कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने सरकारी मुलाजिमों के लिए 1500 करोड़ रुपए का और तोहफ़ा ऐलाना

Punjab Chief Minister Captain Amrinder Singh

बेसिक पे में 15 प्रतिशत और इससे अधिक कम से कम विस्तार हुआ, कर्मचारियों के वेतन/पैंशन में औसतन विस्तार सालाना 1.05 लाख रुपए तक पहुंचा
मुख्यमंत्री ने मंत्रियों और विभाग मुखियों को मुलाजिमों की वाजिब शिकायतें हल करने के दिए निर्देश परन्तु अगर विरोध जारी रहता तो सख़्त कार्यवाही की जाये
चंडीगढ़, 26 अगस्त 2021
सरकारी कर्मचारियों और पैनशनरों को 1500 करोड़ रुपए का और अतिरिक्त तोहफ़ा देते हुये पंजाब सरकार ने बेसिक पे में और विस्तार करते हुये 31 दिसंबर, 2015 की बेसिक पे में कम से कम 15 प्रतिशत और अधिक विस्तार करने का फ़ैसला किया। इसके इलावा कुछ भत्तों को बहाल करने का फ़ैसला किया गया।
इस फ़ैसले से कर्मचारियों के वेतन/पैंशन में सालाना कुल औसतन विस्तार 1.05 लाख रुपए तक हो जायेगा जो पहले छटे वेतन आयोग की सिफारिशों को मानने के बाद 79,250 रुपए था जो पहली जुलाई 2021 से लागू किया गया था। मुलाजिमों के लिए पहले यह तोहफ़ा कुल 4700 करोड़ रुपए का था।
और वृद्धि करने का फ़ैसला आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता अधीन हुई कैबिनेट मीटिंग में किया गया जिन सभी मंत्रियों, प्रशासनिक सचिवों और विभागों के मुखियों को निर्देश दिए कि वह अपने-अपने विभाग से सम्बन्धित मुलाजिमों की शिकायतों का जल्दी हल करें। आज के फ़ैसले से मुलाजिमों की सभी वाजिब माँगें हल हो जाएंगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर मुलाज़ीम अपना विरोध-प्रदर्षन निरंतर जारी रखते हैं तो नियमों के अनुसार सख़्त कार्यवाही की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने 2.85 लाख मुलाजिमों और 3.07 लाख पैनशनरों जिनको आज के फ़ैसले से फ़ायदा होगा, की शिकायतों के हल के लिए कैबिनेट मंत्री ब्रह्म महिंद्रा और अन्यों की कोशिशों की सराहना की। सरकारी खजाने पर अब वेतन/पैनशनों का कुल बोझ 42673 करोड़ रुपए सालाना होगा।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि मेडिकल भत्ता, मोबाइल भत्ता, यातायात भत्ता और सिटी कम्पनसेटरी भत्ता (सी.सी.ए.) जैसे आम भत्तों को पहली जुलाई 2021 से संशोधित दरों
(2.59 गुणा 0.8) के हिसाब से बहाल करने के साथ ही कैबिनेट के फ़ैसले के अनुसार सभी जारी भत्ते न सिर्फ़ बरकरार रखे गए हैं, बल्कि पहले की अपेक्षा दोगुने कर दिए गए हैं जितने पहले मिलते थे।
मंत्रीमंडल ने डाक्टरों को संशोधित बेसिक पे के 20 प्रतिशत के हिसाब से मिलनेयोग्य ग़ैर प्रेक्टिस भत्ता (एन.पी.ए.) को वेतन का हिस्सा मानने और कर्मचारियों के लिए सचिवालय वेतन (पंजाब सिवल सचिवालय में काम करते) को पहली जुलाई 2021 से दोगुना करने और वेतन का हिस्सा मानने की मंजूरी दे दी है।
इसके अलावा नेशनल पैंशन स्कीम के अधीन आने वाले कर्मचारियों को अब मौत होने की सूरत में पारिवारिक पैंशन के अधीन कवर किया गया है जिसमें 5 मई, 2009 के पारिवारिक पैंशन दिशा निर्देशों को अपनाया गया है जिससे 4 सितम्बर, 2019 के जारी दिशा निर्देशों में वाजिब तबदीलियाँ करके पंजाब सिवल सेवाएं नियम भाग -2 के अंतर्गत नयी पैंशन स्कीम के अधीन आते राज्य के कर्मचारियों पर भारत सरकार के मुलाजिमों की तर्ज़ पर लागू किया जाये।
कैबिनेट ने एक और फ़ैसले के द्वारा कर्मचारियों के परख काल समय की सेवा को ए.सी.पी. के मंतव्य के लिए गिना जाये जैसे कि आम राज प्रबंध विभाग की तरफ से ऐसा पहला ही किया जा रहा है।
कैबिनेट की तरफ से किया गया फ़ैसला स्थानीय निकाय मंत्री ब्रह्म महिंद्रा के नेतृत्व अधीन बनी मंत्रियों के समूह की कमेटी की तरफ से की गई सिफारिशों पर आधारित है। यह कमेटी विभिन्न कैटेगरियों के मुलाजिमों की माँगों पर विचार करने के लिए बनाई गई थी। 25 जून 2021 को बनाई गई इस कमेटी में वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू, सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्री साधु सिंह धर्मसोत और मेडिकल शिक्षा और अनुसंधान मंत्री ओ.पी.सोनी को शामिल किया गया था। इसी तरह मुलाजिमों की माँगों के लिए अफसरों की कमेटी बनाई गई थी जिसमें प्रमुख सचिव वित्त, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं प्रमुख सचिव परसोनल को शामिल किया गया था।
मुलाजिमों की विभिन्न एसोसिएशनों के साथ चरणबद्ध मीटिंगों के बाद अफसरों की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश की जिसके बाद इस पर मंत्रियों के ग्रुप द्वारा विचार किया गया। इस कमेटी की तरफ से मुलाज़िम एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों को निजी तौर पर भी सुना गया और अपनी सिफारिशें मंत्रीमंडल को दी गई।

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