सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने श्री अकाल तख़्त साहिब के जत्थेदार को पत्र लिखा

SUKHJINDER SINGH RANDHAWA WRITES TO JATHEDAR SRI AKAL TAKHT SAHIB
SUKHJINDER SINGH RANDHAWA WRITES TO JATHEDAR SRI AKAL TAKHT SAHIB
’अकाली दल के रोष दिवस के दौरान बेअदबियों के दोषी बादल दल को मजबूत करने की अपील पर चिंता ज़ाहिर की

चंडीगढ़, 3जनवरी 2022

सीनियर कांग्रेसी नेता और पंजाब के उप मुख्यमंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने श्री अकाल तख़्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की तरफ से बीते कल पवित्र श्री हरिमन्दिर साहिब में अकाली दल के रोष दिवस के दौरान बेअदबियों के दोषी बादल दल को मजबूत करने की की अपील पर चिंता ज़ाहिर की है। स. रंधावा ने जत्थेदार से अपील भी की कि बादल पिता-पुत्र की पंथ विरोधी कार्यवाहियों के कारण उलटा इन मसनदों को पंथ में से ख़ारिज किया जाये।

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जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को लिखे पत्र में स. रंधावा ने कहा कि बादल दल की तरफ से रोष दिवस पवित्र श्री हरिमन्दिर साहिब परिसर में मनाया गया है परन्तु मेरे हृदय को तब बहुत ठेस पहुँची जब श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी द्वारा स्थापित सिरमौर संस्था श्री अकाल तख़्त साहिब के प्रमुख ने पंथ को इकट्ठा होकर शिरोमणि कमेटी को मज़बूत करने की अपील के साथ-साथ बादल दल को मजबूत होने की बात कही, जो सिख संगत के दिलों को ठेस पहुंचाती है। उन्होंने याद करवाया कि 1996 की मोगा कान्फ्रेंस के समय पर और बाद में बादल दल ने भारत चुनाव आयोग के पास संविधान पेश करके स्वयं को पंथ और पंथक होने से अलग कर लिया था। इस सम्बन्धी होशियारपुर की अदालतों में इन कथित पंथक बादलों के खिलाफ कई बार वारंट निकले हैं।

उन्होंने पूछा कि श्री मंजी साहिब दीवान हॉल से जत्थेदार जी की मौजूदगी में हुई तकरीरों में जहाँ पंथ को मसनदों के काबिज़ होने से सचेत किया गया है तो यह भी पूछने की ज़रूरत है कि पिछले समय के दौरान शिरोमणि कमेटी पर काबिज़ रहे कौन से मसनदों ने जाम-ए-इंसां में शामिल डेरादार के साथ सांझ डाली और उसे बठिंडा केस में से ख़ारिज करने के लिए साल 2012 में ख़ारिज रिपोर्ट दी और तख़्त साहिब के हुक्मनामों का उल्लंघन करते हुए उसकी वोटें ली।

अकालियों की पीठ पर चढ़ कर डेरेदार ने फिल्में चलाईं और अकालियों के संरक्षण में साल 2015 की हृदय-वेदक बेअदबी की घटनाएँ बरगाड़ी, मलके और गुरूसर भगता आदि को अंजाम दिया। इसी समय के दौरान उस समय के जत्थेदार साहिबान और शिरोमणि कमेटी को मजबूर करके पहले सौदे-साध को माफी दिलाई और लगभग करोड़ रुपए गुरू की गोलकों में ख़र्च करके इसको वाजिब ठहराने के लिए इश्तिहार निकलवाये। क्या यह उस समय के शिरोमणि अकाली दल के प्रधान और पंजाब के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पिता -पुत्र के मुकाबले बड़ा मसंद कोई है?

सीनियर कांग्रेसी नेता स. रंधावा ने कहा कि हमारी सरकार ने इन मसनदों की सरकार के समय हुई बेअदबियों को बहुत संजीदगी से लेते हुये सिट(विशेष जांच टीम) पर ही भरोसा रखकर जांच जारी रखी और साल 2018 में बरगाड़ी बेअदबियों में शामिल दोषियों को पकड़ा और जेलों में धकेला और साजिशकर्ताओं पर नकेल डाली। उस विशेष जांच टीम के प्रमुख स. रणबीर सिंह खटड़ा द्वारा आपके बुलाऐ पर श्री अकाल तख़्त साहिब पर पेश होकर समूह सिख जत्थेबंदियों, विद्वानों और शिरोमणि कमेटी के प्रधान के आगे बयान किया हुआ है।

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