया है। मिस्र के शर्म-अल-शेख में आयोजित सीओपी-27 में राज्य सरकार की ओर से ‘लाइफ’- लाइफस्टाइल फॉर एनवायरमेंट – ‘पर्यावरण के लिए जीवन शैली’ को लागू करने के लिए की जा रही विभिन्न पहलों पर तैयार कार्य योजना को प्रस्तुत किया गया।

हरियाणा के पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विनीत गर्ग के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए शर्म-अल-शेख के दौरे पर है। प्रतिनिधिमंडल में श्री जगदीश चंद्र, पीसीसीएफ, डॉ. विवेक सक्सेना, एपीसीसीएफ और सीईओ, सीएएमपीए और डॉ. टी.पी. सिंह, सचिव, फॉरेस्ट शामिल हैं।

एक सरकारी प्रवक्ता ने इस संबंध में अधिक जानकारी साझा करते हुए बताया कि मिशन लाइफ को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और संयुक्त राष्ट्र महासचिव श्री एंटोनियो गुटेरेस द्वारा अक्टूबर 2022 में गुजरात में दिया गया था।

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल, जिनके पास पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन पोर्टफोलियो भी है, के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने पर्यावरण अनुकूलन कई पहल शुरू करने के साथ-साथ प्रदेश में ग्रीन कवर को बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। इसके अलावा, वन एवं शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल के नेतृत्व में पौधरोपण और हरियाली अभियान में छात्रों व युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है।

यूएनएफसीसीसी रियो कन्वेंशन में से एक है और 190 से अधिक सदस्य देश जलवायु परिवर्तन पर विचार करने के लिए चुनौतियों और रोड मैप पर विचार-विमर्श करने के लिए सीओपी-27 में भाग ले रहे हैं। इस दौरान हरियाणा द्वारा ‘लाइफ’- लाइफस्टाइल फॉर एनवायरमेंट के लिए की जा रही विभिन्न पहलों पर तैयार कार्य योजना को प्रस्तुत करने के लिए एक विशेष इवेंट भी आयोजित किया गया। इसमें विभिन्न देशों, संयुक्त राष्ट्र संगठनों, सिविल सोसाइटी संगठनों के प्रतिभागियों तथा युवाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया।

जलवायु परिवर्तन पर हरियाणा की पहल

प्रवक्ता ने बताया कि सीओपी-27 में डॉ विवेक सक्सेना ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा यूके के ग्लासगो में सीओपी-26 के दौरान भारत के जलवायु परिवर्तन से संबंधित कार्य योजना और प्रतिबद्धताओं के पांच अमृत तत्वों (पंचामृत) पर हरियाणा द्वारा जी जा रही पहलों को प्रस्तुत किया। विशेष इवेंट में हरियाणा सरकार की उन पहलों को दिखाया गया है, जो जलवायु लक्ष्यों और 2070 तक जलवायु तटस्थता के लिए भारत की प्रतिबद्धता का समर्थन करती हैं।

एग्रोफोरेस्ट्री और टीओएफ को बढ़ावा देने में हरियाणा ने पेश किया उदाहरण

प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा ने एग्रोफोरेस्ट्री और ट्री आउटसाइड फॉरेस्ट (टीओएफ) को बढ़ावा देने में बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है। वन क्षेत्र के तहत केवल 3.5 प्रतिशत के साथ वन की कमी वाला राज्य होने के बावजूद, हरियाणा का देश के प्लाईवुड उत्पादन में गैर-वन क्षेत्रों से प्राप्त कृषि आधारित लकड़ी का लगभग 50 प्रतिशत का योगदान है।

प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा यूएसएआईडी समर्थित टीओएफआई (ट्री आउटसाइड फॉरेस्ट्स इन इंडिया) कार्यक्रम का भी हिस्सा है, जिसे भारत के सात राज्यों में लागू किया जाना है। टीओएफआई कार्यक्रम 420 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर सीक्वेस्ट्रेशन में योगदान देगा और टीओएफ के तहत 2.8 मिलियन हेक्टेयर नई भूमि को कवर करेगा।

कृषि पर जलवायु परिवर्तन के अप्रत्याशित प्रभाव को दूर करने के लिए अनुसंधान को बढ़ावा देने का प्रस्ताव

जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय स्थिरता के लिए नए शोध की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार ने बजट घोषणाओं में कृषि और आजीविका पर जलवायु परिवर्तन के अप्रत्याशित प्रभाव को दूर करने के लिए ऐसे विषयगत क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा देने का प्रस्ताव किया है।

सीओपी-27 के दौरान आयोजित विशेष इवेंट में विषयगत क्षेत्रों- जल, वायु, पृथ्वी, जंगल, ऊर्जा और अपशिष्ट से प्रयोग करने योग्य उत्पाद (वेस्ट टू वेल्थ) संरक्षण के लिए प्रक्रियाओं एवं प्रौद्योगिकियों पर अनुसंधान पर केंद्रित छह अंतर्विषयक केंद्रों की स्थापना के माध्यम से जलवायु कार्रवाई का प्रदर्शन किया जा रहा है। अपशिष्ट से प्रयोग करने योग्य उत्पाद (अपशिष्ट से धन) के करना।

हरियाणा सरकार की मेरा पानी मेरी विरासत योजना

प्रवक्ता ने बताया कि राज्य अभियान में मेरा पानी-मेरी विरासत योजना को सम्मिलित किया गया है। यह योजना जल संरक्षण और कम पानी से उगने वाली फसलों को अपनाने के लिए प्रोत्साहन आधारित फसल विविधीकरण हेतू शुरू की गई है। इस अभियान से खेती को एक कुशल, जलवायु-स्मार्ट, आर्थिक रूप से व्यवहार्य, ज्ञान-आधारित, प्रगतिशील और उद्यम बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

आर्द्रभूमि संरक्षण और जल निकायों के कायाकल्प के लिए मिशन मोड पर किया गया कार्य

प्रवक्ता ने बताया कि अमृत सरोवर मिशन और आजादी का अमृत महोत्सव के तहत हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण और हरियाणा वन विभाग द्वारा आर्द्रभूमि संरक्षण तथा जल निकायों एवं तालाबों का कायाकल्प के लिए मिशन मोड पर किया जा रहा है।

इसके अलावा, हरियाणा ने लैंडस्केप लेवल प्लानिंग के अवसरों के मानचित्रण के लिए आईयूसीएन समर्थित परियोजना को लागू किया है।

 

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