कैप्टन सरकार को आखिरकार मानना ही पड़ा कि बिजली समझौते घातक हैं : अमन अरोड़ा

Aman Arora
5773 ਪਿੰਡਾਂ ਨੂੰ ਰੈਵੀਨਿਊ ਲੈਂਡ ਦੀ ਰਜਿਸਟਰੀ ਲਈ ਐਨ.ਓ.ਸੀ. ਤੋਂ ਦਿੱਤੀ ਛੋਟ

जब तक समझौते रद्द नहीं होंगे और सस्ती बिजली नहीं मिलेगी, तब तक लोग सरकार पर भरोसा नहीं करेंगे: मीत हेयर
समझौते रदद करने की प्रक्रिया बिजली आंदोलन तथा लोगों की शुरुआती जीत: आप
चंडीगढ़, 28 अगस्त 2021
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने राज्य सरकार द्वारा निजी बिजली कंपनियों के साथ घातक और महंगे बिजली खरीद समझौते (पीपीए) को रद्द करने को लेकर शुरू की गई प्रक्रिया को देर से मगर सही फैसला बताते हुए इसे पार्टी का बिजली आंदोलन तथा लोगों की शुरुआती जीत करार दिया।
शनिवार को पार्टी कार्यालय से जारी एक संयुक्त बयान में आप के सीनियर लीडर तथा विधायक अमन अरोड़ा तथा गुरमीत सिंह मीत हेयर ने कहा कि जनता के दबाव के आगे झुकते हुए कैप्टन सरकार ने आखिरकार स्वीकार कर लिया है कि निजी बिजली कंपनियों के साथ बादल द्वारा किए गए बिजली समझौते पूरी तरह से गलत, एकतरफा और घातक हैं, जिन्हें अब रद्द करने की प्रक्रिया चल रही है। बेहतर होता कि सत्तारूढ़ कांग्रेस 2017 में अपने चुनावी वादे के अनुरूप सरकार बनते ही यह कदम उठाती और समझौतों को रद्द करती। लेकिन अब कैप्टन सरकार के पास छह महीने से भी कम समय बचा है। जब तक यह प्रक्रिया सिरे नहीं चढ़ती तब तक कांग्रेसियों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। लोगों का भरोसा तभी जीता जा सकता है जब समझौते रद्द होंगे और हर वर्ग को सस्ती बिजली मिलेगी।’
अमन अरोड़ा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे राजनेता अपने लिखित चुनावी वादों और गुटका साहिब की शपथ लेकर पहले ही मुकर चुके हैं, इसलिए आम आदमी पार्टी ऐसे अवसरवादी नेताओं पर तब तक भरोसा नहीं कर सकती, जब तक पंजाब के खजाने और लोगों को महंगी बिजली से छुटकारा नहीं मिलता।
अमन अरोड़ा ने आगे कहा कि अगर सरकार ने चार साल पहले समझौते रद्द कर दिए होते, तो राज्य और लोगों पर अरबों रुपए का अतिरिक्त आर्थिक बोझ न पड़ता। अमन अरोड़ा ने सवाल किया कि बादल शासन से लेकर कांग्रेसियों के साढ़े चार साल के शासन के दौरान निजी बिजली माफिया द्वारा सरकारी खजाने और लोगों की जेब से लूटे गए करोड़ों रुपये का हिसाब कौन देगा? क्या कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू इसे स्पष्ट करेंगे?
वहीं, विधायक मीत हेयर ने भी सरकार के घेरते हुए सवाल उठाया कि समझौते रद्द करने की प्रक्रिया को गुपचुप तरीके से क्यों अंजाम दिया गया है? जबकि यह काम पंजाब विधानसभा के जरिए होना चाहिए था? हेयर ने आप के कार्यकर्ता और पदाधिकारियों से बिजली आंदोलन के तहत सरकार तथा निजी बिजली माफिया के खिलाफ अपने जागरूकता अभियान को तब तक जारी रखने का आवाहन किया जब तक लोगों को सस्ती और निर्बाध बिजली नहीं मिलती।
हेयर ने आगे कहा कि अगर कैप्टन सरकार ने बिजली सौदों को रद्द करने की प्रक्रिया में कोई होशियारी या लापरवाही बरती, तो कैप्टन सरकार को लोगों के गुस्से का सामना करने को तैयार रहना होगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अगर कांग्रेस समझौतों को रद्द करने की प्रक्रिया को पूरा करने में विफल रही, तो आप की सरकार बनने के पहले महीने के अंदर बिजली सौदे रद्द कर दिए जाएंगे और दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तरह निजी बिजली माफिया पर नकेल कसी जाएगी।

Spread the love