पंजाबियों के साथ संवैधानिक और लोकतांत्रिक धोखाधड़ी कर रही कांग्रेस और आप : सरदार सुखबीर सिंह बादल

sukhvir badal
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कांग्रेस और आप के बीच तय मैच के हिस्से के रूप में सुखपाल खैहरा तथा अन्य दो विधायक मुख्यमंत्री की उपस्थिति में कांग्रेसी खेमे में शामिल हो गए
चंडीगढ़/03जून 2021 शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज कहा है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर तय मैच खेल रही हैं और आम आदमी पार्टी ने लगातार अपने विधायकों को कांग्रेस पार्टी के प्रति अपनी वफादारी के साथ साथ अनाधिकारिक तौर पर गठजोड़ करने के हिस्से के रूप में अनुमति दे दी है। उन्होने राज्य के लोगों से की गई इसे संवैधानिक और लोकतांत्रिक धोखाधड़ी करार दिया है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की मौजूदगी में कांग्रेसी खेमे में शामिल होने वाले भूल्लथ के विधायक सुखपाल खैहरा और आम आदमी पार्टी के दो अन्य विधायक जगदेव सिंह कमालू तथा पीरमल सिंह खालसा के आज कांग्रेस पार्टी में शामिल होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि इससे साबित होता है कि आप और कांग्रेस पार्टी की मिलीभगत है। कांग्रेस पार्टी नियमित रूप से आम आदमी पार्टी के विधायकों को जरूरत पड़ने पर आप में भेज देती है, खासतौर पर चुनाव के दौरान, अब एक ही समय में तीन विधायकों को मुख्यमंत्री द्वारा शामिल करना यह गठजोड़ उजागर करता है। ’ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उस समय उन्हे अपनी पार्टी में बुला लिया ,जब उन्हे कुर्सी की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है’।
सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि सभी संवैंधानिक आवश्यकताओं को दरकिनार कर दिया गया है, क्योंकि वे कांग्रेस सरकार का समर्थन कर रहे हैं। उन्होने कहा कि आप विधायकों को मूल पार्टी छोड़ने, नई पार्टी बनाने , यहां तक कि खुलेआम कांग्रेस मे जाने के बावजूद विधानसभा की सदस्यता रखने की अनुममित दी गई’। ‘ यह उन लोगों के साथ लोकतांत्रिक धोखाधड़ी है ,जिन्होने इन्हे सदस्यों के रूप में चुना है।
सुखपाल खैहरा का उदाहरण देते हुए सरदार बादल ने कहा कि आम आदमी पार्टी के टिकट पर विधानसभा के लिए चुने गए खैहरा ने जनवरी 2019 में अपना संगठन – पीपुल्स एकता पार्टी बनाने के लिए पार्टी छोड़ दी। उन्होने कहा कि इसके बाद खैहरा ने पीईपी उम्मीदवार के रूप में बठिंडा लोकसभा चुनाव लड़ा था और यहां तक कि उनकी जमानत भी जब्त हो गई थी। सरदार बादल ने कहा कि ‘ विधानसभा से निलंबित करने के बजाय खैहरा को सदस्य के रूप में बने रहने की अनुमति दी गई क्योंकि यह सब कांग्रेस पार्टी के कहने पर किया गया’। अब जब मुख्यमंत्री की कुर्सी संकट में है खैहरा तथा अन्य दो विधायक – कमालू और पीरामल उनकी मदद के लिए मैदान में कूद पड़े हैं। यह सब साबित करता है कि आप , जो पहले से ही कांग्रेस पार्टी की बी-टीम के रूप में काम कर रही है, पंजाब में कांग्रेस के साथ अनधिकृत गठबंधन किया हुआ हैं

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