शिरोमणी अकाली दल ने गेंहू के न्यूनतम समर्थन मूल्य में अल्प वृद्धि को खारिज किया

“Govt slamming the door shut on farmers face “- Sukhbir Singh Badal

सरदार सुखबीर सिंह बादल ने न्यूनतम समर्थन मूल्य में कम से कम 150 रूपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की मांग की
कहा कि प्रधानमंत्री हस्तक्षेप करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसानों को कोई नुकसान न हो
चंडीगढ़/08सितंबर 2021 शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज केंद्र सरकार द्वारा घोषित गेंहू के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 40 रूपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को एकमुश्त खारिज कर दिया और किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य देने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में कम से कम 150 रूपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी करने की मांग की। उन्होने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसानों को कोई नुकसान न हो।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष ने कहा कि ऐसे समय में जब देश भर में किसान तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की उनकी भावनाओं का सम्मान करने में नाकाम रहने के लिए भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए सरकार से व्यथित हैं, केंद्र ने हाल ही में सबसे कम एमएसपी बढ़ोतरी की घोषणा की है। उन्होने गेंहू के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में 150 रूपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की मांग करते हुए कहा कि केंद्र द्वारा यह बढ़ोतरी ‘‘ किसानों के घावों पर नमक छिड़कने जैसा है’’।
अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार पिछले एक साल में डीजल और उर्वरकों की कीमतों में अभूतपूर्व बढ़ोतरी को ध्यान में नही रख रही है। ‘‘ यह जमीनों को ठेके पर लेने और स्वामित्व वाली जमीन पर ब्याज सहित किसानों की सभी लागतों को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गिनती करने में विफल रहे हैं। किसानों को उनके व्यय की प्रारंभिक गणना के बजाय उनके द्वारा किए गए सभी खर्चों की गणना करने के बाद पचास फीसदी लाभ सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
सरदार बादल ने कहा कि केंद्र द्वारा घोषित कम न्यूनतम समर्थन मूल्य के परिणामस्वरूप खेती के विकास में ऐसे समय में मंदी आएगी जब देश को अपनी कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। ‘‘ किसानों की इस तरह से नामात्र मदद करके राजग सरकार ने 2022 तक कृषि आय दोगुनी करने के वादे का संकल्प इस तरह हरगिज पूरा नही किया जा सकता। उन्होने कहा कि वास्तव में खेती की आय वास्तविक अर्थों में कम हो जाएगी , यदि न्यूनतम समर्थन मूल्य में तत्काल बढ़ोतरी नही की जाती है’’।
अकाली दल अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने और कृषि अर्थव्यवस्था को धक्का लगने से बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध किया। उन्होने कहा कि कृषि उत्पादों के विपणन और निर्यात पर प्रोत्साहन देने के अलावा खेती आदानों पर से कर हटाया जाना चाहिए। ‘‘ केंद्र को भूमि जल की कमी को रोकने के लिए जल प्रबंधन उपायों पर सब्सिडी देने के अलावा किसानों को मिटटी के पोषक तत्वों की कमी की जांच में मदद करने के लिए एक वित्तीय परिव्यय निर्धारित करने की भी जरूरत है’’।

Spread the love