पीएयू विवाद पर बोले कैबिनेट मंत्री कुलदीप धालीवाल, कहा- सभी मानदंडों का पालन कर हुई थी वीसी की नियुक्ति

पीएयू विवाद पर बोले कैबिनेट मंत्री कुलदीप धालीवाल, कहा- सभी मानदंडों का पालन कर हुई थी वीसी की नियुक्ति

-राज्यपाल का सरकार को भेजा गया  पत्र दिल्ली भाजपा मुख्यालय से तैयार किया गया:धालीवाल

चंडीगढ़,18 अक्टूबर:

कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने डॉ सतबीर सिंह गोसल को पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के कुलपति  पद से हटाने के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के फैसले की आलोचना की। उन्होंने कहा कि वह जानबूझकर सरकार के कामकाज में दखलंदाजी कर रहे हैं।

मंगलवार को यहां पंजाब भवन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंत्री धालीवाल ने पीएयू वीसी की नियुक्ति को रद्द करने के पंजाब के राज्यपाल के आदेशों को ‘अवैध’ करार दिया और कहा कि वीसी की नियुक्ति सभी मानदंडों का पालन करने के बाद की गई थी।

राज्यपाल पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि राज्यपाल असंवैधानिक कार्रवाई कर रहे हैं और पंजाब सरकार को भेजा गया उनका पत्र वास्तव में दिल्ली भाजपा मुख्यालय से तैयार किया गया था।

उन्होंने राज्यपाल से इस असंवैधानिक कार्रवाई के लिए पंजाबियों से तुरंत माफी मांगने को कहा।  उन्होंने कहा कि आप सरकार अपने काम में किसी भी तरह का दखल बर्दाश्त नहीं करेगी।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि राज्यपाल ने सरकार को लिखे अपने पत्र में दावा किया है कि यह नियुक्ति यूजीसी के नियमों तहत नहीं हुई है।  जबकि पीएयू हरियाणा और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय अधिनियम 1970 के तहत आता है। यूजीसी का पीएयू से कोई लेना देना नही है।

उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई करने से पहले राज्यपाल को विश्वविद्यालय अधिनियम को पढ़ना चाहिए था और अगर यह ‘अवैध नियुक्ति’ है तो उन्हें स्पष्ट करना चाहिए कि लुधियाना विश्वविद्यालय के वीसी का पद एक साल से खाली क्यों है।

उन्होंने आगे कहा कि पीएयू के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए मान सरकार ने पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन कर तीन नामों का चयन कर यूनिवर्सिटी बोर्ड को भेज दिया था।  बाद में, बोर्ड ने वह नियुक्ति की, और मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक बैठक हुई। उन्होंने राज्यपाल से राज्य सरकार को भेजे गए अपने पत्र को तुरंत वापस लेने की मांग की।

उन्होंने कहा कि भाजपा राज्य में आप के असाधारण कामकाज को किसी भी तरह से रोकना चाहती है।

“राज्यपाल अपने संवैधानिक पद की गरिमा का उल्लंघन कर रहे हैं।  अगर वह राजनीति करना चाहते हैं तो गुजरात और हिमाचल में चुनाव हैं, उन्हें वहां चुनाव लड़ना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आप सरकार ने दो कुलपतियों के पद के लिए दो सबसे योग्य उम्मीदवारों की नियुक्ति की, लेकिन राज्यपाल ने दोनों पर आपत्ति जताई, जो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि वह नहीं चाहते कि ‘आप’ पंजाब के लोगों के विकास के लिए काम करे।

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