चण्डीगढ़, 9 फरवरीः
पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने आज नगर निगम, फगवाड़ा की बिल्डिंग ब्रांच में तैनात एक इंस्पेक्टर को 1,00,000 रुपए की रिशवत लेने के मामले में गिरफ्तार किया है।
यह प्रगटावा करते हुये डीजीपी -कम -चीफ डायरैक्टर विजीलैंस ब्यूरो बी.के. उप्पल ने बताया कि नगर निगम फगवाड़ा के इंस्पेक्टर पलपरनीत सिंह को विजीलैंस टीम की तरफ से शिकायतकर्ता सतीन्द्र सिंह निवासी फगवाड़ा, कपूरथला से 1,00,000 रुपए की रिश्वत हासिल करने केस में गिरफ्तार किया है।
उन्होंने आगे बताया कि शिकायतकर्ता ने विजीलैंस तक पहुँच की और दोष लगाया कि उपरोक्त इंस्पेक्टर ने उस (शिकायतकरता) की माँ के नाम पर रजिस्टर्ड एक 20 मरला प्लाट की चारद्वारी का निर्माण करने और नक्शे को मंजूरी देने के लिए रिशवत के तौर पर 1,00,000 रुपए की माँग की। शिकायतकर्ता ने बताया कि इंस्पेक्टर पलपरनीत सिंह ने उसके प्लाट के नक्शे को मंजूरी के लिए सरकारी फीस के तौर पर 1,00,000 रुपए माँगे और शिकायतकर्ता के पिता जसविन्दर सिंह ने उसको 50,000 रुपए की दो किस्तों में दिए।
उन्होंने कहा कि जब शिकायतकर्ता के पिता जसविन्दर सिंह दफ्तर गए तो उसको पता लगा कि मुलजिम इंस्पेक्टर को मुुअत्तल करने के बाद ट्रांसफर कर दिया गया है। जब जसविन्दर सिंह ने वहाँ अपने प्लाट से सम्बन्धित फाइल के बारे पूछा तो उसे बताया गया कि इस दफ्तर में ऐसी कोई फाइल जमा ही नहीं की गई। इस तरह इंस्पेक्टर पलपरनीत सिंह ने जसविन्दर सिंह को धोखा दिया और सरकारी फीस के नाम पर 1,00,000 रुपए ठग लिए।
उन्होंने बताया कि जसविन्दर सिंह ने उक्त इंस्पेक्टर के खिलाफ थाना सतनामपुरा, फगवाड़ा में शिकायत दर्ज करवाई है। जांच अधिकारी ने दोनों पक्षों को थाने में बुलाया और जांच के दौरान उक्त इंस्पेक्टर ने स्वीकार कर लिया कि उसने जसविन्दर सिंह से 1,00,000 रुपए लिए हैं। इसके अलावा इंस्पेक्टर पालपरनीत सिंह ने बताया कि उसने जसविन्दर सिंह को 15,000 रुपए पहले ही वापस कर दिए हैं और एक महीने के अंदर बाकी रकम वापस कर देगा। इंस्पेक्टर पालपरनीत सिंह ने जसविन्दर सिंह को कोटक महेन्दरा बैंक का 85000 रुपए का एक चैक दे दिया परन्तु जब उसने पैसे निकलवाने के लिए चैक लगाया तो बैंक की तरफ से चैक बाऊंस कर दिया गया।
इस तरह, इंस्पेक्टर पालपरनीत सिंह ने अपने सरकारी पद का दुरुपयोग करते हुये गलत ढंग से इसका लाभ लिया और रिश्वतखोरी केस में उसका सम्मिलन साबित हुआ।
उन्होंने बताया कि दोषी इंस्पेक्टर के खिलाफ विजीलैंस के पुलिस थाना, जालंधर में भ्रष्टाचार रोकथाम एक्ट के अंतर्गत केस दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया गया है और अगली पड़ताल जारी है।