दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को आशिर्वाद देने के लिए एक आदर्श शिक्षिका पहुंची- राज्यपाल

BANDARU GOVERNER
हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस पर उन्हें श्रद्धापूर्वक याद करते हुए कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी शहादत की इतिहास में कोई बराबरी नहीं है।

राज्य सरकार ने प्रदेश में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आधारभूत ढांचा सुदृढ़ करने पर दिया जोर – बंडारू दत्तात्रेय

राष्ट्रपति के आगमन से नव-उत्साह, नई उमंग और प्रेरणा का संचार हुआ है – मुख्यमंत्री

देश को आगे ले जाने के लिए स्किल पहली जरूरत – मनोहर लाल

नई शिक्षा नीति को हरियाणा में वर्ष 2025 तक पूरी तरह लागू करेंगे – मुख्यमंत्री

चंडीगढ़, 29 नवंबर – भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रीय प्रौ़द्योगिकी संस्थान, कुरुक्षे़त्र के 18वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करने पर हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्ता़त्रेय ने कहा कि राष्ट्रपति ने दीक्षांत समारोह में पहुंचकर हम सबको गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा कि आज का दिन डिग्री प्राप्त विद्यार्थियों के लिए और भी खास व महत्वपूर्ण बन गया है, क्योंकि उन्हें आशिर्वाद देने के लिए एक आदर्श शिक्षिका पहुंची है, जो विकट परिस्थितियों का सामना करते हुए आज देश के संवैधानिक सर्वोच्च पद पर पहुंची हैं।

श्री बंडारू दत्ता़त्रेय ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप पेशेवर जीवन में आगे बढ़कर संस्थान का नाम रौशन करें और देशसेवा के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने प्रदेश में शिक्षा को बढ़ावा देने और शिक्षा के लिए वातावरण बनाने के लिए आधारभूत ढांचा को सुदृढ़ करने का काम किया है।

उन्होंने कहा कि आज के युग में अवसरों की कोई कमी नहीं है। इंटरनेट एक ऐसा माध्यम है, जिससे अनुसंधान के क्षेत्र में कार्य करने में आसानी हुई है। विद्यार्थियों को भी इंटरनेट का उपयोग कर स्वयं को अपडेट और अपग्रेड करने का काम करना चाहिए।

राष्ट्रपति के आगमन से नव-उत्साह, नई उमंग और प्रेरणा का संचार हुआ है – मुख्यमंत्री

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने राष्ट्रपति का स्वागत और अभिनंदन करते हुए कहा कि राष्ट्रपति की उपस्थिती से हम सब में नव-उत्साह, नई उमंग और प्रेरणा का संचार हुआ है।

मुख्यमंत्री ने डिग्री प्राप्त विद्यार्थियों को बधाई व शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के माता-पिता भी बधाई के पात्र हैं जिन्होंने उन्हें इस मंजिल तक पहुंचाया है। साथ ही, विद्यार्थियों को तराशकर इस मुकाम पर पहुंचाने वाले शिक्षकों को भी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी।

देश को आगे ले जाने के लिए स्किल पहली जरूरत

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि 21वीं सदी का भारत दुनिया का सिरमौर बने। इसके लिए उन्होंने मेक इन इण्डिया, डिजीटल इण्डिया, स्टैण्डअप इण्डिया और स्टार्टअप जैसे कार्यक्रम राष्ट्र को दिये हैं। इन सब कार्यक्रमों का आधार स्किल इण्डिया है। स्किल किसी भी क्षेत्र में देश को आगे ले जाने के लिए पहली जरूरत है। इसी जरूरत को पूरा करने के लिए एन.आई.टी, कुरुक्षेत्र की तरह नवीनतम प्रौद्योगकी की शिक्षा देने वाले ऐसे अनेक संस्थान हरियाणा में स्थापित हो चुके हैं। इनके अलावा कला, वाणिज्य, विज्ञान, प्रबंधन, विधि, चिकित्सा, पशु चिकित्सा, फाइन आर्ट्स, फैशन व डिजाइनिंग, फिल्म व टेलीविजन, सूचना प्रौद्योगिकी आदि हर क्षेत्र में विश्व स्तरीय व्यावसायिक व रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए उच्चकोटि के संस्थान हरियाणा में विद्यमान हैं।

नई शिक्षा नीति को हरियाणा में वर्ष 2025 तक पूरी तरह लागू करेंगे – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपनी भावी पीढ़ी को ऐसी शिक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो उन्हें रोजगार सक्षम बनाए, चरित्रवान बनाए और उनमें नैतिक गुणों का समावेश करे।इसे साकार करने के लिए नई शिक्षा नीति लागू की है, जिसे वर्ष 2025 तक पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि एन.आई.टी., कुरुक्षेत्र हरियाणा का गौरव है। इस संस्थान की स्थापना क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कालेज के रूप में वर्ष  1963 में हुई थी। हरियाणा राज्य इसके लगभग 3 साल बाद 1 नवम्बर, 1966 को अस्तित्व में आया। इस प्रकार इस संस्थान ने मरुस्थलीय क्षेत्र से आधुनिक हरियाणा तक 7 दशकों को हमारे साथ जीया है। इस चमचमाती सड़कों, शानदार इमारतों, बड़े-बड़े उद्योगों वाले हरियाणा के निर्माण में इस संस्थान से निकले दक्ष व कुशल इंजीनियरों का भी बड़ा योगदान है।

