पंजाब की कपास बेल्ट में गुलाबी सुंडी के प्रकोप का मामला

KULTAR SINGH SANDHAVA
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प्रभावित किसानों को 100 फीसदी मुआवजा दे पंजाब सरकार: कुलतार सिंह संधवां
किसानों  को दबाने की साजिश के तहत फसलों के खराब होने के किसानों के दावे से इंकार नहीं किया जा सकता: प्रो बलजिंदर कौर

चंडीगढ़, 21,सितंबर 2021 

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के विधायक और किसान विंग के प्रदेश अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां और विधायक प्रो बलजिंदर कौर ने गुलाबी सुंडी के कारण राज्य में कपास की फसल को हुए भारी नुकसान पर चिंता व्यक्त करते हुए पंजाब के नवनियुक्त मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और सत्ताधारी कांग्रेस से पंजाब की कपास बेल्ट का मूल्यांकन कर प्रभावित किसानों को 100 प्रतिशत मुआवजा देने की मांग की है। उन्होंने बीटी कपास के बीज और कीटनाशकों की किस्म के संबंध में हाईकोर्ट की निगरानी में उच्च स्तरीय जांच कराने की भी मांग की है।

मंगलवार को यहां पार्टी मुख्यालय से जारी एक संयुक्त बयान में कुलतार सिंह संधवां और प्रो बलजिंदर कौर ने कहा कि कपास की बुवाई का समय निकल चुका है और अब नई फसल की बुवाई नहीं की जा सकती है, इसलिए सरकार को किसानों को फसल के पूरे नुकसान की भरपाई करनी चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि बठिंडा, मानसा, श्री मुक्तसर साहिब, फाजिल्का और राज्य के अन्य जिलों में गुलाबी सुंडी का व्यापक हमला बादल सरकार के 2015 के सफेद मक्खी कीटनाशक घोटाले के समान है। “सत्तारूढ़ सरकार की लापरवाही के कारण मालवा बेल्ट में पूरी कपास की फसल नष्ट हो गई है। किसानों के दर्जनों बार कीटनाशक का छिड़काव करने के बाद भी गुलाबी सुंडी का प्रकोप खत्म नहीं हो रहा है।”

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बीटी कपास के बीज और कीटनाशकों की किस्मों पर आप नेताओं ने कहा कि मामले को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की निगरानी में उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। “किसानों के साथ यह एक और घोटाला है जिसके कारण उन्हें आर्थिक और मानसिक रूप से नुकसान उठाना पड़ा है। जिस तरह बादल सरकार के समय नकली व बेअसर दवाओं के चलते सफेद मक्खी ने खेती को तबाह कर दिया था, उसी तरह आज गुलाबी सुंडी भी खेती को तबाह कर रही है,जिसकी गहराई से जांच होनी चाहिए।”

आप विधायकों ने कहा कि किसानों के इस दावे से इंकार नहीं किया जा सकता कि  संघर्ष कर रहे किसानों के आंदोलन को दबाने की साजिश के तहत उनकी फसल को नुकसान पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि “ यह किसानों की फसलों को नष्ट कर उन्हें कमजोर करने की योजना हो सकती है ताकि वे कॉरपोरेट घरानों के सामने घुटने टेक दें।”

कुलतार सिंह संधवां और प्रो बलजिंदर कौर ने मांग की कि  किसानों की फसल के नुकसान का आकलन प्रति एकड़ को एक इकाई मानकर किया जाना चाहिए और प्रभावित किसानों को कम से कम 50,000 रुपये प्रति एकड़ जमीन का मुआवजा दिया जाना चाहिए। आप नेताओं ने कटाक्ष करते हुए कहा कि यदि पिछली 2015 में बादल सरकार के दौरान सफेद मक्खी की घटना में शामिल दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई होती तो दोबारा ऐसी हरकत करने की किसी की हिम्मत नहीं होती।

आप नेताओं ने आगे कहा कि राज्य के किसान पहले से ही कर्ज में डूबे हुए हैं और कई आत्महत्या कर चुके हैं। उन्होंने मांग की है कि “कांग्रेस सरकार को इस मामले को लेकर तुरंत हस्तक्षेप करते हुए किसानों को उनकी फसल के नुकसान के पूरा मुआवजा देना चाहिए। साथ ही मामले की गहराई से समयबद्ध जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

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