कृषि विरोधी काले कानून रद्द होने तक संसद नहीं चलने देंगे-भगवंत मान

काले कानूनों के मुद्दे पर सदन में दो फाड़ है कांग्रेस-‘आप’ संसद सदस्य
दिल्ली/चंडीगढ़, 20 जुलाई 2021
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष व सांसद भगवंत मान ने ऐलान किया है कि केंद्र की मोदी सरकार जब तक कृषि विरोधी तीनों काले कानून रद्द नहीं करती, तब तक संसद की कार्यवाही चलने नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही ‘आप’ संसद ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सदन में पंजाब से सम्बन्धित 4-5 सांसदों को छोड़ कर कांग्रेस के बाकी सभी सांसद किसानों के हक में कृषि कानूनों के विरुद्ध बोलने की बजाए ‘राहुल गांधी की जासूसी’ के मुद्दे पर शोर-शराबा करते हैं।
मंगलवार को पार्टी द्वारा जारी बयान में भगवंत मान ने स्पष्ट कहा कि कृषि कानून रद्द किए बिना पूरे मानसून सत्र के दौरान संसद की कार्यवाही चलने नहीं दी जाएगी। मान के मुताबिक सरकार को सत्र शुरू होने से पहले ही औपचारिक सर्व पार्टी बैठक में यह बता दिया गया था। भगवंत मान ने कांग्रेस की नीयत और नीति पर सवाल उठाते कहा कि कांग्रेस किस दबाव में है, वह अपने सभी सांसदों को एक साथ कृषि विरोधी कानूनों के खि़लाफ डटे रहने का निर्देश क्यों नहीं देती?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी करते भगवंत मान ने कहा कि देश वासियों ने प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ बहुत सुन ली है और अब उनको देश के किसानों, मजदूरों और आम लोगों की बात जरूर सुननी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के किसान राजधानी की सीमाओं पर पिछले 8 माह से बैठे हैं, परन्तु बेरहम केंद्र सरकार किसानों की बात सुनने के लिए तैयार ही नहीं है। मान ने कहा कि हमें सभी को किसानों ने वोट डाल कर चुना है और हमारी जिम्मेदारी है कि किसान विरोधी तीनों ही काले कानूनों के विरुद्ध किसानों की आवाज को संसद में बुलंद किया जाए। भारी बारिश होने के कारण धरना स्थल पर किसानों के टैंट और बिस्तरे आदि पानी में डूब जाने पर दुख जाहिर करते मान ने कहा सत्ताधारी बेरहम दिल हो गए हैं, जिनको देश के किसान-मजदूरों के दुख दर्द की कोई चिंता नहीं है।
आम आदमी पार्टी की ओर से काले कानून रद्द करने की मांग करते सांसद भगवंत मान ने ‘किसान मजदूर एकता जिंदाबाद, तीनों ही कृषि कानून वापस लो’ का नारा बुलंद किया। उन्होंने आगे कहा कि 22 जुलाई को जब किसान काले कानून रद्द करवाने के लिए संसद के समक्ष शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने के लिए आएंगे तो वह खुद आगे हो कर किसानों का समर्थन करते हुए स्वागत करेंगे।

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