उन्होंने कहा कि इस संस्थान पर हमें गर्व है कि जब एन.आई.टी, कुरुक्षेत्र अपना हीरक जयंती वर्ष मना रहा है तो इसे आर्शीवाद देने के लिए स्वयं राष्ट्रपति आई हैं। उन्होंने कहा कि आज ही राष्ट्रपति ने अंतर्राश्ट्रीय गीता महोत्सव का शुभारंभ किया है। वहां आपने हरियाणा की आध्यामिक पृष्ठभूमि और सांस्कृतिक वैभव के दर्शन किए। यहां आपके सामने 21वीं सदी के युग की अति आधुनिक तकनीकी शिक्षा से युक्त हरियाणा उपस्थित है।

हर क्षेत्र में विश्व स्तरीय व्यावसायिक व रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए उच्चकोटि के संस्थान हरियाणा में विद्यमान

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला रोहतक के सुनारिया में आईआईएम, कुरुक्षेत्र में नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इर्न्फोमेशन टेक्नोलोजी, कुरुक्षेत्र के उमरी में उत्तर भारत का पहला नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ डिजाइन  और पंचकूला में निफ्ट स्थापित किया गया है। इसी प्रकार, अन्य जिलों में भी ऐसी ही संस्थान स्थापित हुए हैं। सोनीपत और झज्जर में आईआईटी दिल्ली के विस्तार परिसर स्थापित किये जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वर्ष 1966 में जब हरियाणा का गठन हुआ तो यहां केवल एक विश्वविद्यालय था लेकिन अब हरियाणा में 56 विश्वविद्यालय खुल चुके हैं। हरियाणा में विद्यार्थियों को तकनीकी शिक्षा देने के लिए 41 सरकारी, सोसाइटी व सहायता प्राप्त और 454 निजी बहुतनीकी संस्थान स्थापित हैं। इनके अलावा, 4 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज, 89 निजी इंजीनियरिंग कालेज और 4 तकनीकी विश्वविद्यालय तकनीकी शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

हरियाणा में सभी तकनीकी संस्थाओं में लड़कियों के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई

श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश की बेटियां अपनी प्रतिभा से हर क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां प्राप्त कर रही हैं। इसलिए सभी तकनीकी संस्थाओं में लड़कियों के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई हैं। सरकारी बहुतकनीकी संस्थानों में पढ़ने वाली छात्राओं से कोई ट्यूशन फीस नहीं ली जाती है। कॉलेजों व पॉलीटेक्निक्स में छात्रों के लिए निःशुल्क पासपोर्ट सहायता योजना शुरू की गई है। कॉलेजों में लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस भी बनाए जा रहे हैं। उद्योगों की भागीदारी से छात्रों को 4 से 6 महीने का मुफ्त प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।

आत्मनिर्भर भारत के विजन के तहत स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय तक की शिक्षा को कौशल के साथ जोड़ा

श्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए क्रेडिट गारंटी योजना की सुविधा प्रदान की गई है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का जो नारा दिया है, वह भी स्किल अर्थात कौशल के जरिए ही साकार हो सकता है। इसलिए हमने हरियाणा में स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय तक की शिक्षा को कौशल के साथ जोड़ा है।

युवाओं के कौशल प्रशिक्षण के लिए प्रदेश में कौशल विश्वविद्यालय किया स्थापित

कौशल विकास की दिशा में एक और ठोस कदम उठाते हुए जिला पलवल के दुधौला में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना की गई। यह विश्वविद्यालय अपनी तरह का एक अद्वितीय विश्वविद्यालय है, जो प्रमाण-पत्र से लेकर डॉक्टरेट स्तर तक कौशल शिक्षा प्रदान करेगा। इसके माध्यम से उद्योगों की आवष्यकता के अनुरूप प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि नई प्रौद्योगिकी के विकास और प्रसार में एन.आई.टी., कुरुक्षेत्र जैसे संस्थानों से हमें निरतंरत सहयोग मिला है। उन्होंने इस संस्थान के दीक्षांत समारोह के आयोजन के लिए प्रबंधकों को बधाई दी और आज उपाधि प्राप्त करने वाले और संस्थान में शिक्षा ग्रहण कर रहे सभी युवाओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने वर्ष 2017 बैच के गोल्ड मेडलिस्ट विद्यार्थियों तथा मुख्यमंत्री ने 2016 बैच के गोल्ड मेडलिस्ट विद्यार्थियों को मेडल व प्रमाण पत्र प्रदान किये।

इस अवसर पर सांसद श्री नायब सिंह सैनी, खेल एवं युवा मामले राज्य मंत्री सरदार संदीप सिंह, विधायक श्री सुभाष सुधा, मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल, एन.आई.टी. कुरुक्षेत्र के शासक मंडल के अध्यक्ष और संस्थान के निदेशक डॉ. बी.वी. रमना रेड्डी सहित अन्य गणमान्य अतिथिगण उपस्थित रहे।

 

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