जांच प्रक्रिया में पूरा सहयोग दूंगा: सरदार परकाश सिंह बादल

पूर्व मुख्यमंत्री ने अन्य तारीख के लिए कहा
पूर्व मुख्यमंत्री ने आशा जताई कि नई एसआईटी सत्तारूढ़ पार्टी के राजनीतिक हस्तक्षेप के तहत् एक ‘ काल्पनिक कथा’ दोहराने से गुरेज करेगी
चंडीगढ़/14जून 2021   पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके सरदार परकाश सिंह बादल ने आज स्पष्ट रूप से ‘ कानून के साथ पूर्ण सहयोग करने की मंशा और प्रतिबद्धता ’ दोहराते हुए कहा कि उन्हे ‘ न्यायपालिका पर पूर्ण विश्वास है। उन्होने एसआईटी से कहा कि वह जांच के लिए उनकी उपस्थिति की तारीख को फिर से शेडयूल करें, क्योंकि उनका स्वास्थ्य ठीक नही चल रहा है तथा ‘ डाॅक्टरों ने उन्हे दस दिनों के लिए पूर्ण बेड रेस्ट करने की सलाह दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘जैसे ही मेरी सेहत बेहतर होती है, मैं अपने निवास स्थान (विधायक फ्लैट नंबर 37, सेक्टर 4, चंडीगढ़) पर कानून के अनुसार जांच में शामिल हो जाउंगा। सरदार बादल ने आशा व्यक्त की कि ‘ यह एसआईटी पिछली सिट के विपरीत, देश के कानून का सम्मान करेगी तथा निष्पक्ष जांच करेगी तथा सत्तारूढ़ पार्टी के राजनीतिक हस्तक्षेप के आगे घुटने नही टेकेगी, क्योंकि सरकार अपने तुच्छ राजनीतिक हितों के लिए कानून को दरकिनार कर रही है
पिछली सरकार द्वारा कोटकपुरा की घटनाओं की जांच कर रही एसआईटी द्वारा प्राप्त हुए समन पर दो पेज की प्रतिक्रिया पर सरदार बादल ने कहा कि ‘ आज तक राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण जांच की पूरी प्रक्रिया का मजाक किया गया है तथा इसका मकसद राजनीतिक बदलेखोरी था। जिसके कारण जांच की निष्पक्षता पर किसी को भरोसा नही रहा। इसके बावजूद सरदार बादल ने कहा कि वह जांच प्रक्रिया में पूरा सहयोग करेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान एसआईटी की बहुत आवश्यकता है क्योंकि ‘ पहले वाली सिट पूरी तरह से तुच्छ राजनीति से प्रेरित थी’ । सरदार बादल ने पिछली सिट के राजनीतिकरण की निंदा कि जिसके कारण पूरी जांच प्रक्रिया को खराब कर दिया गया।
सरदार बादल ने कहा कि पिछली एस.आई.टी में सभी
कि पूर्व सिट में सभी नियमों तथा मानदंडों की उपेक्षा की तथा एक अफसर ने अपने आप ही सभी ताकतों को हथिया लिया तथा एसआईटी के चेयरमैन समेत अन्य सदस्यों की भूमिका भी इस तरह बेमानी बना दी
वे कथित तौर पर पूरी जांच प्रक्रिया का हिस्सा भी नही थे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने उन रिपोर्टों का भी हवाला दिया ,जिसमे कहा गया था कि पिछली एसआईटी की रिपोर्ट सत्ताधारी पार्टी के आधा दर्जन मैंबरों ने तैयार की थी तथा इस रिपोर्ट का अभी तक किसी ने भी खंडन नही किया ।

 

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